The Lallantop
Advertisement

इंडिया में पैदा हुआ वो क्रिकेटर जो पाकिस्तान का कप्तान बना और पहली सीरीज में इंडिया को हराया

आज इस 'बेस्टम बेस्ट' खिलाड़ी का बड्डे है.

Advertisement
Img The Lallantop
17 जनवरी 2019 (Updated: 17 जनवरी 2019, 07:00 IST)
Updated: 17 जनवरी 2019 07:00 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
इंडिया-पाकिस्तान के मैच में 'आलथी-पालथी' लगाकर मैच तो आप देखते ही होंगे. दोनों टीमों के चेहरों को भी जानते ही हैं आप. लेकिन एक बात सोचो गुरू, पाकिस्तानी क्रिकेट का 'बेस्टम बेस्ट' खिलाड़ी उर्फ 'पितामाह' कौन है? अगर आप इमरान खान सोच रहे हैं तो जस्ट चिल. प्रेजेंट टेंस को शूट करते हुए पास्ट टेंस में जाएंगे. तो एक पाकिस्तानी क्रिकेट के पिटारे से एक चमकता नाम अब्दुल हाफिज करदार निकलकर आता है. पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पहले कप्तान. अब्दुल हाफिज करदार की कप्तानी में ही पाकिस्तान ने भारत को हराकर इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली जीत हासिल की थी.
करदार उन तीन क्रिकेटर्स में शामिल हैं, जिन्होंने बंटवारे से पहले भारतीय टीम की तरफ से भी क्रिकेट खेला था. करदार के अलावा अमीर इलाही और गुल मोहम्मद ने भी बंटवारे से पहले भारतीय टीम की तरफ से क्रिकेट खेला था. पाकिस्तान में अब्दुल करदार को क्रिकेट के 'पितामाह' माना जाता है. 17 जनवरी 1925 को जन्मे एएच करदार की 21 अप्रैल 1996 में 71 साल की उम्र में मौत हो गई थी.
भारत पाकिस्तान की पहली टक्कर 1947 में बंटवारे के बाद भारत पाकिस्तान दोनों की अलग अपनी क्रिकेट टीमें बन चुकी थीं. उस दौर में टी-20, वनडे मैच नहीं होता था. 'खेला' होता था सिर्फ टेस्ट फॉरमेट में. बंटवारे की टीस दोनों मुल्कों के बीच थी. क्रिकेट से कुछ कड़वाहट कम करने की कोशिश की गई. टेस्ट सीरीज रखी गई. कुल मैच होने थे पांच. भारतीय टीम की कमान मिली लाला अमरनाथ को. वहीं पाकिस्तानी टीम की कमान मिली 27 साल के अब्दुल हाफिज करदार को. इंडिया में पाकिस्तान को 5 टेस्ट मैच खेलने थे. दिल्ली, लखनऊ, बॉम्बे, मद्रास और कलकत्ता. पहले और तीसरे टेस्ट मैच में पाकिस्तानी हारे. करदार ने पहले टेस्ट में 2 विकेट लेकर पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में नाबाद 43 रन बनाए. दूसरा टेस्ट लखनऊ में हुआ. करदार ने मैच में एक भी विकेट नहीं लिया. न ही बहुत ज्यादा रन बनाए. लेकिन बाजी पलटी पाकिस्तानी बल्लेबाज नजर मोहम्मद की नाबाद 124 रन की पारी ने. पाकिस्तान ने इंडिया को पहली बार हराया. जीत का फासला था 43 रनों का. कादर बाएं हाथ के बल्लेबाज और स्लो आर्म ऑर्थोडोक्स स्पिन बॉलर थे. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में करदार ने 6832 रन और 344 विकेट लिए. तीसरे टेस्ट में इंडिया ने पाकिस्तान को मुंबई में हराया.  5 मैचों की सीरीज में दो टेस्ट जीतकर भारत सीरीज जीत चुका था. बाकी के दो मैच ड्रा रहे. करदार की कप्तानी में पाकिस्तान ने पहली सीरीज जीती साल 1954 में. ओवल में पाक ने इंग्लैंड को हराया. लखनऊ में पाकिस्तान को मिली जीत अब नए किस्से लिख रही थी. करदार की कप्तानी में पाकिस्तान ने 23 टेस्ट मैच खेले थे, जिसमें पाकिस्तान को 6 मैचों में जीत मिली और 6 में हार. करदार की कप्तानी में खेले 11 मैच ड्रा रहे. 1958 में करदार ने क्रिकेट से संन्यास लिया. करदार की किताब... करदार ने अपनी जिंदगी के अनुभवों को किताब की शक्ल भी दी. करदार की पहली किताब 'Inaugural Test Matches' साल 1954 में आई. करदार ने कुल 11 किताबें लिखी. अल्लाह को प्यारे होने से पहले अब्दुल हाफिज करदार की 1995 में आई आखिरी किताब थी Failed Expectations, यानी उम्मीदों का फेल होना. लेकिन पाकिस्तानी क्रिकेट में एएच करदार ने उम्मीदों की जो मशाल जलाई थी, उसे आज दुनिया देख रही है. भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान रास्ते सन्नाटे से भर जाते हैं. उसी पाकिस्तानी क्रिकेट की नींव रखी थी अब्दुल हाफिज करदार ने.
वीडियो- क्रिकेट में मारे गए छक्कों का इतिहास कहां से शुरू होता है?

thumbnail

Advertisement

Advertisement