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क्रिकेट टीम के कैप्टन के घर डकैती करने का आरोपी किस टेक्नीक से पुलिस को झांसा देता रहा?

घर में घुसते ही पूछा, 'सर कहां हैं?'

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बाएं से दाएं: एक मैच खत्म करके खुशी से लौटते अभिमन्यु (फोटो- PTI). अपने पिता आर पी ईश्वरन के साथ (फोटो- इंस्टाग्राम)
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लालिमा
18 दिसंबर 2020 (Updated: 17 दिसंबर 2020, 03:38 AM IST) कॉमेंट्स
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अभिमन्यु ईश्वरन. 25 साल के युवा खिलाड़ी हैं. पश्चिम बंगाल की क्रिकेट टीम के लिए खेलते हैं, टीम के कप्तान हैं. रहने वाले उत्तराखंड के देहरादून के. लगभग एक साल पहले, 22 सितंबर 2019 की रात देहरादून में अभिमन्यु के घर पर डकैती हुई थी. डकैतों ने करोड़ों रुपयों पर हाथ साफ किया था. घटना के एक साल बाद, अब जाकर इस वारदात के मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हुई है. दून पुलिस ने मेरठ से आरोपी सुरेश जाटव को गिरफ्तार किया है.

क्या हुआ था एक साल पहले? अभिमन्यु के पिता हैं आर पी ईश्वरन. फेमस चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हैं. देहरादून में अभिमन्यु क्रिकेट एकेडमी भी चलाते हैं. 22 सितंबर 2019 की रात मसूरी रोड स्थित उनके घर पर कुछ डकैत हथियारों के साथ घुस गए थे. उन्होंने घर के लोगों को बंधक बनाकर इस घटना को अंजाम दिया. लाखों की नकदी और गहनें लेकर फरार हो गए. सभी गहनों और चोरी हुए सामानों की कीमत करोड़ों में थी. घटना के बाद 'आज तक' ने आर पी ईश्वरन ने बात की थी, जहां उन्होंने बताया था,
"सवा आठ बजे मेरे घर पर उन लोगों ने नॉक किया. सर्वेंट ने दरवाज़ा खोला. उन्होंने पूछा कि सर कहां हैं? उनसे कहा गया कि ऊपर हैं, आप बैठिए. फिर उसने (डकैत) ने गर्दन पर पिस्टल लगाई. और इतने में दूसरे सर्वेंट ने देख लिया, उसे भांप लगी थी या फिर वो वैसे ही गेस्ट के लिए पानी लेने गया था पता नहीं, लेकिन जैसे ही वो अंदर पानी लेने आया, उस पर छुरा लगा दिया. वो दोनों लोग ऊपर आए, पीछे-पीछे तीसरा भी आया. आते ही उसने मुझे पिस्टल दिखाई. मैंने कहा कि पिस्टल क्यों दिखा रहे हो, जो है हम दे देंगे. उन्होंने लॉकर खोला, चार-साढ़े चार लाख कैश था, ले लिए. थोड़े गहने थे, ले लिए. फॉरेन करंसी थी, ले लिए."

कैसे हुई गिरफ़्तारी?

'इंडिया टुडे' के दिलीप सिंह राठौड़ की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी के खिलाफ दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में करीब 30 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे. पुलिस अभिमन्यु ईश्वरन के घर पर डकैती के मामले में सुरेश जाटव को एक साल से खोज रही थी. इस मामले में आठ आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके थे. और इधर सुरेश फ़रार. बार-बार अपना नाम बदल ले रहा था. इतना शातिर था कि उसका असली नाम और पता किसी को भी नहीं मालूम था. देहरादून पुलिस को सुरेश के मेरठ में होने की जानकारी मिली. SOG टीम ठिकाने पर पहुंची. और मेरठ के टीपी नगर से सुरेश की गिरफ्तारी की गई. ख़बरों के मुताबिक़, सुरेश के पास से पास से पुलिस को लाखों की कीमत के सोने-चांदी के ज़ेवर भी मिले हैं. DIG देहरादून ने इस गिरफ्तारी की पुष्टी की.

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