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न्योमा एयरबेस से चीन के खिलाफ और मजबूत होगी इंडियन एयरफोर्स, सबसे ऊंचे एयरबेस के फीचर ही ऐसे हैं!

13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनने वाले न्योमा एयरफील्ड से चीन के खिलाफ भारत को बड़ा एडवांटेज, LAC पर वायुसेना भी सीधे डील करेगी

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अब चीन के बगल में बनेगा सबसे ऊंचा एयरबेस | फाइल फोटो; आजतक
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अभय शर्मा
12 सितंबर 2023 (Updated: 12 सितंबर 2023, 05:16 PM IST) कॉमेंट्स
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पक्का चीन की टेंशन बढ़ने वाली है. देखिएगा जल्द ही एक बयान भी देगा. ऐसा होगा इसलिए, क्योंकि भारत ने आज से लद्दाख में एक बड़ा काम शुरू कर दिया है. भारत चीन की सीमा यानी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल ( LAC) के पास एक नया फाइटर बेस बनाने जा रहा है. ये बनेगा बिलकुल चीन के दरवाजे पर. चीन से महज 50 किलोमीटर की दूरी पर. इतना बताते ही आपको अंदाजा लग गया होगा कि ये एयरबेस चीन के खिलाफ भारतीय वायु सेना (IAF) को कितनी बड़ी ताकत दे देगा. LAC से सटी हुई न्योमा बेल्ट पर ये एयरफील्ड अगले तीन साल में बनकर तैयार होगा (Nyoma airfield in Ladakh). 

लेकिन ये बात हम आज आपको क्यों बता रहे हैं अब इसकी वजह भी जान लीजिए. आज (12 सितंबर को) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं. वे यहां 2,491 करोड़ की 90 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. राजनाथ सिंह सांबा में 422.9 मीटर लंबे देवक ब्रिज का उद्घाटन करेंगे. यहीं से वे 89 प्रोजेक्ट्स का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिलान्यास करेंगे. इनमें 13,400 फीट की ऊंचाई पर बनने वाला न्योमा एयरफील्ड भी शामिल है. इस प्रोजक्ट की लागत है 218 करोड़ रुपए.

कहां है ये न्योमा बेल्ट?

न्योमा बेल्ट पूर्वी लद्दाख में स्थित है. साल 2020 में इसका इस्तेमाल एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड के तौर पर काफी हुआ था. तब चीन के साथ चल रहे विवाद के दौरान जवानों और रसद को लाने-ले जाने के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था. इसमें चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर और C-130J स्पेशल ऑपरेशन एयरक्राफ्ट ऑपरेट किया गया था. तभी न्योमा बेल्ट काफी चर्चा में आई थी और रक्षा मंत्रालय की नजर में भी. बॉर्डर पर चीन के आक्रामक रवैये का जल्द जवाब देने की LAC के आसपास ही एक एयरफील्ड बनाने का प्रस्ताव दिया गया. न्योमा से बढ़िया ऑप्शन और क्या ही होता? इसे एयरफील्ड के लिए चुन लिया गया. अब BRO यहां एयरफील्ड का निर्माण करेगी. जब ये बनकर तैयार होगा तो ये दुनिया का सबसे ऊंचा एयरफील्ड होगा.

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India's Air Force beefs up the Ladakh front | Daily Mail Online
न्योमा एयरफील्ड बनने के बाद क्या बदल जाएगा?

लद्दाख में LAC पर निगरानी और सुरक्षा के लिए न्योमा एयरफील्ड काफी अहम माना जा रहा है. इसके बनने से LAC के करीब तक फाइटर प्लेन से ऑपरेशन हो सकेंगे. इसके बनने के बाद लद्दाख में हवाई बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा तो मिलेगा ही, साथ ही देश की उत्तरी सीमाओं पर इंडियन आर्मी की क्षमता में भी बड़ी वृद्धि होगी. इस नए एयरबेस से लद्दाख में निगरानी बढ़ाने के लिए लड़ाकू विमान, नए रडार और उन्नत ड्रोन संचालित हो सकेंगे.

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न्योमा एयरबेस को बनाने की जरूरत क्यों पड़ी?

आपको सुरक्षा की जरूरत क्यों पड़ती है? तब जब असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो, जब खतरा महसूस होने लगे. और सबसे ज्यादा तब जब आपका पड़ोसी ऐसी हरकतें करने लगे कि आप पर खतरा बढ़ जाए और विश्वास तार-तार हो जाए. ऐसा ही कुछ हुआ था साल 2020 में भारत के साथ. इस साल भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच सीमा के गलवान इलाके में भयंकर झड़प हुई थी. इसमें दोनों ओर के कई सैनिकों की मौत हो गई थी. तब काफी दिनों तक तनाव रहा था और भारत और चीन के बीच बातचीत बिल्कुल बंद हो गई थी. चीन की ये पहली हरकत नहीं नहीं थी, इससे कुछ महीने पहले भी ऐसा ही कुछ चीन ने सीमा पर डोकलाम इलाके में किया था. उस समय चीनी सैनिकों के उकसावे वाले कुछ और भी मामले सामने आए थे.

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हालांकि, गलवान में हुए खूनी संघर्ष के बाद से दोनों देशों के सैनिकों के बीच कोई झड़प की घटना नहीं देखने को मिली. लेकिन उस घटना से सबक लेते हुए भारत सरकार ने कमर कस ली. उसने चीन की सीमा पर विशेष ध्यान देना शुरू किया. उस घटना के बाद से LAC को लेकर सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है. चीन के खिलाफ भारत की आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाना इन फैसलों का सबसे बड़ा मकसद रहा है.

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2020 के बाद भारत ने LAC के नजदीक सैनिकों की संख्या में बड़ा इजाफा किया है. हर मौसम में भारत के सैनिक के वहां रुकने की बढ़िया व्यवस्था की गई है. रुकने के लिए स्थायी और मजबूत ढांचे बनाए गए हैं. हाल में ही भारतीय सेना ने चीन से निपटने के लिए ड्रोन भी तैनात किए थे, ये ड्रोन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक से लैस हैं. इसी तरह के कई फैसलों में से एक है न्योमा एयरफील्ड बनाने का फैसला.

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जानकारों की मानें तो लद्दाख में पहले से दो एयरफील्ड लेह और थोईस इलाकों में हैं. लेकिन, न्यूमा एयरफील्ड इस इलाके में अलग तरह की सैन्य क्षमताएं बढ़ा देगा. इनके मुताबिक इस एयरफील्ड के बनने से लद्दाख में बेसिक एयर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही चीन से सटी सीमाओं पर IAF की पकड़ बहुत मजबूत हो जाएगी.

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