The Lallantop
Advertisement

गुजरात: धर्म परिवर्तन के लिए 'ईश्वर की कृपा' का सहारा लेने पर होगी लंबी जेल, लगेगा भारी जुर्माना

गुजरात विधानसभा ने फ्रीडम ऑफ रिलीजन अमेंडमेंट बिल, 2021 को पारित कर दिया है.

Advertisement
Img The Lallantop
गुजरात हाई कोर्ट ने कहा है कि जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि अंतरधार्मिक शादी के पहले या बाद में गैरकानूनी तरीके से धर्मांतरण हुआ है, तब तक व्यक्ति को जेल में नहीं डाला जा सकता.
pic
दुष्यंत कुमार
2 अप्रैल 2021 (Updated: 2 अप्रैल 2021, 11:52 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
गुजरात विधानसभा में गुरुवार (1 अप्रैल 2021) को जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन करने के खिलाफ लाया गया संशोधन विधेयक पारित हो गया. नाम है 'गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन अमेंडमेंट बिल, 2021'. बिल में धोखेबाजी के इरादे से किए गए अंतर-धार्मिक विवाह और उसके बाद होने वाले जबरन धर्मांतरण के खिलाफ 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है. बिल पारित होने से पहले गुजरात विधानसभा में इस पर दिनभर बहस हुई. बाद में बिल पारित कर दिया गया. अब इसे राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद कानून बना दिया जाएगा. 'लव जिहाद' का जिक्र नहीं बिल में दिलचस्प बात ये है कि इसमें लव जिहाद का जिक्र नहीं है. हालांकि विधानसभा में गुजरात सरकार की ओर से दिए गए बयान और बिल के प्रावधान साफ बताते हैं कि ये उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की तर्ज पर लाया गया लव जिहाद कानून है. दरअसल, गुरुवार को सदन में हुई बहस के दौरान गुजरात सरकार की ओर से बोलते हुए गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा,
'धोखेबाजी से की गई अंतर-धार्मिक शादी किसी व्यस्क लड़की और उन लोगों के मूल अधिकार के तहत नहीं आ सकती, जो इस प्रकार के धर्मांतरण कराकर इस्लाम को फैलाने की सोच रखते हैं. कुछ बुद्धिजीवी कह रहे हैं कि ये एक लड़की का मूल अधिकार है कि उसे किससे शादी करनी है. और ये अधिकार उसे संविधान से मिला है. लेकिन हिंदू रामचरितमानस और मुस्लिमों की धार्मिक किताब कुरान भी किसी का भरोसा नहीं तोड़ने की बात कहती है. धोखे से शादी करना भरोसा तोड़ने जैसा ही है. ये सरकार इस बात पर मजबूती से विश्वास करती है कि मूल अधिकार के साथ धोखेबाजी का कोई वजूद नहीं हो सकता. नाम छिपाकर शादी करना धोखेबाजी है.'
प्रदीप सिंह जडेजा ने आगे कहा,
'मैं साफ कह रहा हूं कि ये काम करने वाले लोग वही हैं, जिन्होंने हमें सदियों तक भगवान राम के दर्शन से वंचित रखा, जिन्होंने सीमापार आतंकवाद के जरिये देश को तोड़ने की कोशिश की, जिन्होंने आतंकी हमलों में हमारे सैनिकों की जानें लीं, जिन्होंने मुंबई में धमाके कराए, जिन्होंने देश की संसद पर हमला कराया, जिन्होंने सिटिजनशिप अमेंडमेंट ऐक्ट का विरोध कर भारत सरकार को बदनाम करने की कोशिश की और जो टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़े हैं.'
क्या कह रहा है विपक्ष? गुजरात सरकार ने बिल में लव जिहाद का जिक्र नहीं किया है. लेकिन विपक्ष समेत कई लोग इसे सीधे-सीधे लव जिहाद से जोड़कर देख रहे हैं. बिल पर हुई बहस के दौरान विपक्ष के नेता परेश धनानी ने कहा,
'बिल में लव जिहाद का इस्तेमाल नहीं करके गुजरात के लोगों को भटकाया गया है.'
परेश धनानी ने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए आईपीसी में पहले से पर्याप्त प्रावधान हैं. इसके बावजूद सरकार ये बिल लेकर आई है. बिल का विरोध करते हुए विपक्ष ने लव जिहाद के खिलाफ उदाहरण दिए. कांग्रेस नेता और विधायक ग्यासुद्दीन शेख ने दावा किया कि उनके पास बीते एक साल में हिंदू लड़कों से शादी करने वाली 100 मुस्लिम लड़कियों की लिस्ट है. बहस के दौरान कांग्रेस के एक और विधायक इमरान खेड़ावाला ने बिल की कॉपी फाड़ डाली. उन्होंने आरोप लगाया कि ये विधेयक विशेष अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाता है. खेड़ावाला ने ये भी कहा कि सरकार लव जिहाद के नाम पर हिंदुओं को गुमराह कर रही है. क्या कहता है बिल? अब ये भी जान लेते हैं कि इस बिल में सरकार ने क्या प्रावधान किए हैं:
#नया कानून कहता है कि शादी कर धोखे से या जबरन धर्मांतरण कराने पर कम से कम 3 साल की सजा होगी, जिसे 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है. साथ ही दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. #नाबालिग लड़की या अनुसूचित जाति-जनजाति की महिला [सेक्शन 4 (ए)] का धर्मांतरण कराने पर कम से कम चार साल की सजा का प्रावधान है, जिसे बढ़ाकर 7 साल भी किया जा सकता है. ऐसे मामलों में 3 लाख रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है.
2003 में पारित हुए असली कानून (गुजरात फ्रीडम ऑफ रिलीजन ऐक्ट) में जबर्दस्ती और प्रलोभन के जरिये धर्मांतरण करने पर रोक लगाने की बात कही गई थी. इसमें प्रलोभन या लालच को दो कैटिगरी में रखा गया था.
  1. एक, जिसका धर्मांतरण कराना है, उसे कोई तोहफा या पैसा देकर खुश करने की कोशिश करना.
  2. दूसरा, किसी प्रकार का सामान, आर्थिक मदद या अन्य प्रकार से लुभाने का प्रयास करना.
नए संशोधन बिल में प्रलोभन की तीसरी कैटिगरी (सेक्शन 3) जोड़ दी गई है. इसके मुताबिक,
धर्मांतरण के लिए 'बेहतर लाइफस्टाइल', 'ईश्वरीय कृपा' आदि तरीकों का हवाला देना भी प्रलोभन है.
पुराना कानून जबर्दस्ती या लालच देकर धर्मांतरण करने पर रोक लगाता था. लेकिन नया संशोधन कहता है कि ऐसे धर्मांतरण पर भी रोक लगनी चाहिए, जिनमें शादी के जरिये जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन किया जाता है या ऐसा करने में किसी की सहायता की जाती है.
#सेक्शन 3ए के मुताबिक, जबरन धर्म परिवर्तन का कोई पीड़ित, उसके माता-पिता, भाई, बहन या अन्य करीबी रिश्तेदार धर्मांतरण के लिए कराई गई शादी या अडॉप्शन के खिलाफ FIR दर्ज करा सकता है. #सेक्शन 4 (बी) कहता है कि इस प्रकार के धर्मांतरण के लिए की गई शादी अमान्य करार दी जाएगी. #सेक्शन 4 (सी) के मुताबिक, अगर अपराध में किसी संस्था या संगठन की भूमिका सामने आती है तो उसके इनचार्ज और अन्य जिम्मेदार लोगों को 3 से 5 साल तकी सजा हो सकती है. साथ ही, 5 लाख रुपये तक का जुर्माना भी ठोका जा सकता है. #सेक्शन 5 (2) कहता है कि जबरन धर्मांतरण के लिए कराई गई शादी में मदद करने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा. इसमें दो कैटिगरी रखी गई हैं. एक, जो व्यक्ति ऐसा कोई भी काम करता है, जिसके प्रभाव में कोई दूसरा व्यक्ति अपराध (धर्मांतरण कराना) करता हो या ऐसा करने में उसे मदद मिलती हो. दो, जो व्यक्ति अपराध करने के लिए दूसरे व्यक्ति को राजी करता हो या उसकी काउंसलिंग करे. #वहीं, सेक्शन 6 (ए) कहता है कि आरोपी को अपनी बेगुनाही के लिए ये साबित करना होगा कि उसके जरिये हुआ धर्म परिवर्तन किसी भी तरह के बहकावे, जबर्दस्ती, अनुचित दबाव या लालच से प्रभावित नहीं था.
विधेयक में इस प्रकार के अपराध को गंभीर (कॉग्निजेबल) माना गया है और इन्हें गैर-जमानती बताया गया है. सेक्शन 7 के मुताबिक, ऐसे मामलों की जांच कम से कम डीएसपी लेवल के अधिकारी से कराई जाएगी. लव जिहाद कानून लाने वाला तीसरा राज्य आजतक की रिपोर्टर गोपी मनियार के मुताबिक, हाल में गुजरात के स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा था कि वे इसी सत्र में लव जिहाद के खिलाफ कानून लेकर आएंगे. रूपाणी ने साफ किया था कि उनकी सरकार पुराने कानून को सख्‍त बनाकर समाज में होने वाले इस तरह के 'घृणित अपराध' पर अंकुश लगाएगी. गुरुवार को सरकार ने ये संशोधन विधेयक लाकर अपने इरादे साफ कर दिए. इसके साथ ही गुजरात देश का ऐसा तीसरा राज्य बन गया है, जहां शादी के नाम पर जबरन धर्मांतरण कराने या कहें लव जिहाद के खिलाफ कानून लाया गया है. इससे पहले देश के दो अन्य राज्यों में लव जिहाद कानून पारित किए गए हैं. ये दोनों राज्य हैं उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश. गुजरात की तरह इन दोनों राज्यों में भी भाजपा का शासन है.

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement