कौन हैं कैथोलिक पादरी जॉर्ज पोन्नैया, जिनसे राहुल के मिलने पर हंगामा हो गया?
पोन्नैया ने 2021 में कहा था- इतिहास देखेगा कि मोदी और अमित शाह को कुत्ते और कीड़े खाएंगे.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भारत जोड़ो यात्रा के बीच कैथोलिक पादरी जॉर्ज पोन्नैया (Priest George Ponnaiah) से मिले. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वीडियो में राहुल गांधी और फादर पोन्नैया जीसस क्राइस्ट पर चर्चा कर रहे हैं. राहुल गांधी के जीसस क्राइस्ट को लेकर एक सवाल के जवाब में फादर जॉर्ज पोन्नैया ने कहा कि वही (जीसस) असली भगवान हैं, जो एक मानव व्यक्ति के रूप में प्रकट हुए हैं, किसी शक्ति की तरह नहीं.
इस वीडियो को लेकर कांग्रेस और बीजेपी भिड़ गए. जहां बीजेपी ने वीडियो को लेकर कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर निशाना साधा. बीजेपी ने पूछा कि राहुल विवादित पादरी जॉर्ज पोन्नैया से क्यों मिले. वहीं कांग्रेस ने इसका बचाव किया और वायरल वीडियो पर बीजेपी के दावे को फर्जी बताया. अब ये जानना भी जरूरी है कि आखिर जिस पादरी जॉर्ज पोन्नैया को लेकर क्यों सवाल उठ रहे हैं, वह हैं कौन?
GEORGE PONNAIAH कौन हैं?जॉर्ज पोन्नैया कन्याकुमारी में एक गैर सरकारी संगठन (NGO) जनन्याग क्रिस्थुवा पेरवई अमाईपु के मेम्बर हैं. जॉर्ज पोन्नैया जुलाई 2021 में विवादों में घिर गए थे. उन्होंने 18 जुलाई, 2021 को एक भाषण में हिंदू धर्म की मान्यताओं, पीएम मोदी और भारत माता को लेकर बयान दिया था, जिस पर विवाद हो गया. उनके खिलाफ तमिलनाडु के अलग-अलग जिलों में 30 से ज्यादा FIR की गईं.
उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि तमिलनाडु में डीएमके और कांग्रेस की जीत ईसाई और मुस्लिम मतदाताओं की वजह से हुई. एक नेता ने मंदिर के बाहर चप्पल उतारी, इसी को लेकर बयान देते हुए जॉर्ज पोन्नैया ने कहा,
“हम जूते पहनते हैं क्योंकि भारत माता (भूमिदेवी) की गंदगी हमें दूषित न कर दे. तमिलनाडु सरकार ने हमें मुफ्त जूते दिए हैं. यह भूमिदेवी खतरनाक है, इससे आपको खुजली हो सकती है.”
जॉर्ज पोन्नैया ने पीएम मोदी और अमित शाह को लेकर भी कथित विवादित बयान दिया था. उन्होंने इसी भाषण में कहा था,
"मोदी के आखिरी दिन दयनीय होने वाले हैं. मैं इसे लिखित में दे रहा हूं. अगर हम जिस भगवान की पूजा करते हैं वह एक सच्चे भगवान हैं, तो इतिहास देखेगा कि मोदी और अमित शाह को कुत्ते और कीड़े खाएंगे. अब हम बहुमत में हैं (कन्याकुमारी में). हम 42 प्रतिशत से बढ़कर 62 प्रतिशत को पार कर चुके हैं. जल्द ही हम 70 प्रतिशत हो जाएंगे. आप हमें रोक नहीं सकते. मैं इसे अपने हिंदू भाइयों को चेतावनी के तौर पर कह रहा हूं."
बयान को लेकर विवाद बढ़ा तो पादरी जॉर्ज पोन्नैया ने सार्वजनिक माफी मांगी. उन्होंने अपने ऊपर दर्ज FIR को रद्द करने की मांग को लेकर एक याचिका भी मद्रास हाईकोर्ट में दायर की. जिसपर सुनवाई करते हुए इसी साल जनवरी में मद्रास हाईकोर्ट ने पादरी को फटकार लगाई. आजतक की खबर के मुताबिक जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कहा कि नफरत फैलाने पर ईसाई पादरी को किसी स्टैंड-अप कॉमेडियन की तरह बख्शा नहीं जा सकता. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता दूसरों के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान नहीं कर सकता.
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