सीट का नाम: डेबरा (Debra) ( पश्चिम मिदनापुर)
पश्चिम मिदनापुर जिले की डेबरा सीट पर काफी दिलचस्प मुकाबला रहा. यहां दो पूर्व पुलिस अधिकारी आमने-सामने थे. हुमायूं कबीर और भारती घोष. टीएमसी के हुमायूं कबीर ने बीजेपी की अपनी प्रतिद्वंद्वी भारती घोष पर 11,226 वोटों से जीत दर्ज की.
कौन जीता?नाम- हुमायूं कबीर (TMC)
कितने वोट मिले- 95,850
कौन हारा?नाम- भारती घोष (BJP)
कितने वोट मिले- 84,624
भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी रहे हुमायूं कबीर फरवरी 2021 में चंदननगर के पुलिस आयुक्त के पद से हटने के बाद ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस जॉइन कर ली थी. TMC ने उन्हें कोलकाता से 103 किलोमीटर दूर डेबरा से उम्मीदवार घोषित किया. बतौर पुलिस अधिकारी हुमायूं कबीर की आखिरी कार्रवाइयों में तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी शामिल थी. इन तीनों को नंदीग्राम में बीजेपी उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी की रैली में ‘गोली मारो’ के विवादित नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
कबीर के सामने बीजेपी ने भारती घोष को उतारा था. पूर्व IPS अधिकारी भारती कभी ममता बनर्जी की करीबी मानी जाती थीं. हालांकि उन्होंने समय से पहले रिटायरमेंट लेते हुए 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी जॉइन कर ली थी.
पिछले चुनावों के नतीजे
# डेबरा विधानसभा सीट पर TMC का दस साल से कब्जा रहा है. 2016 के विधानसभा चुनाव में TMC की सेलिमा खातून को 90,773 वोट मिले थे. सेलिमा खातून ने लेफ्ट के जहांगीर शेख को 11,908 वोटों से हराया था.
# 2011 में ममता बनर्जी की लहर में TMC ने इस सीट पर अपना खाता खोला था. उसके बाद से हर चुनाव में ममता यहां से अपना प्रत्याशी बदलकर नए चेहरे पर दांव लगाकर जीत दर्ज करती रही हैं. साल 2011 के चुनाव में TMC के राधाकांत मैती ने CPI(M) के सोहराब हुसैन को मात दी थी.
सीट ट्रिविया
# इस सीट पर पहले इलेक्शन से लेकर 1977 तक कांग्रेस का प्रत्य़ाशी ही चुनाव जीतता रहा.
# साल 1977 में CPI(M) के सैयद मोअज्जम हुसैन ने कांग्रेस के प्रत्याशी को हराकर ये सीट जीती.
# CPI(M) के एम. जहांगीर करीम ने 1987 से लेकर 2006 तक इस सीट पर जीत का परचम लहराया
# पिछले दस साल से इस सीट पर TMC का कब्जा रहा है.