The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • prajwal revanna 11 lakh penalty where does court fine money deposited

बलात्कारी प्रज्वल रेवन्ना पर 11.60 लाख का जुर्माना, 11.25 लाख रुपये पीड़िता को, बाकी रकम का क्या होगा?

प्रज्वल रेवन्ना रेड्डी को रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा मिली है. इसके साथ ही कोर्ट ने उन पर 11 लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

Advertisement
Prajwal revanna penalty
प्रज्वल रेवन्ना पर 11 लाख का जुर्माना लगा है (India Today)
pic
राघवेंद्र शुक्ला
4 अगस्त 2025 (Published: 10:24 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. उन पर 11 लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जज ने आदेश दिया है कि इसमें से 11 लाख 25 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे. बाकी पैसा कहां जाएगा? 

आपने अक्सर देखा होगा कि कई मामलों में कोर्ट फैसला सुनाते हुए सजा के साथ दोषी पर जुर्माना भी लगाते है. यह जुर्माना कुछ हजार रुपयों से लेकर कई लाख तक का हो सकता है. आपके मन में कभी सवाल आया कि ये पैसा कहां जमा होता है? क्या होता होगा इन पैसों का? कई मामलों में तो कोर्ट का आदेश साफ होता है कि कुल पैसे या उसका कुछ हिस्सा पीड़ित/पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दे दिए जाएं. जैसा कि प्रज्वल रेवन्ना के केस में हुआ. लेकिन ज्यादातर बार ये पैसे मुआवजा नहीं बन पाते. 

फिर ये पैसा किसके पास जाता है? ये जानने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी दुबे से बात की. उन्होंने बताया,

फाइन कहां जमा होगा उसके बारे में कोई सेट क्राइटेरिया नहीं है. कोर्ट अपने हिसाब से फैसला कर सकता है कि पैसा कहां यूज होना है. जैसे प्रज्वल रेवन्ना के केस में हुआ. कोर्ट ने कुछ पैसा पीड़ित पक्ष को देने का आदेश दिया. और बाकी पैसा कोर्ट में डिपॉजिट करने के लिए कहा. ये पैसा कोर्ट की ट्रेजरी में जमा होता है और उसका चालान कोर्ट रेकॉर्ड में फाइल हो जाता है. ये पूरा प्रसीजर है. लेकिन, अगर कोई दोषी जुर्माना नहीं जमा करता है तो उस हिसाब से उसकी पनिशमेंट बढ़ा दी जाती है.

अश्विनी दुबे ने आगे बताया,

मान लीजिए कि दोषी अपीलेट कोर्ट में उस फैसले को चैलेंज करता है और जजमेंट स्टे हो जाता है. ऐसे में उस पर लगा जुर्माना भी स्टे हो जाता है.

भारतीय न्याय संहिता की धारा 395 में जुर्माने के पैसे के यूज पर चर्चा की गई है. इसमें जब जुर्माना पीड़ित पक्ष के लिए मुआवजे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, उस संबंध में कोर्ट के आदेश के बारे में बात की गई है. इसके मुताबिक, जब कोई अदालत किसी व्यक्ति को जुर्माने की सजा देती है तो वह फैसला सुनाते वक्त ये तय कर सकती है कि उस जुर्माने की पूरी या कुछ रकम किस तरह खर्च की जाए. ये रकम…

अभियोजन की ओर से केस की पैरवी में हुए वैलिड खर्च की भरपाई के लिए.

उस व्यक्ति को मुआवजा देने के लिए जिसे इस अपराध से कोई नुकसान या चोट पहुंची हो.

हत्या के केस में मरने वाले के परिवार को मुआवजा देने के लिए. 

अगर किसी ने चोरी की. चोरी का सामान पकड़ा गया और उसे रिकवर करके उसके सही मालिक को दे दिया गया. ऐसे में चोर से मिले जुर्माने को चोरी का सामान अनजाने में सही तरीके से खरीदने वाले व्यक्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रयोग किया जा सकता है. 

ये धारा कहती है कि अगर किसी मामले में अंतिम फैसला सुनाने के दौरान सजा में जुर्माना शामिल नहीं है तो भी कोर्ट दोषी से पीड़ित पक्ष को मुआवजा देने का आदेश दे सकती है.

कई मामलों में राज्य सरकार या केंद्र सरकार की ओर से भी पीड़ित पक्ष को मुआवजे का एलान किया जाता है लेकिन वह इस धारा के तहत कोर्ट के लगाए मुआवजे से अलग रकम होती है. यानी कोर्ट के आदेश पर मिलने वाला मुआवजा और सरकारी मुआवजा दोनों ही पीड़ित पक्ष को मिलता है.

ज्यादातर सजाओं को लेकर कानून संहिता में ही जुर्माने का स्पष्ट उल्लेख होता है लेकिन कई मामलों में ऐसा नहीं होता. ऐसे मौकों पर जज अपने विवेक के आधार पर (Discretion) जुर्माना या मुआवजा घोषित कर सकते हैं. 

मुआवजे के अलावा जुर्माने का पैसा कहां जाएगा? इसके बारे में अश्विनी दुबे बताते हैं कि जज जिस समय बताते हैं कि ‘क्वांटम ऑफ पनिशमेंट’ क्या होगा, उसी समय वो लिख देते हैं कि जुर्माने की राशि कहां जाएगी. उनके मुताबिक,

अगर सुप्रीम कोर्ट जजमेंट देता है तो जुर्माने का पैसा उसकी ट्रेजरी में जाएगा. सुप्रीम कोर्ट कह देगा कि ट्रायल कोर्ट में जमा होगा तो वहां जाएगा. यह कोर्ट ही तय करेगा कि जुर्माने के पैसे का क्या करना है. वह लीगल ऐड में जाएगा या एडवोकेट वेलफेयर में. या प्रधानमंत्री राहत कोष में जाएगा.

कहां यूज होता है ये पैसा?

अश्विनी दुबे के मुताबिक, जुर्माने से ट्रेजरी में जमा पैसा अदालत ही यूज करती है. इसका इस्तेमाल कोर्ट परिसर में इन्फ्रास्ट्रचर, फर्नीचर (कुर्सी-टेबल-मेज-कंप्यूटर) की खरीद पर या फिर लीगल सामान की खरीदारी के लिए होता है. 

कुल मिलाकर, प्रज्वल रेवन्ना के जुर्माने के बाकी 35 हजार रुपये कोर्ट के खजाने में जाएंगे, जो अदालतों की अपनी व्यवस्था के अनुरूप खर्च होंगे.

वीडियो: दिल्ली में कांग्रेस सांसद सुधा के साथ चेन स्नैचिंग की घटना, प्रियंका गांधी ने क्या कहा?

Advertisement