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वीडियो: बैंक काउंटर के सामने किसान की मौत, किसी ने नहीं की मदद

नोटबंदी ने लोगों को सामने मौत देखने का भी आदी बना दिया है.

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5 दिसंबर 2016 (Updated: 5 दिसंबर 2016, 06:44 AM IST) कॉमेंट्स
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अभी शनिवार को खबर आई थी कि पश्चिम बंगाल में ATM के सामने एक आदमी की हार्ट-अटैक से मौत हो गई और लाइन में लगे किसी शख्स ने उसकी मदद नहीं की. इससे पहले आप आगे बढ़ें, इस ख़बर को यहां पढ़ें: ATM की लाइन में आदमी हार्ट अटैक से मर गया और लोग चुपचाप लाइन में खड़े रहेऐसी ही एक और घटना हुई तमिलनाडु में. तंजावुर जिले के वज़कई गांव में बैंक की लाइन में एक 70 साल के बुजुर्ग की हार्ट-अटैक से मौत हो गई. इनका नाम एम सुब्रमण्यम था. सुब्रमण्यम किसान थे. वो पापनासम के एक नेशनल बैंक में पैसे निकालने के लिए लाइन में खड़े थे. पापनासम पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर ने बताया कि वो इंडियन बैंक की ब्रांच में शनिवार की सुबह लाइन में लगे थे. उनके साथ उनकी पत्नी थैयल नयागी भी थीं. OLD MAN DIES अफसर ने कहा, ''हमें बताया गया कि वो काफी देर से लाइन में खड़े थे. जब उन्हें कैश निकालने के लिए काउंटर पर बैंक का चालान मिला, तभी वो वहां गिर गए. बैंक में बहुत भीड़ थी.''इसकी वीडियो फुटेज भी है जिसमें दिख रहा है एम सुब्रमण्यम अपनी पत्नी की गोद में लेटे हैं. बैंक में मौजूद एक भी शख्स उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया. बैंक के किसी स्टाफ ने भी उनकी ख़बर नहीं ली. वीडियो फुटेज - https://www.youtube.com/watch?v=ja73baUl0TA पुलिस अफसर ने बताया कि जब हमारे लोग वहां पहुंचे, तब उन्होंने डॉक्टर को फ़ोन किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. काउंटर के सामने ही उनकी मौत हो गई. बाद में उनकी बॉडी को एम्बुलेंस से उनके गांव वापस भेज दिया गया. सबसे ज्यादा चुभने वाली बात ये है कि उनकी मौत तब हुई, जब उन्होंने पैसे निकालने की प्रॉसेस पूरी कर ली थी. बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि उनके अकाउंट में कुल 17,000 रूपए थे. उन्हें 4,000 रूपए निकालने थे. इस बुजुर्ग के परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटियां भी हैं. बैंक की कतारों में लगातार लोगों की मौत हो रही है. ये सुनने के लोग आदी हो गए हैं और अब धीरे-धीरे उन्हें इससे फर्क पड़ना भी बंद हो गया है. लेकिन सुनने और देखने में अंतर है. मौत के बारे में सुनना भले आसान लगता हो, लेकिन सामने हो रही मौत को देखना भी अब लोगों के लिए आसान हो गया है. क्या ये सच में इतना आसान होता होगा?

ये स्टोरी निशांत ने की है.

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