तीन दिन लगाकर कुंभ पर जानकारियां इकट्ठी की हैं, पढ़ लो, फायदे में रहोगे
कुंभ कैसे जाएं, कहां रुकें, क्या करें - जानिए सबकुछ, और भी बहुत कुछ!
1 - बिलकुल बेसिक जानकारी
# कुंभ टोटल चार जगहों में होता है. प्रयाग, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन. और ये तो हमें पता ही है कि प्रत्येक स्थान में ये हर बारह साल में एक बार आता है. यूं कई लोगों के बीच ये भ्रांति है कि इस हिसाब से भारत में हर तीन साल में एक बार कहीं न कहीं कुंभ आएगा ही आएगा. लेकिन ये मानना बिलकुल गलत है. एक शहर के कुंभ से दूसरे शहर के कुंभ का कोई लेना-देना नहीं है और हर कुंभ ग्रहों की गति के हिसाब से आता है. अब यही लगा लीजिए कि 1980 और 1992 में दो जगहों पर एक साथ कुंभ था – नासिक और उज्जैन. हिंदू कैलंडर के हिसाब से तो नासिक और उज्जैन का महाकुंभ एक ही साल होता है. भारत में पिछला महाकुंभ 2016 में उज्जैन में और अगला महाकुंभ 2022 में हरिद्वार में आएगा. यूं इन दोनों में 6 सालों का अंतर है.# कुंभ मेले का नाम कुंभ क्यूं पड़ा, इसके दो कारण बताए जाते हैं. पहला कारण ये कि ये, कुंभ राशि (बारह राशियों में से एक) की ग्रह दशाओं पर निर्भर करता है. दूसरा कारण एक कहानी के रूप बताया जाता है. जब देवता अमृत का कुंभ दानवों से छुपाकर ले जा रहे थे तो उसकी चार बूंदे, चार जगहों पर पड़ी. इन्हों चार जगहों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है.
# इन चार शहरों के कुंभ मेले में से सबसे ज़्यादा महातम्य प्रयागराज के महाकुंभ का ही है. कारण ये है कि ये महाकुंभ तीन नदियों के संगम पर होता है – गंगा, यमुना और लुप्त हो गई नदी सरस्वती.
# केवल प्रयागराज और हरिद्वार ही ऐसी दो जगहें हैं जहां पर अर्धकुंभ का भी आयोजन होता है. जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है कि अर्धकुंभ दो कुंभ मेलों के ठीक बीच में होता है. यानी किसी शहर के कुंभ और अर्धकुंभ के बीच में 6 वर्ष का अंतर होता है.
मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आगामी कुम्भ 2019 की तैयारियों का जाएजा लेने के साथ ही मेला क्षेत्र में स्थित प्रमुख अखाड़ों के शिविरों का दौरा कर साधु संतों से भेंट की। #Kumbh2019
— Information and Public Relations Department, UP (@InfoDeptUP) January 5, 2019
#BhavyaKumbh
#DivyaKumbh
#ChaloKumbhChalein
#KumbhCalls
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2 - अर्ध कुंभ 2019 - प्रयागराज
# प्रयागराज में 2019 में आयोजित हो रहा कुंभ, दरअसल अर्धकुंभ है. यानी पिछला कुंभ 6 वर्ष पहले – 2013 में आया था.# प्रयागराज - 63.07 वर्ग किलोमीटर में फैला प्रयागराज समुद्र तल से 98 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. ये तीन नदियों के संगम पर स्थित है – गंगा, जमुना और सरस्वती. इन नदियों में से पौराणिक नदी सरस्वती अब लुप्त हो चुकी है. प्रयागराज में कुंभ के अलावा कई अन्य टूरिस्ट स्पॉट्स हैं. जैसे – मनकामेश्वर मंदिर, श्री अखिलेश्वर महादेव, ऑल सेंट्स केथेड्रल, इस्कॉन टेंपल, नाग वासुकी मंदिर, आनंद भवन, अकबर किला, इलाहाबाद संग्रहालय, उल्टा किला, खुसरो बाग़, बड़े हनुमान जी का मंदिर आदि.भारत का पुर्वोत्तर राज्य #मिजोरम
— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) January 5, 2019
अपनी सांस्कृतिक विविधता के लिए विख्यात हैं, वहाँ का #चिराऊ
नृत्य युवतियों द्वारा प्रस्तुत किया जाता है | #संस्कृतिकुम्भ
- 10 जनवरी से 4 मार्च ,2019, सेक्टर 19, संगम , #प्रयागराज
| #SanskritiKumbh
#Kumbh2018
#IncredibleIndia
#Prayagraj
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अगर स्नान आदि से ज़ल्दी निवृत हो जाएं तो इन्हें भी घूमने जाया जा सकता है. इन सभी स्पॉट्स की पूरी जानकारी आपको यूपी टूरिज्म की वेबसाइट
या वन स्टॉप ट्रेवल सलूशन पोर्टल
पर उपलब्ध हो जाएगी.
3 - समय, दिन और कुछ महत्वपूर्ण तारीखें
# 2019 के इस अर्ध-कुंभ की बात करें तो, ये 15 जनवरी से प्रारंभ होकर 04 मार्च तक चलेगा.# वैसे तो हर दिन के स्नान का उतना ही महत्त्व माना जाता है लेकिन फिर भी इन 50 दिनों में से 6 दिन ऐसे हैं जिन दिनों में स्नान करने के लिए सबसे ज़्यादा भीड़ होती है –
1) 15 जनवरी – मकर संक्रांति (कुंभ आरंभ)
2) 21 जनवरी - पौष पूर्णिमा
15 जनवरी मकर संक्रान्ति से 4 मार्च महा शिवरात्रि तक प्रयागराज में आयोजित हो रहे #कुम्भ2019
— UP Tourism (@uptourismgov) January 5, 2019
में स्नान की 6 प्रमुख तिथियां होंगी, जिनमें जनवरी माह में दो मुख्य तिथियां हैं। इन पवित्र तिथियों को ध्यान में रखते हुए इस विशाल उत्सव के दर्शन करनें 'चलो कुम्भ चलें'। #Kumbh2019Calender
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3) 04 फरवरी – मौनी अमावस्या (इस दिन सबसे ज़्यादा लोग संगम पर स्नान करते हैं, 2013 के कुंभ में ये संख्या 3 करोड़ से भी अधिक थी.)ये 6 दिन इस बात के लिए नोट किए जा सकते हैं कि किस दिन ज़्यादा बड़ा आयोजन होगा साथ ही इस बात के लिए भी कि किन दिनों में कम भीड़ होगी और आपके लिए कुंभ यात्रा/कुंभ स्नान तुलनात्मक रूप से आसान होगा.
4) 10 फरवरी - बसंत पंचमी
5) 19 फरवरी – माघी पूर्णिमा
6) 04 मार्च - महाशिवरात्रि (कुंभ उद्यापन)
# शाही स्नान – कुंभ में आमजन स्नान करें, इससे पहले विभिन्न अखाड़ों के संत स्नान करते हैं. इस स्नान के दौरान आकर्षक शोभायात्राएं निकाली जाती हैं. इसे ही शाही या राजयोगी स्नान भी कहा जाता है. ऊपर वाली डेट्स में से 15 जनवरी, 04 फरवरी और 10 फरवरी का स्नान शाही स्नान है.With official estimates of over 120 million people, #kumbh
Discover Kumbh, Discover India, Discover Yourself. 🗓️- 15th Jan to 4th March 2019 📍- #Prayagraj
Nagri #Prayagraj
will witness its largest gathering ever.
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— PIB India (@PIB_India) January 8, 2019
# पेशवाई (प्रवेशाई) – पेशवाई का एक अर्थ शोभायात्रा भी है. ये कुंभ मेले का कर्टेन-रेज़र (पर्दा उठाना) भी कही जा सकती है. इसमें साधु-संत अपनी-अपनी टोलियों के साथ बड़े धूम-धाम से प्रदर्शन करते हुए कुंभ में पहुंचते हैं. हाथी, घोड़ों, बग्घी, झांकी और तरह-तरह स्वांग वाले लोगों से सजी ये पेशवाई देखते ही बनती है. और इस पेशवाई, जिसे प्रवेशाई भी कहते हैं, के बाद ही पहला शाही स्नान और 50 दिन चलने वाले मेले का औपचारिक उद्घाटन होता है.
4 - ट्रेवल
प्रयागराज पहुंचने के लिए आपके पास अपने निजी वाहन के अलावा रोडवेज़ की बसें, फ्लाइट और ट्रेन जैसे कई बेहतरीन विकल्प उपलब्ध हैं. कुंभ मेले में पहुंचने के लिए सबसे ज़्यादा रेल का ही उपयोग किया जाता है. इसलिए ही तो रेलवे भी कई स्पेशल ट्रेन्स वहां के लिए, और वहां से चलाता है. अबकी बार कुल 800 से ज़्यादा स्पेशल ट्रेन चल रही हैं, और ये ट्रेन्स उन रेगुलर ट्रेन्स के अलावा हैं जो चलती आ रही हैं.साथ ही, 6 टूरिस्ट स्पेशल ट्रेन और 4 से 5 ऐसी स्पेशल ट्रेन भी हैं जो 5000 से अधिक प्रवासी भारतियों को लाने-ले जाने के कार्य में आएंगी. प्रवासी भारतियों के लिए चलने वाली यह ट्रेन्स पहले यात्रियों को दिल्ली से वाराणसी लेकर जाएंगी, जहां पर 21-23 जनवरी 2019 तक प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित किया जाएगा और उसके बाद इन प्रवासी भारतियों को कुंभ मेला ले जाया जाएगा.
प्रयागराज के आसपास कुल दस रेलवे स्टेशन हैं.- इलाहाबाद छिवकी, नैनी जंक्शन, इलाहाबाद जंक्शन (सबसे प्रमुख जंक्शन), फाफामऊ जंक्शन, सूबेदारगंज, इलाहाबाद सिटी, दारागंज, झूसी, प्रयाग घाट, प्रयाग जंक्शन.
रेल कुंभ सेवा एप
– यात्रियों के लिए, खासतौर पर जो ट्रेन से कुंभ पहुंच रहे हैं, एनसीआर (नॉर्थ सेंट्रल रेलवे) का ये एप बहुत ही हैंडी साबित हो सकता है. इसमें कुंभ के लिए आपके शहर से चलाई गई स्पेशल ट्रेन्स का डाटाबेस तो है ही साथ ही नेविगेशन, रेलवे कैंप, इमरजेंसी कांटेक्ट, ऑन कॉल सर्विस जैसे ढेरों विकल्प भी उपलब्ध हैं.
रेल कुंभ सेवा एप का स्क्रीन शॉट
ट्रेन के अलावा बमरौली एयरपोर्ट, प्रयागराज से केवल 12 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां से दिल्ली के लिए रोज़ और 4 अन्य शहरों (लखनऊ, पटना, इंदौर और नागपुर) के लिए हफ्ते में तीन दिन विमान सेवाएं उपलब्ध हैं. आप दिल्ली वाली फ्लाइट का शेड्यूल एयर इंडिया से और बाकी शहरों की फ्लाईट का शेड्यूल जेट एयरवेज़ से कन्फर्म कर सकते हैं. यदि आप श्योर हैं कि आपको कुंभ मेला फ्लाइट से ही जाना है तो जितने ज़ल्दी फ्लाइट बुक करेंगे उतना आपकी जेब पर भार कम पड़ेगा क्यूंकि ‘शुभस्य शीघ्रम्’ का कलयुगी अनुवाद ‘डायनेमिक प्राइसिंग’ है.
इसके अलावा यूपी रोडवेज़उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुम्भ मेला क्षेत्र में चलने वाली शटल बसों, ई-रिक्शा एवं स्वच्छता संबंधी वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। pic.twitter.com/hmhsjs6NxG
— Kumbh (@PrayagrajKumbh) January 6, 2019
और आस पास के राज्यों की रोडवेज़ बस सेवाएं तो हैं हीं. एडवांस में ऑनलाइन बुकिंग करके आप खुद को कतार, भीड़-भड़क्के और महंगी टिकटों से बचा सकते हैं. इसके लिए आप कई प्राइवेट वेबसाइट्स के अलावा यूपी टूरिज्म की वेबसाइट – ‘वन स्टॉप ट्रेवल सलूशन’ पर भी जा सकते हैं. यहां पर आपको यात्रा के सारे विकल्प एक जगह पर मिल जाएंगे.
वन स्टॉप ट्रेवल सलूशन
– ये उत्तर-प्रदेश टूरिज्म का एक नवीनतम, अपने आप में यूनिक और बड़ा ही उपयोगी वेब पोर्टल है. इसमें आपको प्रयागराज ही नहीं उत्तर प्रदेश के कई अन्य शहरों और टूरिस्ट स्पॉट्स की न केवल जानकारी मिलेगी बल्कि, जैसा कि नाम से ही ज़ाहिर है, आपकी यात्रा के पूर्व, दौरान और बाद के सारे कार्य (जैसे – टिकट बुकिंग, होटल बुकिंग, टूर एंड ट्रेवल, आईटीनरी निर्माण, गाइड या कोई साईट सीइंग, किसी इवेंट का प्रोग्राम की सीट रिजर्वेशन ) इस एक वेबसाइट से ही मैनेज हो जाएंगे. कुंभ मेले में जाने से पहले इस पोर्टल को एक बाद ज़रूर एक्सप्लोर करें. अच्छी बात ये है कि ये पोर्टल हिंदी में भी उपलब्ध है.
प्रयागराज घाट
ये तो थी प्रयागराज तक पहुंचने की बात. लेकिन अगर प्रयागराज के भीतर यानी लोकल में कम्यूट करने की बात की जाए तो बीती 5 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ई-रिक्शा और शटल बसों को हरी झंडी दिखाई है. फाफामऊ, झूंसी और अरैल से मेले तक आने-जाने के लिए 500 ई-रिक्शा चलाए जाएंगे. और हां अगर अपने चौपहिया वाहन में प्रयागराज जा रहे हैं तो इन्हें मेले से दूर ही पार्क करना होगा और अंदर इन ई-रिक्शा से होकर ही जाना होगा. इसके लिए 84 से अधिक पार्किंग स्थल भी बनाए गये हैं. भारी वाहन तो खैर शहर में ही नहीं जा सकते. शहर में जाएंगी केवल शटल बस. और इसके लिए ऐसी 500 बसें भी मंगाई गई हैं.
5 - स्टे
जैसे हर बड़े शहर में होते हैं यहां पर भी कई होटल, पीजी, धर्मशाला और गेस्ट हाउस वगैरह उपलब्ध हैं. इन सब की जानकारी आप कई ऑनलाइन ट्रेवल पोर्टल्स से ले सकते हैं. साथ ही यूपी टूरिज़्म और वन स्टॉप ट्रेवल सलूशन जैसे विकल्प तो हैं हीं जिनके लिंक हमने इस स्टोरी के अंत में शेयर किए ही हैं.लेकिन, जहां पर 50 दिनों में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा माइग्रेशन देखने को मिलेगा वहां पर सभी सामान्य व्यवस्थाएं कम, बहुत कम, होंगी. इसलिए आपके लिए टेंट की व्यवस्था भी है. और ये टेंट, टेंटटिव यानी केवल उतने समय के लिए होते हैं जितने समय तक कुंभ चलता है. इन टेंट्स को भी आप कई ऑनलाइन वेबसाइट्स और पोर्टल्स पर जाकर एडवांस में बुक कर सकते हैं. इसमें से दो ऑफिशियल वेबसाइट्स का लिंक हम आपकी सुविधा के लिए नीचे दे रहे हैं, लेकिन ये अकेली ऐसी वेबसाइट्स नहीं हैं जहां पर जाकर आप टेंट बुक कर सकते हैं -Avnish Awasthi, Add. Chief Secy (Tourism) UP: Our Tourism Minister had personally requested Mr Amitabh Bacchhan to make a few films for us, there are 4 films reminiscing his memories of Kumbh. It's specially for the younger generation. We are thankful to him for his contribution. pic.twitter.com/KZ9wUNVNzk
— ANI UP (@ANINewsUP) January 6, 2019
1) यूपी टूरिज़्मकुंभ मेला प्राधिकरण द्वारा मनाया गया विश्व शौचालय दिवस
2) कुंभ की ऑफिशियल वेबसाइट
कुछ और वेबसाइट जहां पर जाकर आप एडवांस में टेंट बुक कर सकते हैं वों निम्न हैं –
1) दी कुंभ इलाहाबादइसके अलावा शहर में रहने वाले आम नागरिकों, जिनके पास होटल या गेस्ट हाउस चलाने के लिए लाइसेंस नहीं है, को भी बेड एंड ब्रेड योजना के तहत 50 दिनों का ऐसा लाइसेंस दिया गया है कि वो अपने घर में श्रद्धालुओं को ठहरा सकते हैं. इससे जगह की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी.
2) कुंभ टेंट
3) इन्द्रपस्थम सिटी
रहने की व्यवस्था में 4 बड़े-बड़े रैन बसेरे भी अपना योगदान देंगे, जिनकी कुल कैपिसिट हज़ारों में है. ये इलाहाबाद जंक्शन में बनाए गए हैं और ये रैन-बसेरे मूलभूत सुविधाओं से लैस होंगे.
सेल्फी पॉइंट
6 - पैकेज
कुंभ जाने से पहले आप इस विकल्प को भी एक बार ज़रूर एक्सप्लोर कर लीजिएगा. कई तरह के पैकेज उपलब्ध हैं, कुछ में रहना, खाना, स्टेशन पिकअप ड्रॉप, स्नान, साईट सीन, ट्रेन या फ्लाईट रिजर्वेशन जैसी सभी चीज़ें शामिल हैं और बाकी में इसमें से कुछ चीज़ों का कॉम्बिनेशन है, आप अपनी सुविधा और बजट के अनुसार अपने लिए उचित पैकज चुन सकते हैं. इसके लिए दो वेबसाइट्स तो हम दिए दे रहे हैं बाकी गूगल बाबा हैं हीं. सर्च करेंगे तो कई विकल्प और कई तुलनाएं आपके सामने होंगी.1) कुंभ की ऑफिशियल वेबसाइटपेशवाई
2) कुंभ मेला सर्विसेज़
7 - स्वास्थ्य सेवाएं
10 सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट्स गंभीर रोगियों के उपचार के लिए 24*7 उपलब्ध रहेंगे. 40 बेड का एक ट्रॉमा सेन्टर बनाया गया है. मेले में 300 डॉक्टर्स की तैनाती की गई है. 100 बिस्तरों का एक हॉस्पिटल भी बनाया गया है जो आईसीयू जैसी सुविधाओं से सुसज्जित है. आकस्मिक दुर्घटना या किसी आकस्मिक बीमारी की तैयारी के रूप में 80 से अधिक अतिरिक्त एंबुलेंसेज़ की व्यवस्था भी अर्ध-कुंभ में की गई है. आपको एक लिंक दे रहे हैं. यहां पर प्रयागराज और कुंभ से संबंधित लगभग सभी और ढेर सारी स्वास्थ्य सुविधाओं के संपर्क का डेटाबेस आपको एक ही जगह पर मिल जाएगा –# कुंभ की ऑफिशियल वेबसाइटगंगा पूजन करते हुए प्रधानमंत्री
8 - सुरक्षा और आपदा प्रबंधन
यदि आप कुंभ मेले में जाने का प्लान बना चुके हैं तो एक वहां पर हमेशा अपना एक फोटो आई डी कार्ड अपने पास रखिएगा, जिससे सुरक्षा जांच के दौरान या अन्य सेवाओं का लाभ उठाने के दौरान सुविधा रहेगी. वैसे सुरक्षा की बात की जाए तो ऐसा पहली बार होगा जब पूरा मेला सीसीटीवी की निगरानी में होगा और ये सीसीटीवी कैमरे इंटिग्रेटेड कमांड सेंटर की निगरानी में.वैसे आपको एक ट्रिवियल फैक्ट बताते हैं कि यूपी पुलिस ने 20,000 ऐसे पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं जो मांस-मदिरा का सेवन नहीं करते हैं.
और यूपी पुलिस ही नहीं मेले में सेना के जवानों के अलावा सिविल पुलिस, यातायात पुलिस, सशस्त्र पुलिस, केन्द्रीय सशस्त्र बल, चौकीदार एवं होमगार्डस् की भी सहायता ली जा रही है. साथ ही नदी के चारों ओर जल पुलिस तीन ईकाइयां भी स्थापित की गई है. 4 पुलिस लाइन, 40 पुलिस थाने, 3 महिला पुलिस थाने, 62 पुलिस चैकियां, 40 अग्निशमन केन्द्र, 40 निगरानी टावर, 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं.मा0 मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath
— सुरेश कुमार खन्ना (@SureshKKhanna) January 5, 2019
जी ने आज कुम्भ मेला क्षेत्र, प्रयागराज स्थित पुलिस कार्यालय में नाविकों को सुरक्षा हेतु लाइफ जैकेट वितरित किये।#Kumbh2019
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9 - खान-पान और विविध
# उत्तर प्रदेश पर्यटन के आग्रह पर अमिताभ बच्चन ने चार फिल्मों के जरिए कुंभ से जुड़ी यादें साझा की हैं. इन्हें कुंभ के प्रमोशन में यूज़ किया जाएगा.# प्रयाग कुंभ में पहली बार किन्नर अखाड़ा पेशवाई करेगा. किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी हैं. अब तक 13 अखाड़ों को ही पेशवाई का अधिकार था जो अब बढ़कर 14 हो गया है.
किन्नर अखाड़ा - साभार यूपी टूरिज़्म फेसबुक पेज
# 450 सालों में ऐसा पहली बार होगा जब भक्तों को अक्षय वट और सरस्वती कूप में प्रार्थना करने का अवसर मिलेगा.
कुंभ का नाईट व्यू
# कुंभ मेले में भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन करने के लिए कला ग्राम और संस्कृत ग्राम भी बनाए जा रहे हैं. कुंभ पांच विशाल सांस्कृतिक पंडाल भी स्थापित किए जाएंगे, जिसमें रोज़ देश-विदेश के ढेरों सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. इन पांच पंडालों में गंगा पंडाल में सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम होंगे.
# मेला प्राधिकरण द्वारा रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के साथ मिलकर एक एसएमएस अभियान भी चलाया जा रहा है. इन एसएमएस में ऐसे लिंक होंगे जिन्हें क्लिक करने पर एसएमएस-रिसीवर खोया-पाया केन्द्रों, स्वास्थ्य, सुरक्षा, टिकट्स की बुकिंग, सफाई, फूड कोर्ट, राशन एवं सब्जी दुकानों इत्यादि की जानकारी और नक्शा आदि प्राप्त कर सकता है. आईआरसीटीसी एवं यूपीआरसीटीसी वेबसाइट के माध्यम से टिकट बुकिंग के लिंक्स भी एसएमएस द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे.
संगम
# अर्ध कुंभ – 2019 में सभी तीर्थयात्रियों के लिए वाई-फाई की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए 4000 के लगभग हॉटस्पाट्स स्थापित किए जा रहे हैं.
# अर्ध कुंभ – 2019 में 40 से अधिक फूड स्टॉल्स के अलावा एक फूडकोर्ट भी स्थापित किया जाएगा.
# लेज़र शो हर छोटे-बड़े आयोजन का हिस्सा बन चुका है, फिर कुंभ तो अपने-आप में एक ग्रैंड आयोजन ठहरा. तो इस कुंभ में भी इन लेज़र शो के माध्यम से किले की दीवार पर कई परफोर्मेंसेज़ दी जाएंगी.
# पेंट माय सिटी अभियान इस कुंभ के दौरान का एक बहुत की क्रिएटिव और दूरदर्शी कदम है. ‘पेंट माय सिटी’ को आप ‘वॉल ग्रेफिटी’ की तरह भी ले सकते हैं. इसके अंतर्गत जीर्ण-शीर्ण या भद्दी दिख रही दीवारों, इमारतों और बाउंड्रीज़ पर पेंटिंग करके उनको सुंदर रूप दिया जाएगा. जिसके परिमाणस्वरूप अंततः पूरा शहर सुंदर और कुंभ और अधिक रुचिकर लगेगा.#कुम्भ2019
— UP Tourism (@uptourismgov) January 7, 2019
प्रयागराज में श्री पंच निर्मोही, श्री पंच दिगंबर एवं श्री पंच निर्वाणी अखाड़ों की पेशवाई की तस्वीरें। #ChaloKumbhChalein
#KumbhCalls
#Kumbh2019
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# मेले में कई जगहों पर सेल्फी पॉइंट बनाकर इसे ‘सेल्फी जेनरेशन’ के भी मुफ़ीद बनाने की कोशिश की गई है.
कुंभ के दौरान सिक्यूरिटी कुछ यूं होगी.
10 - वेबसाइट्स, लिंक्स और कुछ अन्य संपर्क सूत्र
आइए अंत में उन वेबसाइट्स की जानकारी ले ली जाए, जो यात्रा के दौरान, उससे पहले या उसके बाद या फिर अगर कुंभ नहीं भी जा रहे हैं तो भी आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के लिए ज़रूरी होंगी –1) कुंभ मेले की वेबसाइट
(ये कोई ऑफिशियल वेबसाइट नहीं है लेकिन इसमें प्रयागराज ही नहीं हर अगले-पिछले कुंभ की ढेरों जानकारियां उपलब्ध हैं.)
2) 2019 के अर्ध-कुंभ की वेबसाइट
3) वन स्टॉप ट्रेवल पोर्टल पर प्रयागराज
4) उत्तर प्रदेश टूरिज़्म की वेबसाइट में अर्ध-कुंभ 2019 को समर्पित पेज
पेंट माई सिटी
5) अर्ध-कुंभ 2019 का फेसबुक पेज
6) अर्ध-कुंभ 2019 का ट्विटर हैंडल
7) अर्ध-कुंभ 2019 या यू-ट्यूब चैनल
8) अर्ध-कुंभ 2019 का इन्स्टा एकाउंट
9) कुंभ मेले का संपर्क पता – कुंभ मेला अधिकारी, त्रिवेणी भवन, वेणी बांध, दारागंज, प्रयाग, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
10) कुंभ मेले का फोन नंबर - +91 532 2500775 / +91 532 2504011 / +91 532 2504361
11) कुंभ का ई-मेल एड्रेस - web.kumbh-up@gov.in
12) यूपी टूरिज्म का संपर्क – 35 एमजी मार्ग, सिविल लाइंस, इलाहबाद. फोन नं. – 0532-2408873
क्रूज़ राइड
13) कुंभ मेले से जुड़े सभी प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क
14) अगर आपके पास कुम्भ 2019 से सम्बंधित कोई प्रतिक्रिया/सवाल हो या किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो, तो आप इस लिंक पर क्लिक करके फॉर्म को भरें
, कुंभ मेले के आयोजक आपकी सहायता करेंगे.
15) प्रयागराज का नक्शा
वीडियो देखें:
ये है सबसे बड़ा हनुमान भक्त मुसलमान -