बाइडन ने हमास के हमले को भारत से जोड़ा था? वाइट हाउस की अब सफ़ाई आई है
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बिना नाम लिए कहा कि हमास के 'आतंकवादी हमले' की एक वजह भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (IMEEC) है. ऐसी खबर आई थी. अब क्या पता चला?

हमास और इजरायल की जंग (Israel-Hamas War) में कुल 8,000 लोगों से ज़्यादा मारे जा चुके हैं. हमास के लड़ाकों और रॉकेट हमलों ने 1,400 इजरायलियों की जान ले ली. वहीं, इजरायली सेना की हवाई रेड्स की वजह से अब तक 6,500 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. ग़ाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिपोर्ट किया है कि इजरायली हमलों में 2,700 बच्चे भी मारे गए हैं. बीते रोज़, 26 अक्टूबर को ख़बर आई कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने हमास के हमले को भारत से जोड़ दिया है.
बिना नाम लिए कहा कि हमास के 'आतंकवादी हमले' की एक वजह भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (IMEEC) है, जिसका एलान सितंबर महीने में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान किया गया था. हमास के हमले में भारत और G20 का ज़िक्र हुआ, तो चर्चा होने लगी. लेकिन अब वाइट हाउस की सफ़ाई आई है. कह रहे हैं, कि बाइडन के बयान को ग़लत समझा जा रहा है.
बाइडन ने सही-सही कहा क्या था?बाइडन ने दौरे पर आए ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ के साथ एक जॉइंट प्रेस-कॉन्फ़्रेंस में पत्रकारों से बात की. कहा कि उनकी ये थियरी उनके अंदाज़े पर आधारित है, उनके पास कोई सबूत नहीं है. उन्होंने कहा,
"हमास के हमले और हमले की टाइमिंग को देखते हुए मैं आश्वस्त हूं कि इसका एक कारण ये था कि हम इजरायल के एकीकरण और पूरे क्षेत्र के विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे थे. मेरे पास इसका कोई सबूत नहीं है, बस मेरा अनुमान है."
बाइडन ने आर्थिक गलियारे का नाम नहीं लिया. मगर क्षेत्रीय एकीकरण पर हालिया सबसे बड़ा फ़ैसला IME कॉरिडोर ही है. और, एक हफ़्ते से भी कम समय में ये दूसरी बार है जब बाइडन ने हमास के हमले का संभावित कारण क्षेत्रीय विकास को बताया है.
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नए आर्थिक गलियारे को कई लोग चीन की बेल्ट एंड रोड पहल के बरक्स देखते हैं. अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के नेताओं ने सितंबर में जी-20 शिखर सम्मेलन घोषणा की थी. इसका पूर्वी हिस्सा भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ता है और उत्तरी हिस्सा खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से.
ग़लतफ़हमी हुई है26 अक्टूबर को वाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति के बयान को ग़लत समझा गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संचार समन्वयक जॉन किर्बी ने प्रेस को बताया,
"मुझे लगता है आपने उन्हें (बाइडन को) ग़लत समझा है. उन्होंने असल में कहा था कि हम इजरायल और सऊदी अरब के बीच स्थिति सामान्य करने की प्रक्रिया और समझौते तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. हमारा मानना है कि टू-स्टेट सल्यूशन तक पहुंचने के लिए एक ज़रूरी क़दम है. और, इसने हमास को हमला करने के लिए उकसया होगा."
बता दें कि चलते-चलते ग़ाज़ा और इजरायल की जंग का 21वां दिन है. 23 लाख से ज़्यादा लोग हाशिए पर हैं. युद्धविराम के कोई संकेत नहीं दिख रहे.
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