अमरोहा में 'जहरीला चारा' खाने से 61 गायों की मौत, CM योगी ने दिए जांच के आदेश
जमीन होने के बाद भी बाहर से चारा खरीद रहे थे गौशाला वाले. गांव के लोगों ने लगाया सड़ा हुआ चारा खिलाने का आरोप.

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमरोहा (Amroha) जिले में 61 गौवंशों की मौत ने जिला प्रशासन की नींद उड़ा दी है. घटना 4 अगस्त की है. जानकारी के मुताबिक गायों की मौत चारा खाने से हुई है. इस मामले में सीएम योगी (CM Yogi) ने जांच के आदेश दे दिए हैं. जिसके बाद पांच अगस्त को जिले के वरिष्ठ अधिकारी और आईवीआरआई (IVRI) से पशु विशेषज्ञों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. इतने बड़ी संख्या में हुई गायों की मौत के मामले की जांच करने के लिए पुलिस की पांच टीमों का गठन किया गया है.
आजतक से जुड़े बी एस आर्या से मिली जानकारी के मुताबिक, घटना जिले के आदमपुर थाना क्षेत्र में स्थित सांथलपुर गांव की है. यहां पर राज्य सरकार की तरफ से चलाई जाने वाली गौशाला है, जिसमें कुल 188 गौवंशों को रखा गया है. बुधवार, 3 अगस्त को गौशाला संचालकों ने ताहिर नाम के एक व्यक्ति से 30 क्विंटल चारा खरीदा. जिसे उन्होंने अगले दिन सुबह काट कर गायों को खिला दिया. इसके कुछ ही समय बाद गायों की तबीयत बिगड़ गई और जबतक गौशाला के कर्मचारी कुछ समझ पाते, 25 गायों की मौत हो गई. वहीं बाकी गायों की तबीयत बिगड़ गई.
आनन फानन में पशु चिकित्सकों को बुलाया गया बाकी गायों का इलाज शुरू किया गया. लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और चार अगस्त की रात तक कुल 60 गायें दम तोड़ चुकी थीं. बाद में एक और गाय की मौत हो गई.
पुलिस ने क्या कहा?मुरादाबाद ज़ोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राजकुमार के मुताबिक,
"चारे का एक सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया है. इस मामले में चारा सप्लाई करने वाले व्यक्ति के खिलाफ आदमपुर पुलिस थाने में FIR भी दर्ज कर ली गई है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा."
इसके साथ ही अमरोहा के जिला अधिकारी बी के त्रिपाठी के मुताबिक गौशाला में ताहिर और उसके साथी चारा सप्लाई करते थे. FIR में इनके के नाम जोड़े गए हैं. साथ ही सांथलपुर गांव के विकास अधिकारी मोहम्मद अनस को भी सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं आदमपुर थाने के इनचार्ज राम प्रकाश शर्मा ने बताया कि ये बड़ा ही संवेदनशील मामला है. इस मामले में NSA के तहत कार्रवाई की जाएगी.
ग्रामीणों ने उठाए सवालआजतक से जुड़े बी एस आर्या के मुताबिक, एक ग्रामीण ने आरोप लगाते हुए गौशाला संचालकों को गायों की मौत का जिम्मेदार बताया है. ग्रामीण का कहना है कि गायों के लिए जो हरा चारा आता है उसे कर्मचारी चार-पांच दिन तक काटते नहीं है, जिससे वो सड़ जाता है. कई दिन बाद इसी सड़े हुए चारे को गायों को खिला दिया जाता है. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सांथलपुर गांव में बनी इस गौशाला के नाम पर चारे के लिए 300 बीघा जमीन दर्ज है. इसके बावजूद बाहर से चारा क्यों मंगवाया गया, इसपर सवाल उठ रहे हैं.
वहीं मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए गांव में पुलिस को तैनात किया गया है.
वीडियो: ये वैज्ञानिक गायों को ‘पॉटी ट्रेनिंग’ क्यों दे रहे हैं? इससे पर्यावरण की रक्षा कैसे होगी?