बक्सर प्रशासन ने यूपी में जाकर लिया एक्शन, नदी में लाशें डालने वाले को पकड़ा
बक्सर में लगाया गंगा पर महाजाल, पहले ही दिन मिले 8 शव
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बक्सर में गंगा में कई दिनों से बह रहे शवों का राज खोलने का दावा प्रशासन ने किया है, जिससे यूपी के इंतजामों पर सवालिया निशान लग गए हैं. फोटो - बक्सर घाट (आज तक)/ पीटीआई (प्रतीकात्मक तौर पर)
बक्सर जिला प्रशासन ने अपने सीक्रेट ऑपरेशन को यूपी के गाजीपुर जिले में किसी 'सर्जिकल स्ट्राइक' की तरह अंजाम दिया. इस खुलासे के बाद यूपी पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है. ये सवाल भी उठ रहे हैं कि जो लाशें बक्सर के महादेव घाट पर मिली थीं, क्या वे यूपी से आई थीं? इस बारे में यूपी की ओर से खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया. बक्सर के जिलाधिकारी ने इस गुप्त अभियान के बारे में आजतक को जानकारी देते हुए बताया-Recorded By Buxar administration Bare police station is in Ghazipur Dist of UP pic.twitter.com/FAkpnLeC7S
— Dhananjay (@Dhananjay_k91) May 11, 2021
अगर हम चौसा में लाश डालते हैं तो लाशें चार-पांच दिन बाद कई किलोमीटर दूर जाकर निकलेंगी. इसका पता लगाने के लिए हमारी टीम नदी किनारे गाजीपुर तक गई थी. वहां टीम ने देखा कि लोग गंगा में लाश डाल रहे हैं. ये काफी गंभीर विषय है. हम लोगों ने गंगा नदी पर महाजाल लगाया है. हम ये देखना चाहते थे कि कितनी लाशें बहकर आ रही हैं. बुधवार को माहजाल से आठ लाशें मिली हैं.बता दें कि बिहार के बक्सर जिले के चौसा प्रखंड में 10 मई को गंगा नदी में कम से कम 40 शव बरामद किए गए थे. उसके बाद भी लाशों के मिलने का सिलसिला जारी था. इससे क्षेत्र में लोग में भय का माहौल बन गया. नदी के पानी में इतनी लाशों की तस्वीरों को कोरोना काल की सबसे भयावह तस्वीर बताया गया. इस मामले की उच्चस्तरीय जांच तक की मांग हुई. अब बक्सर के अधिकारियों के नए खुलासे के बाद यूपी प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं. सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर ये लाशें किनकी हैं? इन्हें इस तरह से रातोंरात नदी में क्यों फेंका जा रहा है? बता दें कि यूपी और बिहार पर लगातार कोरोना से हुई मौतों के आंकड़े छुपाने के आरोप लगते रहे हैं.