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यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के लिए क्या कह रहे चीन, अमेरिका जैसे ताकतवर देश?

इस जंग में दुनिया के कई देशों के शामिल होने का डर अब गहरा रहा है.

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यूक्रेन पर रूसी हमला शुरू हो गया है, बाकी देशों की इस पर क्या प्रतिक्रिया है? (फोटो साभार ट्विटर और आज तक)
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शिवेंद्र गौरव
24 फ़रवरी 2022 (Updated: 24 फ़रवरी 2022, 11:47 AM IST) कॉमेंट्स
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रूस-यूक्रेन का संकट युद्ध में तब्दील हो चुका है. सबसे पहले अब तक की अपडेट जान लेते हैं. भारतीय समय के मुताबिक़ गुरुवार 24 फरवरी को सुबह 8 बजे रूसी प्रेसिडेंट व्लादीमिर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले का ऐलान किया. साथ ही यूक्रेन की आर्मी को हथियार डालने के लिए कहा. व्लादीमिर पुतिन ने अमेरिका सहित किसी भी देश को उसके और यूक्रेन के बीच दखल देने पर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी भी दी. अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी AFP के मुताबिक़ पुतिन के ऐलान के कुछ ही देर बाद यूक्रेन के काला सागर बंदरगाह ओडेसा पर धमाका हुआ. यूक्रेन के खार्किव शहर में भी धमाके की खबरें आईं हैं. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स ने एक चश्मदीद के हवाले से पूर्वी यूक्रेन के दोनेश्क शहर में कम से कम पांच धमाकों की जानकारी दी है. रूसी हवाई सेना ने राजधानी कीव के एयरपोर्ट पर कब्जे की भी कोशिश की है. यूक्रेन के शहरों पर हुए हमलों में बैलेस्टिक मिसाइलों का यूज़ किया जा रहा है. यूक्रेन और नाटो की तरफ़ से हाल-फिलहाल किसी भी तरह की जवाबी कार्रवाई की खबर नहीं है. हालांकि न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ यूक्रेन ने लोहान्स्क इलाके में रूस के 5 हवाई जहाज मार गिराने का दावा किया है. लेकिन इसका कोई सबूत अभी तक सामने नहीं आया है. हमले के बाद से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् (UNSC) की बैठक जारी है. इस हफ्ते UNSC की ये दूसरी बैठक है जिसमें तमाम देशों की तरफ़ से प्रतिक्रियाएं आई हैं. किसने क्या कहा जानेंगें. लेकिन सबसे यूक्रेन का पक्ष जान लेते हैं. यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने UNSC की मीटिंग में दुनियाभर से पुतिन को रोकने की गुहार लगाई है. ये भी कहा है कि हम अपनी रक्षा में पीछे नहीं हैं, लड़ेंगे और जीतेंगे. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि उन्होंने शांति के लिए पुतिन से बातचीत की कोशिश की थी, जो असफल रही. जेलेंस्की ने बताया कि दो लाख रूसी सैनिक फिलहाल बॉर्डर पर हैं और हमला शुरू कर दिया गया है. मॉस्को यूरोप में एक भीषण युद्ध शुरू कर चुका है. यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने ट्वीट करके कहा,
‘पुतिन ने पूरे पैमाने पर यूक्रेन पर हमला लॉन्च कर दिया है. यूक्रेन के शांतिपूर्ण शहरों पर स्ट्राइक की जा रही है.’
इधर यूक्रेन में सांसदों ने देशव्यापी इमरजेंसी लगाने के राष्ट्रपति जेलेंस्की के आदेश को मंजूरी दे दी है. ये इमरजेंसी 24 फरवरी से शुरू होकर 30 दिन तक लागू रहेगी. इसके अलावा यूक्रेन में मार्शल लॉ भी लगा दिया गया है. इसमें सारा कंट्रोल डायरेक्ट मिलिट्री के हाथों में चला जाता है. एयरपोर्ट और नागरिक उड़ानें बंद कर दी गई हैं. यूक्रेन की संसद ने आम लोगों को हथियार रखने का प्रपोजल भी पास कर दिया है. इसके साथ ही यूक्रेन के करीब 30 लाख लोगों को रूस छोड़ने के लिए कहा गया है. किसने क्या कहा? नाटो चीफ़ जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है,
‘मैं यूक्रेन पर रूस के लापरवाह और अकारण हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसने अनगिनत नागरिकों की जान जोखिम में डाल दी है. एक बार फिर, हमारी बार-बार की चेतावनियों और कूटनीति में शामिल होने के अथक प्रयासों के बावजूद रूस ने एक संप्रभु और स्वतंत्र देश के खिलाफ आक्रामकता का रास्ता चुना है.’
यहां एक बार फिर का मतलब 2014 में रूस के क्रीमिया पर कब्जे से है. रूस के विपक्षी गुट के मुखिया अमेरिका ने क्या कहा है, ये भी जान लेते हैं. UNSC की बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा है,
'हम रूस के एक्शन का एकजुट होकर जवाब देना जारी रखेंगे. हम रूस को हमला रोकने, अपनी सीमा पर वापस लौटने और अपने सैनिकों को वापस बैरकों में भेजने की अपील कर रहे हैं. रूस अपने राजनयिकों को वार्ता की मेज पर लाए. रूस ने वास्तव में यूक्रेन की संप्रभुता का उल्लंघन किया है.'
हालांकि अमेरिका व नाटो देशों के गठबंधन ने रूस पर पाबंदियों के अलावा अब तक किसी भी जवाबी सैन्य कार्रवाई का संकेत नहीं दिया है. यूक्रेन को ये लड़ाई अकेली लड़नी पड़ रही है. पाकिस्तान के PM इमरान खान के मॉस्को दौरे पर भी अमेरिकी विदेश विभाग ने जवाब दिया है. कहा कि यूक्रेन में रूस के एक्शन पर आपत्ति दर्ज कराना हर जिम्मेदार देश की जिम्मेदारी है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि इस युद्ध और खूनखराबे के लिए रूस जिम्मेदार है. अमेरिका हालात पर नजर रखे हुए है. हम जी-7 लीडर्स से बात करेंगे. बाइडेन ने ट्वीट करके कहा,
‘इस हमले में जो मौतें और विनाश होगा उसके लिए रूस जिम्मेदार है. अमेरिका और उसके सहयोगी देश एकजुट और निर्णायक तरीके से इसका जवाब देंगे. दुनिया इसके लिए रूस को जिम्मेदार ठहराएगी.’
एक और ट्वीट में बाइडेन ने कहा,
प्रेजिडेंट ज़ेलेंस्की ने मुझसे रात में संपर्क किया और हमने अभी तक उनसे बात की है. मैंने रूसी सेना के इस अकारण और अनुचित हमले की निंदा की. मैंने उन्हें आज रात UNSC में उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी है.’
यूक्रेन पर रूस की कार्रवाई पर चीन की प्रतिक्रिया भी आई है. UN में चीनी राजदूत झेंग जुन (Zhang Jun)  ने कहा कि संयम बरतकर तनाव को ज्यादा बढ़ने से रोकना चाहिए. हालांकि चीन इस पूरे मामले में अभी तक रूस का मूक समर्थन ही करता आ रहा है. ब्रिटेन ने क्या कहा? ब्रिटेन का रुख भी रूस के खिलाफ़ है. हालांकि अभी तक ब्रिटेन का विरोध सिर्फ रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने तक सीमित है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्वीट करके कहा है,
‘मैं यूक्रेन में भयावह घटनाओं से स्तब्ध हूं और मैंने अगला कदम तय करने के लिए प्रेसिडेंट ज़ेलेंस्की से बात की है. पुतिन ने यूक्रेन पर इस अकारण हमले की शुरुआत करके रक्तपात और विनाश का रास्ता चुना है. ब्रिटेन और उसके  सहयोगी निर्णायक जवाब देंगे.’
इसके पहले बोरिस ने कहा था,
‘उन्होंने (पुतिन) सैनिकों को अंदर भेजकर अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ा है. उन्होंने मिन्स्क समझौतों को खारिज किया है और साल 1994 में बुडापेस्ट में बनी सहमति को भी धता बताया है, जिसमें यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात है.
जर्मनी ने रूसी गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट रद्द कर दिया है. जर्मनी की राजधानी बर्लिन और फ्रांस की राजधानी पेरिस के ऐतिहासिक स्मारकों में यूक्रेन के पक्ष में रौशनी की गई है. बर्लिन के मेयर फ्रांजिस्का गिफी ने कहा कि उनका देश यूक्रेन के साथ हैं. रूस पर प्रतिबंध लगाए जाने के सिलसिले में स्विट्जरलैंड ने हामी नहीं भरी है. उसका कहना है कि सरकारी ऑफिसर्स और मंत्रियों की बैठक में ये फैसला लिया गया है कि फिलवक्त यूक्रेन संकट के बीच हम रूस पर कोई आर्थिक प्रतिबंध नहीं लगाएंगे. हालांकि स्विट्जरलैंड ने डोनेट्स्क और लुहान्स्क को दी गई रूसी मान्यता की निंदा की है. तुर्की ने क्या कहा? तुर्की के प्रेसिडेंट रजब तैयब अर्दोआन ने पुतिन से कहा है कि तुर्की यूक्रेन की संप्रभुता के खिलाफ रूस के क़दमों को मान्यता नहीं देता है. तुर्की प्रेसिडेंट के ऑफिस से जारी एक बयान में कहा गया कि अर्दोआन ने बुधवार को पुतिन के साथ फोन पर बातचीत में यूक्रेन में संकट के कूटनीतिक समाधान का आग्रह किया है. तुर्की नाटो का सदस्य है, और रूस का पड़ोसी है. तुर्की यूक्रेन क्राइसिस का समाधान बातचीत के जरिए चाहता है. और उसके लिए रूस और यूक्रेन में से किसी को भी छोड़ना संभव नहीं है. यूरोपीय देश नॉर्वे की तरफ़ से भी ट्वीट कर पुतिन की आर्मी के दोनेश्क और लुहान्स्क इलाके में घुसने और मिलिट्री ऑपरेशन करने की निंदा की गई है. रूस अपनी इस कार्रवाई पर क्या कहता है? UNSC में रूस ने भी अपना पक्ष रखा है. उसकी तरफ से कहा गया कि राष्ट्रपति पुतिन ने जो ऑपरेशन घोषित किया है वो यूक्रेन के लोगों की रक्षा के लिए है, जो सालों से पीड़ित हैं. रूस का लक्ष्य यूक्रेन को नरसंहार से आजाद कराना है. UNSC की बैठक में रूसी राजदूत ने कहा कि रूस का मिलिट्री ऑपरेशन कीव में शासन कर रही जुंटा को निशाना बनाना है. कहा कि,
'मैं अंत में यही कहना चाहूंगा कि हम यूक्रेन की जनता के प्रति आक्रामक नहीं हो रहे हैं. हमारा टारगेट कीव में शासन कर रही जुंटा है.'
UN में भले ही पश्चिमी देश एकजुट होकर रूस को झुकाना चाहते हैं, लेकिन रूस और उसके सहयोगी देशों की वीटो पावर इन कोशिशों पर पानी फेर सकती है.

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