मुख्यमंत्री की पिछली कड़ी में आपने जाना कि किस तरह एक चुनावी हार ने वसुंधरा राजेको मायके से ससुराल जाने पर मजबूर कर दिया. किस तरह भैरो सिंह शेखावत के कहने परकेंद्र से राज्य की राजनीति में लौटी. और महज एक साल के भीतर मुख्यमंत्री पद का ताजउनके सिर पर था. वसुंधरा राजे राजस्थान की मुख्यमंत्री बन तो गई थीं लेकिन पार्टीके भीतर उनके खिलाफ विद्रोह अभी जारी था. आगे की कहानी में आप जानेंगे कि किस तरहउन्होंने पार्टी में अपने विरोधियों को किनारे लगाया. कहानी आलाकमान के साथ चलीलंबी अदावत की भी.