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फरवरी की 29 दिन वाली मैथ्स, कैलेंडर के 10 दिन कैसे खा गई?

लीप ईयर के पीछे इतनी माथापच्ची क्यों होती है?

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फरवरी में बहुत लोग 28 तारीख को सैलेरी चैक करने लगते हैं. लेकिन उन्हें सबसे पहले साल देखना होगा.
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आयुष
28 फ़रवरी 2020 (Updated: 28 फ़रवरी 2020, 01:48 PM IST) कॉमेंट्स
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ये ग्रेगोरियन कैलेंडर का 2020वां साल चल रहा है. इस साल फरवरी के महीने में 29 दिन हैं. हमें इतनी समझ तो है कि ये लीप ईयर वाला मामला है. और लीप ईयर हर चार साल में एक बार आता है. वो साल जिनमें चार से भाग दिया जा सके, वो लीप ईयर होते हैं. लेकिन ये अधूरी बात है. पूरी बात थोड़ी सी कन्फ्यूज़िंग है.
ये हैं पोप ग्रेगरी XIII. इन्हीं के नाम से ग्रेगोरियन कैलेंडर आया. (सोर्स - विकिमीडिया)
ये हैं पोप ग्रेगरी XIII. इन्हीं के नाम से ग्रेगोरियन कैलेंडर आया. (सोर्स - विकिमीडिया)

लीप ईयर की खिचड़ी

हर वो साल लीप ईयर होता है, जिसमें चार से भाग दिया जा सकता है. लेकिन, उन सालों को छोड़कर जिनके आखिर में 00 आता है यानी जिनमें 100 से भाग दिया जा सकता है. लेकिन, इस 00 वाले नियम के भी अपवाद हैं. हर 00 वाले साल को लीप ईयर की लिस्ट से नहीं निकाला जाएगा. अगर किसी 100 से भाग दिए जाने वाले नंबर में 400 से भी भाग दिया जा सकता है, तो वो लीप ईयर होगा.
कुछ एग्ज़ाम्पल्स से समझ दुरुस्त कर लेते हैं.
2016, 2020 और 2024 में चार से भाग दिया जा सकता है, इसलिए ये लीप ईयर हैं.
लेकिन चार से भाग तो 1900 और 2100 में भी दिया जा सकता है. ये लीप ईयर नहीं है. क्योंकि इनके लास्ट में 00 जुड़ा है. इनमें 100 से भी भाग दिया जा सकता है.
फिर 00 वाले नियम से तो 2000 भी लीप ईयर की लिस्ट से हट जाता. लेकिन 2000 लीप ईयर है. क्योंकि इसमें 400 से भी भाग दिया जा सकता है. या आसानी के लिए यूं भी कह सकते हैं कि आखिर के 00 को छोड़कर जो बचा उसमें चार से भाग दिया जा सकता है.
बहुत मुमकिन है आपको ये खिचड़ी लग रही होगी. और इसके बाद आपका दिमाग भी खिचड़ी हो गया होगा. लेकिन इस सिस्टम को कोसने से पहले इसके पीछे का लॉजिक जान लेना चाहिए. शायद आप ये खिचड़ी बनने की प्रोसेस देखकर इसे एप्रीशिएट कर पाएंगे.

जोड़, घटा, लेले, हटा - खिचड़ी की रेसिपी

साल में दिनों के एडजस्ट न हो पाने के कारण ये पूरी खिचड़ी मची है. सूरज का एक चक्कर पूरी करने में पृथ्वी को लगभग 365 दिन और 6 घंटे लगते हैं. मतलब 365 पूरे दिन और एक चौथाई दिन.
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अब कैलेंडर में एक चौथाई दिन कैसे जोड़ते? इसलिए तीन सालों तक इन चौथाई दिनों को इग्नोर किया जाता है. और चौथे साल जब चार चौथाई मिलकर एक दिन बन जाते हैं, तब उसे लीप डे के नाम से जोड़ लिया जाता है. और ये ऑब्वियसली उसी महीने में जोड़ा जाता है जिसमें सबसे कम दिन होते हैं. यानी कि फरवरी.
यहां आपको लग रहा होगा अब सब ठीक हो गया. लेकिन कुछ ज़्यादा ही ठीक हो गया. दरअसल, 365 दिन और 6 घंटे भी एक एप्रोक्सिमेशन ही है. पृथ्वी को सूरज का एक चक्कर पूरा करने में 365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड लगते हैं. और हमने 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड की जगह 6 घंटे ले लिए हैं.
मतलब ये कि हमने हर साल के 11 मिनट 46 सेकंड एक्स्ट्रा जोड़ लिए हैं. आप कहेंगे अरे 11 मिनट से क्या होता है? लोगों ने भी यही सोचा. लेकिन इस क्या होता है का हमें जवाब सोलहवीं शताब्दी में मिला.
1600 सालों तक ये 11 मिनट 46 जुड़ते-जुड़ते 10 दिन के बराबर हो गए. सूरज और कैलेंडर में 10 दिन का गैप आ गया. 1582 में इसका भुगतान करने के लिए 10 दिनों को गवांना पड़ा. उस साल 4 अक्टूबर के बाद अगली तारीख 15 अक्टूबर थी.
1582 का अक्टूबर महीना. (सोर्स - विकिमीडिया)
1582 का अक्टूबर महीना. (सोर्स - विकिमीडिया)

हुआ यूं कि खिचड़ी में नमक कम था. उसके चक्कर में एक्स्ट्रा नमक डाला. लेकिन इस चक्कर में नमक कुछ ज़्यादा ही एक्स्ट्रा हो गया. ऐसी गलती हम दोबारा अफॉर्ड नहीं कर सकते थे. तो नमक बैलेंस करने के लिए एक और रूल बनाया गया.
रूल ये था कि अगर हम 100 सालों में एक लीप ईयर छोड़ दें तो सब सही हो जाएगा. और ये छोड़ने वाला लीप ईयर याद रखने में आसान हो, इसलिए शताब्दी का सबसे पहला साल छोड़ने का फैसला हुआ. मतलब जिस साल के लास्ट में 00 आता है. तो 100 से भाग जाने वाले नंबरों को लीप ईयर की लिस्ट से भगा दिया गया.
लेकिन ऐसा करने से खिचड़ी से ज़रा सा नमक फिर कम हो गया. फिर ये हुआ कि अच्छा ये जो हम हर 100 सालों में एक साल छोड़ दे रहे हैं, इन में से कुछ को लीप ईयर रहने देते हैं. हिसाब लगा और पता चला कि अगर हर 400 सालों में एक 00 वाला साल लीप ईयर हो जाए तो सब सही हो जाएगा. ऐसा ही हुआ और आसानी के लिए वो शताब्दी वर्ष चुने गए जिनमें 400 से भाग दिया जा सकता था.
तो कुल-मिलाकर इसी नमक बैलेंस करने की प्रोसेस से ये रूल्स निकल कर आए हैं, जो शुरूआत में बताए थे. एक बार फिर से देख लेते हैं.
जिन सालों में 4 भाग जाता है वो लीप ईयर होंगे. उदाहरण - 2016, 2020, 2024 लेकिन, जिन सालों के आखिरी में 00 आता है, वो लीप ईयर नहीं होंगे. उदाहरण - 1900, 2100, 2200 लेकिन, अगर उस 00 से एंड होने वाले साल में 400 से भाग दिया जा सकता है, तो वो लीप ईयर होगा. उदाहरण - 1600, 2000, 2400.
एक चुटकी नमक की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू? (सोर्स - विकिमीडिया)
एक चुटकी नमक की कीमत तुम क्या जानो रमेश बाबू? (सोर्स - विकिमीडिया)

जाते-जाते एक ज़रूरी बात जान लीजिए. ये सिस्टम अब भी पर्फेक्ट नहीं हुआ है. अब भी खिचड़ी में ज़रा सा नमक ज़्यादा है. ऐसा हो सकता है कि इसका असर हमें आगे दिखे. लेकिन ये आगे फिलहाल कई हज़ार साल आगे है, तो टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है.


वीडियो - क्या साल 2020 के साथ नया दशक भी शुरू होगा?

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