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'बाइक बोट' नाम की कंपनी पर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के इल्जाम

लोगों से ये कह कर पैसे लगवाए कि इस पैसे से किराए पर बाइक चलेगी और उन्हें पैसा मिलेगा...

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संजय भाटी की कंपनी निवेशकों के सामने तरह-तरह के लुभावने ऑफर पेश करती थी. लोग लालच में आकर पैसा लगा देते थे. फोटो. फेसबुक.
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अनिरुद्ध
14 फ़रवरी 2019 (Updated: 15 फ़रवरी 2019, 10:48 AM IST) कॉमेंट्स
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निवेशकों के एक बार फिर करम फूट गए. बाइक टैक्सी चलवाने वाली एक कंपनी पर धोखाधड़ी के इल्जाम लग रहे हैं. गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड नाम की कंपनी बाइक बोट नाम से बाइक टैक्सी चलवा रही थी. दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई शहरों में कंपनी बाइक टैक्सी की सहूलियत दे रही थी. कंपनी का सीएमडी गौतमबुद्ध नगर का बसपा का पूर्व प्रभारी संजय भाटी है. संजय भाटी और उसके साथियों के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर यानी नोएडा के दादरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.
संजय भाटी के खिलाफ जगतपुरा, जयपुर के सुनील कुमार मीणा ने 34 लाख रुपए की ठगी का केस दर्ज कराया है. सुनील के मुताबिक उसने संजय भाटी की कंपनी में 34 लाख रुपए निवेश किए थे. तब संजय भाटी की कंपनी ने कहा था कि इस निवेश के बदले उसे 51 बाइक और ड्राइवर दिए जाएंगे. फिर एक साल के भीतर 74 लाख रुपए का रिटर्न मिलेगा. कंपनी ने शुरुआत के दो महीने तो रिटर्न दिया. इसके बाद रिटर्न की किस्त बंद कर दी. ये एक बहुत बड़ा फ्रॉड हो सकता है. इसमें हजारों लोग ठगे गए हैं. दादरी पुलिस ने संजय भाटी के अलावा राजेश भारद्वाज, सुनील कुमार प्रजापति दादरी, दीप्ति चहल, सचिन भाटी दादरी और करण पाल दादरी के खिलाफ केस दर्ज किया है. सुनील कुमार मीणा के साथ ही हजारों निवेशकों ने इस तरह की धोखाधड़ी की शिकायत की है.
कंपनी का सीएमडी संजय भाटी बाइक बोट के निवेशकों को घुमाने भी ले जाता था. फेसबुक इमेज.
कंपनी का सीएमडी संजय भाटी बाइक बोट के निवेशकों को घुमाने भी ले जाता था. फेसबुक इमेज.

शुरुआत कैसे हुई? संजय भाटी ने साल 2010 में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड का गठन किया था. इस कंपनी ने फरवरी, 2018 में बाइक बोट नाम से स्टार्टअप शुरू किया. कंपनी ने करीब 50 शहरों में अपना ऐप लॉन्च किया. इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जाता था. फिर ऐप की मदद से मोटरसाइकल बुक की जाती थी. ये बाइक टैक्सी आपको आपकी जगह तक छोड़ देती थी. ये ओला और उबर जैसी बाइक टैक्सी सर्विस थी. नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियबाद, मेरठ, कानपुर और लखनऊ जैसे शहरों में ये सेवा देखते-देखते काफी लोकप्रिय हो गई. कंपनी ने 50 शहरों में 1500 से ज्यादा बाइक लॉन्च की थीं. खास बात ये है कि ये मोटरसाइकलें संजय भाटी की कंपनी की होकर भी नहीं थीं. मतलब ये कि इनको निवेशकों से पैसा लेकर खऱीदा गया था. निवेशकों के सामने एक बिजनेस प्लान रखा गया. ये बताया गया कि आप बाइक की कीमत की रकम कंपनी में निवेश करो. बाइक रोड पर सवारियां ढोएगी. उनसे जो पैसा मिलेगा, उसे आपको महीने में रिटर्न मिलता रहेगा.
बाइक बोट महिलाओं के लिए भी बाइक सेवा उपलब्ध कराती थी. फोटो. फेसबुक पेज,
बाइक बोट महिलाओं के लिए भी बाइक सेवा उपलब्ध कराती थी. फोटो. फेसबुक पेज.

कैसे हुआ फ्रॉड? लोगों को शुरुआत में कोई शक ही नहीं हुआ. कंपनी ने बाइक टैक्सी सर्विस को लॉन्च करने के साथ ही लोगों के सामने एक निेवेश प्लान पेश किया. ये प्लान कुछ-कुछ चिटफंड कंपनियों की तरह थे. लोगों को बताया गया कि आप एक बाइक या एक से ज्यादा बाइक की कीमत का पैसा कंपनी में निवेश करें. बदले में कंपनी आपको हर महीने एक निश्चित रिटर्न देती रहेगी. एक प्लान के मुताबिक 62,100 रुपए के निवेश पर कंपनी हर महीने आपको 9,756 रुपए का रिटर्न देने का वादा करती थी. यानी साल भर में 1,17,180 रुपए का रिटर्न. कंपनी के ऐसे कई प्लान थे. इस तरह बाइक बोट की कंपनी ने लोगों से लाखों रुपए जुटा लिए. गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड ने इस तरह से पैसा जुटाने के लिए देश भर में फ्रैंचाइजी बांट रखी थी. लोगों को समझाया गया कि आप 3, 5 या 7 बाइक की लागत भर का पैसा कंपनी में निवेश कर सकते हैं. बदले में आपको अच्छा खासा रिटर्न मिलेगा. ज्यादातर प्लान के तहत निवेश की गई रकम साल भर में दोगुनी से ज्यादा होने का दावा किया गया था. लोगों ने तगड़ा मुनाफा देखते हुए रातों-रात इस कंपनी में अपने जीवन भर की पूंजी लगा दी.
संजय भाटी केवल बाइक बोट ही नहीं, दूसरी कंपनियां अपने पोर्टफोलियो में दिखाता था. इससे निवेशक उसके प्रभाव में आ जाते थे. फेसबुक इमेज.
संजय भाटी केवल बाइक बोट ही नहीं, दूसरी कंपनियां अपने पोर्टफोलियो में दिखाता था. इससे निवेशक उसके प्रभाव में आ जाते थे. फेसबुक इमेज.

कितने लोग ठगे गए? दादरी पुलिस के मुताबिक संजय भाटी की कंपनी ने दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में अपने ऑफिस खोले. और लोगों से करोड़ों रुपए का निवेश कराया. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी यूपी के मुजफ्फरनगर, बिजनौर, इलाहाबाद और आगरा में अपने ऑफिस खोल चुकी थी. इसी तरह गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत और अंबाला में भी कंपनी अपना कामकाज शुरू करने जा रही थी. पंजाब के लुधियाना और जालंधर के साथ कंपनी ने चंडीगढ़ में भी आरटीओ दफ्तर में बाइक टैक्सी सेवा चलाने के लिए आवेदन किया था. कंपनी रांची, जयपुर, कोटा, उदयपुर, इंदौर और अहमदाबाद में भी अपने सेवाएं शुरू करने की तैयारी में थी. आरोप हैं कि संजय भाटी की कंपनी ने इन शहरों में फ्रैंचाइजी बांटकर लोगों से करोड़ों रुपए जुटा लिए हैं.
कंपनी ने बाइक्स का पूरा बेड़ा तैयार कर रखा था. फोटो. फेसबुक पेज.
कंपनी ने बाइक्स का पूरा बेड़ा तैयार कर रखा था. फोटो. फेसबुक पेज.

कई महीनों से चल रहा बवाल इस कंपनी के खिलाफ शुरुआत से ही लोगों को शक था. जब लोगों को रिटर्न मिलना बंद हो गया, तो कंपनी के अलग-अलग ऑफिसों में लोग हंगामा करने लगे. कुछ दिन पहले कंपनी के दादरी के कोट गांव स्थित कार्यालय में निवेशकों ने तगड़ा हंगामा किया था. आरोप है कि कंपनी के मालिक पर बड़े लोगों का हाथ है. इसीलिए उस पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. कंपनी के लॉन्चिंग के समय कई नेता और अधिकारी मौजूद थे. कई निवेशक ऐसे हैं जिन्होंने तगड़ा निवेश कर रखा है. अब ऐसे सारे लोग फंस गए हैं. ये लोग लगातार कंपनी के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.
कौन है संजय भाटी? संजय भाटी ने अपनी कंपनी का आफिस जीटी रोड पर दादरी के चीती गांव में बना रखा था. आरोप है कि वो राजस्थान के बीएसपी के एक विधायक का करीबी है. उसी के जरिए भाटी को गौतमबुद्ध नगर का बीएसपी का प्रभारी पद मिला था. बाद में उसकी कारगुजारियों के बारे में बसपा नेतृत्व को पता चला. इस पर उसे फौरन ही इस पद से हटा दिया गया. फिर भी उसने अपने रसूख का इस्तेमाल करके करोड़ों रुपए इकट्ठे कर लिए.
कड़ी कार्रवाई की जाएगी दादरी के थाना प्रभारी रामसेन सिंह ने 'लल्लनटॉप' को बताया कि इस पूरे मामले की तहकीकात की जा रही है. जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ  सख्त कार्रवाई का जाएगी. अभी तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है. जल्दी ही सारे पक्षों के बयान दर्ज किए जाएंगे. उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.


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