The Lallantop
Advertisement

क्या सिद्धू मूसेवाला की हत्या के पीछे पंजाब के इन दो गैंग्स की लड़ाई है?

वैसे तो इन दोनों गैंग्स की लड़ाई पंजाब में बच्चे बच्चे को पता है. लड़ाई वर्चस्व की. लेकिन फिर इनके बीच कुछ ऐसा हुआ जिसे अब सिद्धू मूसेवाला के मर्डर की वजह बताया जा रहा है.

Advertisement
Siddhu Moosewala
सिद्धू मूसेवाला.
pic
सौरभ
30 मई 2022 (Updated: 2 जून 2022, 11:28 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

सिद्धू मूसेवाला के मर्डर की खबर आई. घटना चौंकाने वाली थी. अब सवाल है कि आखिर अचानक ये मर्डर हुआ क्यों. इस पर चर्चा चल ही रही थी कि फेसबुक पर गोल्डी बराड़ ने हत्याकांड की जिम्मेदारी ले ली. गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने लिखा कि उसी ने सचिन बिश्नोई और लॉरेंस बिश्नोई के साथ मिलकर मूसेवाला का मर्डर किया है. पोस्ट में गोल्डी बराड़ ने लिखा,

'मूसेवाला हमारे खिलाफ काम कर रहा था. मूसेवाला विक्की मिद्दूखेड़ा और गुरलाल बराड़ के मर्डर में शामिल था. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.'

अब तक इस कहानी में सिद्धू मूसेवाला, गोल्डी बराड़, लॉरेंस बिश्नोई और विक्की मिद्दूखेड़ा की बड़ी चर्चा है. लेकिन जो खबरें चल रही हैं उनसे ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या सिद्धू मूसेवाला की हत्या के पीछे पंजाब में दो गैंग्स के बीच की लड़ाई है. इन गैंग्स का नाम है लॉरेंस बिश्नोई गैंग और दविंदर बंबिहा गैंग.

बिश्नोई गैंग 

बिश्नोई गैंग शुरू करने वाला था लॉरेंस बिश्नोई. उसने 12वीं के बाद चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था. पढ़ाई के दौरान उसने छात्र संगठन बनाया. स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी. उसके बैनर तले स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा. लॉरेंस के सामने चुनावी मैदान में उदय सह और डग का ग्रुप था, जिससे लॉरेंस चुनाव हार गया. 

इस हार के बाद फरवरी 2011 में चंडीगढ़ के सेक्टर 11 में एक दिन लॉरेंस और उसके विरोधी गुट का आमना-सामना हो गया. इस दौरान लॉरेंस ने उदय सह के ग्रुप पर फायरिंग कर दी. ये पहली बार था, जब लॉरेंस ने फायरिंग की थी. दूसरी तरफ से भी फायरिंग हुई. पुलिस ने जब केस दर्ज किया, तो उसमें लॉरेंस का भी नाम था. ये पहला मुकदमा था, जो लॉरेंस के नाम पर दर्ज हुआ था. इसके बाद से लेकर अब तक लॉरेंस पर करीब 50 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से 30 में वो बरी हो चुका है.

Lawrence Boshnoi
लॉरेंस बिश्नोई.

लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. कहते हैं जेल में बैठ कर ही वो पूरा गैंग ऑपरेट करता है. कहने को तो लॉरेंस अपना छात्र संगठन चलाता है, लेकिन पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में वो दहशत का नाम है. कहते हैं 31 साल के लॉरेंस के गैंग में 700 से ज्यादा मेंमर हैं जो पंजाब और आसपास के राज्यों में आतंक पैदा करते हैं.

लॉरेंस अब से पहले एक बार और चर्चा में आया था. साल 2018 में. हत्या, लूट, रंगदारी, अवैध वसूली और जान से मारने की कोशिश के 50 से भी अधिक मुकदमों में आरोपी लॉरेंस बिश्नोई ने तब बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को मारने की धमकी दी थी. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई काले हिरण की हत्या को लेकर सलमान खान से नाराज था.

बंबिहा गैंग

साल 2010 की बात है. हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक दविंदर बंबिहा अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड का एक मैटर सुलझाने गया था. लेकिन उसके दोस्त ने गोली चला दी. सामने वाला मर गया. पुलिस ने दविंदर बंबिहा और उसको दोस्त दोनों को उठा लिया. उसके बाद बंबिहा कभी घर लौट कर नहीं गया. वो तब BA फर्स्ट इयर में था जब उसके ऊपर पहली बार मर्डर का चार्ज लगा था.

जेल से बाहर निकला तो एक नया दविंदर बंबिहा था. बाहर निकल कर अपनी गैंग बनाई. और पंजाब के सबसे कुख्यात अपराधियों में अपना नाम दर्ज कराया. दविंदर पर 15 से ज्यादा केस दर्ज हुए, जिसमें 6 मर्डर के थे. अटैंप्ट टू मर्डर, डकैती जैसे कुख्यात अपराधों में उसने अपना नाम बना लिया था.

Davinder Bambiha
दविंदर बंबिहा. (तस्वीर साभार- 1.bp.blogspot.com)

बंबिहा को एक शार्प शूटर माना जाता था. 20 फरवरी 2016 की बात है. स्टूडेंट लीडर से सरपंच बने रजविंदर सिंह उर्फ रवि ख्वाजा का मर्डर कर दिया गया. ख्वाजा एक शादी समारोह में मौजूद थे. हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक बंबिहा पर रवि ख्वाजा को 14 गोलियां मारने का आरोप लगा था. इस घटना के 7 महीने बाद सितंबर 2016 में पुलिस ने बंबिहा का एनकाउंटर कर दिया. बठिंडा के रामपुर फूल गांव में पुलिस ने बंबिहा को मार गिराया.

दविंदर तो मर गया, लेकिन उसका गैंग जिंदा रहा. काम वैसे ही चलता रहा. दविंदर के एनकाउंटर के बाद सुखप्रीत सिंह धालीवाल और गौरव पटियाल उर्फ लकी गैंग चलाते रहे. हालांकि ये दोनों अभी जेल में हैं. सुखप्रीत पंजाब की जेल में बंद है, जबकि गौरव पटियाल अरमेनिया की जेल में है. बताया जाता है कि जैसे बिश्नोई तिहाड़ जेल से गैंग चलाता है, वैसे ही ये दोनों भी जेल से ही गैंग ऑपरेट करते हैं.

बिश्नोई गैंग Vs बंबिहा गैंग 

वैसे तो बिश्नोई गैंग और बंबिहा गैंग की लड़ाई पंजाब में बच्चे बच्चे को पता है. लड़ाई वर्चस्व की. लेकिन फिर इन दोनों गैंग के बीच कुछ ऐसा हुआ जिसे अब सिद्धू मूसेवाला के मर्डर की वजह बताया जा रहा है.

7 अगस्त, 2021. मोहाली का सेक्टर 71.  विक्की मिद्दूखेड़ा की हत्या कर दी जाती है. कौन था विक्की मिद्दूखेड़ा उर्फ विक्रमजीत सिंह. युवा अकाली दल का एक नेता था. परिवार श्री मुक्तसर साहिब जिले के मलोत से ताल्लुक रखता था. और अकाली दल के नेता सुखबीर बादल का करीबी था. लेकिन इतनी जानकारी काफी नहीं है. स्कूल की पढ़ाई के बाद विक्की ने पंजाब यूनिवर्सिटी के डिपार्मेंट ऑफ डिफेंस स्टडीज में दाखिला लिया. साल 2009 में मिद्दूखेड़ा को स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (एसओपीयू) का अध्यक्ष बनाया गया. वही संगठन जिसे लॉरेंस बिश्नोई ने बनाया था. कुल जमा जोड़ ये कि विक्की लॉरेंस बिश्नोई का भी खास आदमी था.

विक्की मिद्दू खेड़ा हत्याकांड में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया. तीनों गैंगस्टर. झज्जर के निवासी उर्फ भोलू (37), दिल्ली के अनिल कुमार लट्ठ (32) और कुरुक्षेत्र के सनी (20). इन तीनों से पूछताछ हुई तो दो और नाम सामने आए. गैंगस्टर अमित डागर और भुप्पी राणा. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया. फिर एक और नाम सामने आया. ये नाम था शगुनप्रीत सिंह का. सिद्धू मूसेवाला का मैनेजर.

शगुनप्रीत पर आरोप है कि उसने हत्या को अंजाम देने वाले शूटरों का सहयोग किया था और उनके रहने का इंतजाम किया था. पुलिस उसको पकड़ नहीं पाई और वो इसी साल छह अप्रैल को कथित तौर पर ऑस्ट्रेलिया भाग गया. पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया हुआ है.

इसके बाद बिश्नोई गैंग के निशाने पर आए सिद्धू मूसेवाला. बताया जा रहा है कि सिद्धू मूसेवाला को बिश्नोई गैंग की तरफ से फोन पर धमकी भी मिली थी. गैंग ने फोन कर सिद्धू से कहा था कि उन्होंने विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या में मदद की थी, इसलिए उन्हें छोड़ेंगे नहीं. पंजाब में अपराध की दुनिया को नज़दीक से देखने वाले कहते हैं कि मूसेवाला को फोन करने वाला गोल्डी बराड़ हो सकता है.

सिद्धू मूसेवाला का मर्डर किसने किया, लॉरेंस बिश्नोई के साथ गोल्डी बराड़ ने यह बताया!

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement