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चला गया पाकिस्तानी आर्मी को सरेंडर कराने वाला

टेबल पर रखे हुए पेपर साइन करते दोनों देशों के जनरल. उनके पीछे खड़े मंद मंद मुस्कराते लेफ्टिनेंट जनरल जैकब को कौन भूल सकता है

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आशुतोष चचा
13 जनवरी 2016 (Updated: 13 जनवरी 2016, 10:53 AM IST) कॉमेंट्स
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रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल जे एफ आर जैकब ने बुधवार की सुबह आखिरी सांस ली. 92 साल की उम्र हो गई थी. उनको याद किया जाता है सन 1971 वार के लिए. पाकिस्तान को सरेंडर के लिए मजबूर करने के लिए. बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए. इत्ती बड़ी जंग जीती. बीमारी से हार गए. 1971_Instrument_of_Surrender प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी मौत पर अफसोस जताया. ट्वीट किए https://twitter.com/narendramodi/status/687184751422083072 https://twitter.com/narendramodi/status/687185199281537025 जब भारत में अंग्रेजों का राज था तब के बंगाल में इनकी पैदाइश हुई. सन 1923 में. पूरा नाम था रैकब फर्ज रफाएल जैकब. फैमिली ईराक ओरिजिन की थी जो 18वीं सदी में आकर बस गई थी कोलकाता में. 19 साल की उमर में ब्रिटिश इंडियन आर्मी ज्वाइन कर ली. 1942 साल था. वर्ल्ड वार का दौर था ये. ईराक में तैनाती थी. jacob 2 देश आजाद होने के बाद भी आर्मी में रहे. पाकिस्तान की वाट लगाई सन 65 और 71 के वार में. 1978 में रिटायर हुए. बाद में गोवा और पंजाब के गवर्नर रहे. किताबें भी लिखीं जिनमें से एक उनकी बायोग्राफी है. Lt._General_(Retd.)_JFR_Jacob_presents_his_books_“An_Odyssey_in_War_and_Peace”_and_“Surrender_at_Dacca”_to_PM_Modi

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