बाबा रामदेव के ट्रस्ट को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने क्या छूट दे दी है?
इस छूट से ट्रस्ट को क्या फायदा होने वाला है?
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रामदेव के पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन को चंदा देने वालों को आयकर विभाग के नए नियम से फायदा होगा. (फाइल फोटो)
'केंद्र सरकार ने इनकम टैक्स 1961 की धारा 35 की उपधारा (1) के क्लॉज (ii) के तहत वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए 'रिसर्च एसोसिएशन' कैटेगिरी में पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट, हरिद्वार को मंजूरी दी है. यह आधिकारिक गजट प्रकाशन की डेट से लागू होगा, और आकलन वर्ष 2022-23 से 2027-28 तक लागू रहेगा.'छूट के साथ कुछ शर्तें भी हैं इस छूट के साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हैं. पतंजलि को यह सुनिश्चित करना होगा कि रिसर्च गतिविधि खुद उसके द्वारा ही संचालित की जाएगी. उसे अपना बहीखाता मेंटेन करना होगा. प्रमाणित अकाउंटेंट से ऑडिट कराने के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में जमा कराना होगा. किसी भी ग्रुप से मिले डोनेशन के बारे में अलग से पूरा स्टेटमेंट देना होगा. इसमें बताना होगा कि कितना डोनेशन मिला, और रिसर्च पर कितना पैसा खर्च हुआ. पतंजलि समूह का कारोबार दंत मंजन से लेकर आटा, नूडल्स जैसे उत्पाद बेचने वाले पतंजलि समूह देश की उन कंपनियों में शामिल है, जिनमें तेजी से ग्रोथ हुई है. वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का कारोबार करीब 30,000 करोड़ रुपये रहा. इसमें रुचि सोया से होने वाला 16,318 करोड़ रुपये का कारोबार शामिल है. साल 2019 में पतंजलि समूह ने रुचि सोया का अधिग्रहण किया था.