अरुणाचल प्रदेश में सियासी बवाल मचा है. वक्त से पहले हर काम बुरा लगता है. वहां भी तय वक्त से एक महीने पहले विधानसभा सेशन बुला लिया है, गवर्नर ज्योति प्रसाद राजखोवा ने. गर्वनर इत्ते में ही नहीं रुके. स्पीकर को हटाने का प्रस्ताव रखने का आदेश दिया. फिर क्या स्टेट की कांग्रेस सरकार, राज्यपाल और बीजेपी भिड़ गईं आपस में. जानिए डिटेल में.
1. गर्वनर ने विधानसभा सेशन बुलाया. सेशन को हेड करने की जिम्मेदारी डिप्टी स्पीकर को दी. और इस सेशन का पहला टास्क दिया कि अपने ही बॉस की कुर्सी खा जाओ. यानी स्पीकर नबाम रेबिया को हटाओ.
2. विधानसभा के अंदर भला कोई क्यों गर्वनर का आदेश माने. चिढ़ी कांग्रेस ने कहा, केंद्र सरकार की साजिश है स्टेट में हमारी सरकार गिराने की. गवर्नर पोस्ट का गलत यूज हो रहा है.
3. गर्वनर ने सफाई दी. बीजेपी विधायकों की डिमांड थी कि स्पीकर को हटाया जाए. खबर है कि कांग्रेस के विधायक भी बीजेपी के साथ मिल लिए.
4. कांग्रेस के बागी 14 विधायकों की मेंबरशिप स्पीकर ने खत्म कर दी. इसमें स्पीकर को हटाने के लिए गर्वनर के चुने डिप्टी स्पीकर टीएन थांदल भी शामिल हैं.
5. अब इस सेशन में सीएम नाबम टुकी समेत कांग्रेस विधायक शामिल नहीं हो रहे हैं. बीजेपी के 11 विधायकों ने गवर्नर को अविश्वास प्रस्ताव भेजा.
6. अरुणाचल प्रदेश की विधानसभा में इत्ता कुछ चल रहा है. तो आज विधानसभा सील कर दी गई. सोनिया गांधी राष्ट्रपति मुखर्जी से मिलीं. कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद बोले, 'स्टेट गवर्मेंट की जानकारी के बिना पार्लियामेंट्री फोर्स बुला ली गई है. बीजेपी स्टेट के लॉ सिस्टम को बिगाड़ना चाह रही है.'
7. नौबत यहां तक आ गई है कि इंडिया में पहली बार असेंबली किसी होटल में लगी है. विधानसभा सील है तो गुरुवार को असेंबली सेशन होटल में चल रहा है.