The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • News
  • A 16 year old minor girl got raped by neighbour, husband gave her divorced

बीकानेर: बीवी का रेप हुआ तो पति ने कहा, 'तलाक, तलाक, तलाक'

क्या इतना ही बुरा हो सकता था? नहीं! उसके बाद पंचायत ने कैसा 'न्याय' दिया वो जानिए.

Advertisement
Img The Lallantop
Credit: Reuters
pic
श्री श्री मौलश्री
31 मई 2016 (Updated: 31 मई 2016, 04:31 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
16 साल की एक नाबालिग लड़की है रेशमा. घर वालों ने बचपन में शादी करवा दी. एक रात पड़ोसी ने घर में घुसकर रेप किया. लड़की ने अपने पति से शिकयात की. पति ने तलाक दे दिया. रेशमा पंचायत में गई. पंचायत ने फरमान सुनाया कि 4 हजार रुपये और 60 किलो गेंहू का जुर्माना हो पति पर. और उसके बाद लड़की गांव के ही जमाल खान के किसी एक बेटे से शादी कर ले. अब लड़की का परिवार पुलिस के पास पहुंचा है. ये पंचायत का 'न्याय' था. ये मामला है राजस्थान के बीकानेर के खाजूवाला गांव का.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक रेशमा की शादी याकूब खान के बेटे अताउल्लाह से बचपन में ही हो गयी थी. ससुराल में ही रहती थी. करीब 6 महीने पहले, घर के सब लोग किसी शादी के लिए शहर से बाहर गए हुए थे. लड़की घर में अकेली थी. पड़ोस में रहने वाला अबु नाम का आदमी घर में घुस आया. रेशमा के साथ रेप किया.जब घर वाले वापस लौटे, लड़की ने अपनी ननद को बताया कि उसके साथ क्या हुआ था. ननद ने ये बात रेशमा के पति अताउल्लाह को बताई. रेशमा को उम्मीद रही होगी कि उसका पति रेप करने वाले के खिलाफ कुछ करेगा. लेकिन पति ने बिना कुछ जाने-समझे उसे तलाक़ दे दिया. 
जब रेशमा को अपने पति के सपोर्ट की सबसे ज्यादा ज़रूरत थी. उसके पति ने उसको तलाक़ दे दिया. रेप करने वाले पर कोई इलज़ाम भी नहीं लगाया गया. पति को रेप में गलती अपनी बीवी की नज़र आई. और बीवी को सजा देने के अपने 'मर्दाना' हक का इस्तेमाल भी कर दिया. रेशमा ने मायके जाकर पिता शरीफ अहमद से सारी बातें बताईं. पिता ने समुदाय की पंचायत के पास रेप की शिकायत की. शरीफ को पंचायत से न्याय की उम्मीद थी. लेकिन पंचायत ने जो फरमान जारी किया वो इतना बेतुका और एकतरफा था कि शरीफ की उम्मीद टूट गयी. लड़की का रेप करने वाले अबु से कोई पूछताछ भी नहीं की. ना ही उसका नाम पूरे मुद्दे में कहीं भी उठाया गया. रेप का ज़िक्र भी नही किया गया. फरमान सिर्फ तलाक़ को लेकर जारी किया गया. उस फरमान के मेन पॉइंट्स ये हैं: 1. तलाक़ अब हो चुका है. इसे फाइनल माना जायेगा. अताउल्लाह के पिता याकूब खान को इद्दत का खर्चा उठाना पड़ेगा. ये खर्चा 4000 रुपए कैश और 60 किलो गेहूं होगा. इद्दत का समय ख़त्म होने पर रेशमा गांव के जमाल खान के चार बेटों में से किसी एक से शादी कर सकती है.
इद्दत वो समय होता है जितने दिन औरत, पति की मौत या तलाक़ के बाद शादी नहीं कर सकती. कांसेप्ट ये है कि अगर पति की मौत या तलाक़ के समय औरत प्रेग्नेंट हो. तो जब तक बच्चा ना हो जाये वो दोबारा शादी ना करे. इस तरह पैदा हुए बच्चे के पिता को पहचाना जा सकेगा. ऐसा ना हो कि औरत कुछ दिनों की प्रेग्नेंट हो और दूसरी शादी कर ले. इससे ये पता लगाना मुश्किल हो जायेगा कि बच्चा पहले पति का है या दूसरे पति का.
2. अताउल्लाह रेशमा के पिता शरीफ अहमद को बताये बिना दूसरी शादी नहीं कर सकता. अगर उसने ऐसा किया तो जुर्माने में उसे रेशमा को 3 लाख रुपये देने होंगे. पंचायत के इस फैसले से रेशमा का पूरा परिवार हैरान है. उधर अताउल्लाह का परिवार कह रहा है कि फैसला लड़की के फेवर में हुआ है. इतना सारा खर्चा हमें उठाना पड़ रहा है. अब तो रेशमा के परिवार को खुश हो जाना चाहिए. नुक्सान तो हमारा हुआ है. रेशमा सदमे में हैं. कहती हैं,
'इन दो फैसलों ने मेरी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी. और वो दोनों ही फैसले मेरे नही थे. पहले तो मेरे पति ने बिना किसी वजह के मुझे तलाक़ दे दिया. जिससे मुझे उम्मीद थी, उसी ने धोखा दे दिया. उसके बाद पंचायत वालों ने ये बेतुका सा फैसला सुना दिया.'
रेशमा के पिता शरीफ अहमद कोई पंचायत के इस फैसले पर यकीन ही नहीं हो रहा. उनको उम्मीद थी कि पंचायत रेप के गुनाहगार को सज़ा देगी. लेकिन अबु तो बिना किसी परेशानी के आज़ाद घूम रहा है. धर्म के नाम पर हुए ऐसे बेहुदे फैसले पर वो बहुत आहत हैं. जब कहीं से भी रेशमा को कोई न्याय नहीं मिला तो शरीफ ने अबु, अताउल्लाह और उसके पूरे परिवार के खिलाफ बीकानेर पुलिस में कंप्लेंट कर दी है. अब बीकानेर पुलिस इस पर क्या एक्शन लेती है ये फिलहाल साफ़ नहीं हुआ है. लेकिन सज़ा सिर्फ रेप करने वाले अबु को ही नहीं, खुद को औरत से ऊपर समझने वाले पति अताउल्लाह को भी होनी चाहिए.

Advertisement