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धरती से टकराएगा ये बड़ा सा ऐस्टरॉइड, NASA ने और क्या बता टेंशन बढ़ा दी?

बेनू ऐस्टरॉइड की खोज 1999 में हुई. इसकी चौड़ाई लगभग आधा किलोमीटर है. बेनू एक B-टाइप ऐस्टरॉइड है. मतलब इसमें कार्बन और बाकी खनिजों की मात्रा ज्यादा है.

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asteroid bennu could smash earth predicted nasa osiris rex team scientists
बेनू ऐस्टरॉइड की खोज 1999 में हुई (सांकेतिक फोटो- आजतक)
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ज्योति जोशी
5 अक्तूबर 2023 (Published: 01:02 PM IST) कॉमेंट्स
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नासा के वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि एक विशाल ऐस्टरॉइड 159 साल बाद यानी साल 2182 में धरती से टकराने वाला है. ऐस्टरॉइड पर रिसर्च कर रही NASA की OSIRIS-REx विज्ञान टीम के मुताबिक, अगर ये धरती से टकराता है तो 1,200 मेगाटन एनर्जी रिलीज करेगा. यानी अब तक बनाए गए सबसे शक्तिशाली परमाणु हथियार से 24 गुना ज्यादा पावर.

ABC न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बेनू ऐस्टरॉइड हर छह साल में पृथ्वी के पास से गुजरता है. साल 1999, 2005 और 2011 में ये पृथ्वी के काफी नजदीक से होकर गुजरा था. वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि 0.037% आशंका है कि बेनू साल 2182 तक धरती से टकरा सकता है. हालांकि वैज्ञानिकों के मुताबिक, बेनू हमारे सौर मंडल में दो सबसे खतरनाक ऐस्टरॉइड में से एक है. दूसरा 1950 DA है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेनू ऐस्टरॉइड की खोज 1999 में हुई. इसकी चौड़ाई लगभग आधा किलोमीटर है. यानी सरदार पटेल वाले स्टेच्यू ऑफ यूनिटी से तीन गुना बड़ा. बेनू एक B-टाइप ऐस्टरॉइड है. मतलब इसमें कार्बन और बाकी खनिजों की मात्रा ज्यादा है. B-टाइप ऐस्टरॉइड दुर्लभ होते हैं. बेनू ऐस्टरॉइड की खास बात ये है कि ये बहुत पुराना है. हमारा सौरमंडल 4.5 अरब साल पहले बना. बेनू उससे भी पुराना है. तब से इसमें कुछ खास बदलाव नहीं आए हैं.

ये भी पढ़ें- नासा ने इस ऐस्टरॉइड से क्या निकाला?

ऐस्टरॉइड बेनू पर पहुंचे नासा के मिशन का नाम है OSIRIS-Rex. पूरा नाम- Origins, Spectral Interpretation, Resource Identification, Security-Regolith Explorer. ये मिशन सितंबर 2016 में लॉन्च हुआ था. इसे बेनू तक पहुंचने में लगभग दो साल लगे. दिसंबर 2018 में ये स्पेसक्राफ्ट ऐस्टरॉइड के पास पहुंच गया. फिर 2020 में OSIRIS ने बेनू को छुआ, सैंपल इकट्ठे किए और स्टडी की.

ऐस्टरॉइड क्या होता है?

ऐस्टरॉइड को हिंदी में कहते हैं क्षुद्रग्रह. अंतरिक्ष में घूम रहीं चट्टानें, जो ग्रहों की तुलना में बहुत छोटी हैं. हमारे सौरमंडल में बहुत सारे ऐस्टरॉइड हैं. जब 4.5 अरब साल पहले हमारा सौरमंडल बन रहा था, तब ये चट्टानें अलग रह गईं. जैसे बाकी ग्रह सूरज के चक्कर काटते हैं, वैसे ही ऐस्टरॉइड भी इसके चारों तरफ घूमते हैं.

वीडियो: नासा के James Webb Space Telescope का कमाल, ब्रह्मांड की ऐसी तस्वीरें कभी ना देखी होंगी!

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