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अनुच्छेद 370 पर 5 अलग-अलग फैसले, किन बातों पर एकमत थे सुप्रीम कोर्ट के पांचों जज

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले को सही करार दिया. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि भारत में विलय के साथ ही जम्मू-कश्मीर ने अपनी संप्रभुता खो दी थी. लिहाजा भारत के राष्ट्रपति का आदेश अंतिम और सर्वमान्य होगा.

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Article 370
अनुच्छेद 370 परसुप्रीम कोर्ट के जजों ने क्या कहा (ANI)
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दिग्विजय सिंह
11 दिसंबर 2023 (Updated: 11 दिसंबर 2023, 02:26 PM IST) कॉमेंट्स
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4 साल, 4 महीने और 6 दिनों की मैराथन कानूनी बहस के बाद जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी. CJI डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने 5 अगस्त 2019 को उठाए गये मोदी सरकार के उस कदम को सही करार दिया, जिसमें अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए को समाप्त कर दिया गया था.

किन जजों ने सुनाया फैसला- अनुच्छेद 370 पर सुनवाई के लिए 5 जजों की खंडपीठ गठित की गई थी. जिसकी अगुवाई भारत के मुख्य न्यायधीश जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ कर करे थे.  जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत समेत पांच जज इस संविधान पीठ के सदस्य थे. अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमाणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी, वी गिरी और अन्य कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए. वहीं, याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन, जफर शाह, दुष्यंत दवे और अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने अपनी दलीलें पेश की.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा- फैसला सुनाने की शुरुआत करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने साफ कर दिया कि अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों ने अपना-अपना फैसला सुनाया है. 5 जजों की बेंच में तीन अलग-अलग फैसले थे मगर निष्कर्ष एक ही था. अनुच्छेद 370 को स्थायी व्यवस्था कहने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. अनुच्छेद 370 पर अपना फैसला सुनाते हुए CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र, राष्ट्रपति की भूमिका के तहत सरकार की शक्ति का प्रयोग कर सकता है. याचिकाकर्ताओं की दलीलों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संसद या राष्ट्रपति उद्घोषणा के तहत किसी राज्य की विधायी शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- (कैसे खत्म हुआ था 'अनुच्छेद 370', जिसने जम्मू-कश्मीर में बांध दिए थे भारतीय संविधान के हाथ)

जम्मू-कश्मीर में चुनाव- अनुच्छेद 370 पर फैसला सुनाते हुए CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत में शामिल होते ही जम्मू कश्मीर की संप्रभुता खत्म हो गई थी. CJI ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पास कोई आंतरिक संप्रभुता भी नहीं थी. इसका संविधान भारत के संविधान के अधीन था. राष्ट्रपति के पास अनुच्छेद 370 खत्म करने की शक्ति थी. सीजेआई ने अपने फैसले में कई बड़ी बातें कहीं. उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग को सितंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्देश देते हैं.साथ ही सीजेआई ने कहा कि केंद्र के इस कथन के मद्देनजर कि जम्मू-कश्मीर को अपना राज्य का दर्जा फिर से मिलेगा, जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने की जरूरत नहीं थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सितंबर 2024 तक या उससे पहले चुनाव कराए जाएं.
 

वीडियो: 370 हटने के बाद कश्मीर में आतंकी हमले बढ़े या घटे? सरकार के दावों से इतर आंकड़ा क्या बताता है?

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