The Lallantop
Advertisement

NPR में ये ‘D’ वाला कॉलम क्या है, जिसका ज़िक्र अमित शाह ने संसद में किया?

ये न विटामिन है, न डॉन के हाथ पर बना टैटू.

Advertisement
Img The Lallantop
अमित शाह ने संसद में D का ज़िक्र किया और ये बन गया नया की-वर्ड.
pic
अभिषेक त्रिपाठी
13 मार्च 2020 (Updated: 13 मार्च 2020, 07:04 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share
एक D होता विटामिन. एक D होता है, दाऊद वाला. एक D होता है, डॉन-2 में शाहरुख के हाथ का टैटू. लेकिन अब आ गया है D नंबर-4. ये चौथा D आया कहां से? लाया कौन? ये चौथा D लाए हैं देश के गृहमंत्री अमित शाह. दरअसल 12 मार्च गुरुवार को अमित शाह संसद में बोल रहे थे. बातों के फोकस में थी दिल्ली हिंसा. इसी बहाने CAA का और फिर NPR का भी ज़िक्र हो चला. NPR की बातों के बीच में अमित शाह बोले,
“NPR को लेकर विपक्ष ने काफी झूठी बातें फैलाई हैं, डर फैलाया है. देश में इन्हीं बातों की वजह से भ्रम की स्थिति बनी है. NPR की प्रोसेस में किसी से कोई डॉक्यूमेंट नहीं मांगा जा रहा है. अगर डॉक्यूमेंट मांगे जाने पर कोई नहीं भी दिखा पाया, तो भी बिना कुछ जाने-समझे उसके नाम के आगे D नहीं लिख दिया जाएगा. मैं देश का गृहमंत्री होने के नाते इस बात का भरोसा दिलाता हूं कि किसी के नाम के आगे D नहीं लिखा जाएगा.”
बस यहीं से आया D का ज़िक्र. D माने Doubtful. Doubtful citizen. इसी D पर बात करेंगे. समझेंगे कि ये है क्या? पहले तीन शब्द समझ लेते हैं. CAA यानी सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट NPR यानी नेशनल पॉप्यूलेशन रजिस्टर NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन इनका आगे ज़िक्र होता रहेगा. D की ABCD… 17 दिसंबर, 2019 को स्क्रोल डॉट इन पर शोएब दानियाल की रिपोर्ट Amit Shah’s all-India NRC has already begun – with the NPR छपी थी. ये रिपोर्ट बताती है कि Citizenship Act, 1955 में एक बदलाव 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार ने भी किया था. संशोधन के बाद “illegal migrant” या अवैध प्रवैसी नाम की एक कैटेगरी तैयार हुई. संशोधन को लागू करने के लिए नए नियम भी बने. नियमों में National Register of Indian Citizens का ज़िक्र आता है. नियमों में लिखा है कि सरकार पूरे देश में घर-घर जाकर हर परिवार के हर व्यक्ति की जानकारी इकट्ठा करे. पॉपुलेशन रजिस्टर बनाए. इसमें नागरिकता की जानकारी भी हो. 2003 के नियमों के मुताबिक, पॉपुलेशन रजिस्टर में दर्ज जानकारी के सत्यापन के बाद Local Register of Indian Citizens तैयार किया जाएगा. 2003 में आए इन नियमों का चौथा बिंदू है – Preparation of the National Register of Indian Citizens. इस बिंदू के अंदर 7 और बिंदू हैं, जिनमें से चौथा कहता है कि सत्यापन के दौरान जिन लोगों की नागरिकता पर संशय होगा, उन्हें लोकल रजिस्ट्रार 'Doubtful Citizen' की टिप्पणी यानी D मार्क के साथ दर्ज कर लेगा, जिस पर आगे जांच होगी. इसी के चलते डाउटफुल सिटिज़न यानी D को लेकर लोगों में डर है. पहले NPR, फिर NRC भाजपा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने बीते साल दिसंबर में कहा था कि NPR को 2021 के सेंसस की तैयारी की तरह देखा जाए. लेकिन ये कानूनी रूप से सही नहीं है. NPR को Citizenship Act, 1955 और 2003 में आए नए नियमों के आधार पर तैयार किया जाएगा. जबकि जनगणना Census Act, 1948 के तहत होती है. जनगणना की जानकारी गोपनीय होती है, इसका इस्तेमाल नीतियां बनाने से इतर करना वर्जित है. लेकिन NPR को लेकर स्थिति साफ नहीं है. NRC, NPR के बारे में और डिटेल में जानने के लिए ये पढ़िए- NRC और NPR में क्या संबंध है, इन्हें लेकर जनता की चिंता कितनी जायज़ है?
दिल्ली हिंसा: राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने दिया जवाब

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement