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बुल्ली बाई ऐप मामले में नीरज बिश्नोई की गिरफ़्तारी केस को कहां ले जाएगी?

बुल्ली बाई का आइडिया किसका था?

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बुल्ली बाई ऐप मामले का मुख्य साजिशकर्ता नीरज को ही बताया जा रहा है (फोटो- आजतक)
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निखिल
6 जनवरी 2022 (Updated: 6 जनवरी 2022, 05:48 PM IST) कॉमेंट्स
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बुल्ली बाई की ही तरह सुल्ली डील्स नाम का भी एक एप जुलाई 2021 में सामने आया था. तब भी दिल्ली और नोएडा में एफआईआर हुई थी. लेकिन दोनों जगह पुलिस ने कोई गिरफ्तारियां नहीं की थीं. और तर्क ये दे दिया था कि गिटहब अमेरिका में है, उसने सहयोग नहीं किया. लेकिन जब बुल्ली बाई ऐप मामले में मुंबई पुलिस ने चंद दिनों में कर्नाटक से लेकर उत्तराखंड तक गिरफ्तारियां कर लीं, तो दिल्ली और नोएडा पुलिस से ये लगातार पूछा जाने लगा कि अगर इस मामले में वाकई गिटहब के सहयोग के बिना कुछ नहीं हो सकता था, तो मुंबई पुलिस एक के बाद एक गिरफ्तारियां कैसे कर रही है. ये मामला 1 जनवरी को सामने आया था, और आज दिल्ली पुलिस ने एक गिरफ्तारी से जवाब देने की कोशिश की है. दिल्ली पुलिस ने असम के जोरहाट से एक 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र नीरज बिशनोई को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक बिशनोई भोपाल के वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी का छात्र है और फिलहाल बीटेक डिग्री के दूसरे साल में है. असम पुलिस का कहना है कि नीरज के संबंध में दिल्ली पुलिस की तरफ से मदद मांगी गई थी, जिसके बाद उसे ट्रैक किया गया. दिल्ली पुलिस की एक टीम आज ही नीरज को असम से दिल्ली ले आई है. दिल्ली पुलिस की सायबर सेल का दावा है कि नीरज बिशनोई बुल्ली बाई एप मामले में मुख्य साज़िशकर्ता है और इसी ने ऐप भी बनाया था. नीरज ही ऐप का ट्विटर हैंडल भी चला रहा था. नीरज बीते दिनों दिल्ली में ही था. लेकिन जैसे ही इस मामले पर शोर मचा, वो जोरहाट चला गया था. इससे पहले मुंबई पुलिस ने दावा किया था कि उत्तराखंड के शहीद उधम सिंह नगर से गिरफ्तार की गई श्वेता सिंह इस मामले की मुख्य आरोपी है. लेकिन दिल्ली पुलिस का मानना है कि श्वेता सिंह और बाकी दो आरोपी - विशाल झा और मयंक रावल वास्तव में नीरज बिश्नोई के इशारे पर काम कर रहे थे. दिल्ली पुलिस के DCP KPS मल्होत्रा ने बताया
बुल्ली बाई केस में नीरज बिश्नोई नाम के शख़्स को असम के जोहराट से गिरफ़्तार किया है. इसने गिटहब में ये वेबसाइट बनाने की बात क़बूल की है. इसे जल्द ही कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा.
तो बुल्ली बाई का आइडिया था किसका, श्वेता या नीरज बिश्नोई का, ये तय होने में कुछ वक्त लगेगा. वैसे ये अब भी जांच का विषय बना हुआ है कि इस पूरे काम में इन चारों के अलावा भी कोई था या नहीं. 18 से 21 साल के इन लोगों को किसने उकसाया था और कौन इन्हें मेंटर कर रहा था. मुंबई पुलिस पहले ही कह चुकी है कि ये सारे लोग एक बड़े समूह का हिस्सा हैं और इस समूह का पता लगाया जाएगा.

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