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कौन हैं ये दो लोग जिनको भारत लाने पर मोदी जी को बैटमैन बताया जा रहा है

नाम - राजीव सक्सेना और दीपक तलवार. इल्ज़ाम - अगुस्ता वेस्टलैंड घोटाला.

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दीपक तलवार (बाएं) भारत के नामी लॉबिस्ट्स में गिने जाते हैं. राजीव सक्सेना (दाएं) पेशे से कारोबारी हैं. दोनों पर अगुस्ता वेस्टलैंड घोटाले में पैसे के हेरफेर का इल्ज़ाम है. (फोटोःदी लल्लनटॉप)
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निखिल
31 जनवरी 2019 (Updated: 31 जनवरी 2019, 03:01 PM IST) कॉमेंट्स
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भाजपा प्रधानमंत्री मोदी की पार्टी है. तो उसका ट्विटर हैंडल चला रहे लोगों पर ज़िम्मेदारी है कि प्रधानमंत्री के काम का प्रचार करें. मय क्रिएटिविटी. तो उन्होंने 31 जनवरी के रोज़ ये ट्वीट किया - bjp tweet यहां बात 'द डार्क नाइट' (2008) के उस सीन की हो रही है, जिसमें बैटमैन लाऊ को हॉन्गकॉन्ग से अमेरिका ले जाता है. ताकि उसपर वहां मुकदमा चल सके. लाऊ एक अपराधी है और बैटमैन इंसाफ का मसीहा. इस ट्वीट के मुताबिक दीपक तलवार और राजीव सक्सेना भी अपराध के आरोपी हैं. जिन्हें देश लाने के लिए इंसाफ के मसीहा ने मेहनत की है. इंसाफ का मसीहा कौन? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. लेकिन ये लोग हैं कौन? इन्हें हिंदुस्तान लाने की ज़रूरत क्यों पड़ी? इसके जवाब इस खबर में पढ़ेंः अगुस्ता वेस्टलैंड घोटाला. प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे वीवीआईपी लोगों के लिए 12 हेलिकॉप्टर आने थे. तीन आ पाए और घोटाले की खबर आ गई. अब विदेश से हेलिकॉप्टर नहीं आ रहे हैं. एक के बाद एक आरोपी आ रहे हैं. दिसंबर 2018 में क्रिश्चियन मिशैल को दुबई से भारत लाया गया. प्रत्यर्पण करवाके. माने एक्सट्रैडिशन. माने विदेश में गिरफ्तार किसी आरोपी को देश में लाना. इसी तरीके से दो और आरोपी दुबई से हिंदुस्तान लाए गए हैं. नाम - राजीव सक्सेना और दीपक तलवार. कौन हैं ये लोग?1. राजीव सक्सेना राजीव समशेर बहादुर सक्सेना इनका पूरा नाम है. ट्रेनिंग से अकाउंटन्ट हैं और पेशे से कारोबारी. दुबई के पाम जुमेराह में रहते हैं. ये समंदर में बना वही प्रोजेक्ट है, जो आसमान से खजूर के पेड़ की तरह दिखता है. बुधवार माने 30 जनवरी, 2019 की सुबह राजीव को दुबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. राजीव के खिलाफ गैर ज़मानती वॉरंट निकला हुआ था. राजीव पर इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है इसीलिए वो प्रवर्तन निदेशालय (एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट; ED) के हवाले किए जा सकते हैं. राजीव सक्सेना की बीवी भी इस मामले में गिरफ्तार हो चुकी हैं. उन्हें 2017 में चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था. वो अब बेल पर बाहर हैं. ED का मानना है कि राजीव, उनकी पत्नी और दुबई की दो कंपनियां - 'एमएस यूएचवाय सक्सेना' और 'एमएस मैट्रिक्स होल्डिंग्स' तक घोटाले का पैसा पहुंचा, जिससे प्रॉपर्टी खरीदी गई. ED राजीव को मॉरीशिस की उस 'इंटरस्टैलार टैक्नोलॉजीज़' के मालिकों में से एक मानती है, जिसे कंसल्टेंसी फीस के नाम पर गबन का पैसा दिया गया है. 2. दीपक तलवार दीपक तलवार के नाम के साथ कॉर्पोरेट एविएशन लॉबिस्ट जुड़ा हुआ है. भुच्च देसी भाषा में कहें तो हवाई जहाज़-हेलिकॉप्टर की दुनिया का दलाल. ऐसा व्यक्ति, जिसके सरकार और बाज़ार में 'संपर्क' होते हैं. ये डील करवाते हैं और बदले में कमीशन लेते हैं. दीपक तलवार के पीछे ED और सीबीई दोनों पड़े थे. उनपर इल्ज़ाम है कि उन्होंने 90.72 करोड़ का गबन किया. ये पैसा कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR)के तहत विदेश से आया था. ये पैसा दीपक के एनजीओ को यूरोप की एक मिसाइल कंपनी ने दिया था. इससे एंबुलेंस और दीगर चीज़ें ली जानी थीं. यूपीए सरकार के वक्त में हुए एविएशन से जुड़े सौदों में दीपक की भूमिका पर जांच चल रही है. क्या है अगुस्ता वेस्टलैंड घोटाला? वो, जिसका इस्तेमाल भाजपा रफाएल के जवाब के तौर पर करती है. वैसे इस कंपनी को अगस्ता वेस्टलैंड भी कह दिया जाता है. इसी कंपनी से 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने के सौदे में मनमोहन सिंह - सोनिया गांधी की यूपीए - 2 सरकार ने हाथ जला लिए थे. इस बात पर तड़का ये कि अगुस्ता वेस्टलैंड की मालिक फिनमिकैनिका इटली में बेस्ड है. हेलिकॉप्टर खरीदने का मन बतौर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बनाया था. लेकिन सौदा तय हुआ 2010 में मनमोहन सिंह के वज़ीरे आज़म रहते. कुल कीमत थी तकरीबन 3600 करोड़ रुपए. ये हेलिकॉप्टर वायुसेना को मिलते और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दूसरे वीवीआईपी लोगों की सवारी के लिए काम आते. सब ठीक-ठाक चल रहा था. भारत ने 1620 करोड़ रुपए चुका दिए थे और 3 हेलिकॉप्टर हिंदुस्तान आ गए थे. फिर 24 फरवरी, 2012 को इंडियन एक्सप्रेस ने एक खबर छापी. खबर ये कि इटली में फिनमिकैनिका के खिलाफ पिछले एक साल से चल रही छानबीन में ये सामने आया है कि अगुस्ता वेस्टलैंड ने भारत के साथ हुए सौदे में तकरीबन लगभग 423 करोड़ रुपए की घूस दी. ये घूस फिनमिकैनिका के मालिक गिसिप ओर्सी ने गीडो राल्फ हैश्के नाम के एक दलाल के ज़रिए वायुसेना प्रमुख त्यागी को दी. त्यागी को ये रकम उनके चचेरे भाई के ज़रिए मिली. ये घूस का एक रूट था. ज़्यादातर पैसा शेल कंपनियों के ज़रिए दिया गया. ये कंपनियां सिर्फ कागज़ पर होती हैं. घोटाले में हुई कथित दलाली में सबसे बड़ा नाम था क्रिस्चियन मिशेल का. इसने सीबीआई को प्रस्ताव दिया था कि उसे सज़ा न देने का वादा किया जाए तो वो सब सच बोल देगा. पिछले दिनों मिशेल की बहन ने इल्ज़ाम लगाया कि क्रिस्चियन पर सीबीआई ने दबाव डाला कि एक बार सोनिया गांधी का नाम ले दे. हेलिकॉप्टर अगुस्ता इसलिए बेच पाया था कि शर्त में उड़ान की उंचाई 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर की गई. कांग्रेस कहती है वाजपेयी के जमाने में शर्त बदल दी गई थी. भाजपा कहती है कांग्रेस ने शर्त बदली. इटली में चले मुकदमे में ओर्सी को इंटरनैशनल क्राइम का दोषी नहीं पाया गया है. लेकिन अनियमितता के मामले में सज़ा हुई है. भारत में मामला चल रहा है. हाल ही में सीबीआई ने एक और चार्जशीट दाखिल की है जिसमें वायुसेना प्रमुख रहे त्यागी का नाम था. भारत ने 3 हेलिकॉप्टर पालम में तिरपाल से ढंक रखे हैं और अगुस्ता वेस्टलैंड को दिए पैसे बैंक गारंटी सहित वापिस ले लिए हैं.
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