The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • Lallankhas
  • how age of consent for physical relation in india decided

भारत में सेक्स के लिए 'Age Of Consent' कैसे तय हुई? इन देशों में तो 13 साल है

Supreme Court on Age of Consent: सुप्रीम कोर्ट को केंद्र सरकार ने बताया है कि शारीरिक संबध बनाने के लिए ‘एज ऑफ कंसेंट’ को 18 साल से कम नहीं किया जा सकता. सरकार ये उम्र कैसे तय करती है?

Advertisement
Age of consent
Age Of Consent कैसे तय करती है सरकार (India Today)
pic
राघवेंद्र शुक्ला
28 जुलाई 2025 (Published: 11:58 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

साल 1889 के बंगाल की बात है. फुलमनी दास नाम की 10 साल की मूकबधिर बच्ची की शादी 35 साल के हरिचूर्ण मैती से कर दी गई. शादी के सिर्फ 13 घंटे बाद ही फुलमनी की मौत हो गई. पता चला कि शादी की रात फुलमनी के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया गया था. उसके अंग अभी शारीरिक संबंध के लिए तैयार नहीं थे. ऐसे में जबरन यौन संबंध से उसकी हालत बिगड़ी और फिर उसकी जान ही चली गई. ये ‘अंग्रेजी-राज’ का जमाना था, लेकिन फुलमनी की मौत ने पूरे हिंदुस्तान को झकझोर दिया. 

अखबारों, पब्लिक मीटिंग्स और वायसराय की काउंसिल तक में इसकी खूब चर्चा हुई. लोग मांग करने लगे कि बच्चियों की सुरक्षा के लिए ‘एज ऑफ कंसेंट’ यानी शादी में शारीरिक संबंध बनाने की न्यूनतम उम्र 10 साल से बढ़ाकर 12 साल की जाए. शासन से खूब पत्राचार हुआ. 

कट्टरपंथी लोगों ने मांग का विरोध भी किया. प्रगतिशीलों ने किया समर्थन. बहस, वाद-विवाद और लंबे संघर्ष के बाद 29 मार्च 1891 को आखिरकार कानून पास हुआ, जिसमें तय किया गया कि 12 साल से कम उम्र की लड़की के साथ संबंध बनाना, चाहे वो पत्नी ही क्यों न हो, बलात्कार माना जाएगा. भारत में ‘एज ऑफ कंसेंट’ कानून की शुरुआत यहीं से होती है. आज की तारीख में यह उम्र लड़कियों के लिए 18 साल तय है. 

Age of Consent होता क्या है?

ये किसी व्यक्ति की ऐसी न्यूनतम उम्र होती है, जब कानून उसे सेक्स के लिए सहमति देने योग्य मानता है. अगर कोई नाबालिग इस निर्धारित उम्र से कम है तो कानून के हिसाब से वह सेक्स के लिए ‘हां’ नहीं कह सकता, चाहे वह खुद मान भी रहा हो कि उसने यह अपनी मर्जी से किया. यानी, कानून मानता है कि इतनी कम उम्र में बच्चा इतना समझदार नहीं होता कि ऐसा फैसला ले सके. साथ ही, अगर कोई बड़ा इंसान कानूनी सीमा से कम उम्र की बच्ची के साथ सेक्स करता है तो यह ‘Statutory Rape’ यानी कानूनी तौर पर बलात्कार माना जाएगा.

क्यों चर्चा में है ये मुद्दा?

भारत में इन दिनों ये मुद्दा इसलिए चर्चा में है क्योंकि एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह एज ऑफ कंसेंट 18 साल से कम करके 16 साल कर दे, लेकिन केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को साफ बता दिया है कि ऐसा नहीं किया जा सकता. सरकार ने कोर्ट में कहा कि 'एज ऑफ कंसेंट' बच्चियों को यौन शोषण से बचाता है और उम्र कम करने से यौन गतिविधि की आड़ में रेप जैसे अपराध बढ़ेंगे.  

Age of Consent सरकार तय कैसे करती है?

सवाल है कि सरकार ने कैसे तय किया होगा कि 18 साल ‘एज ऑफ कंसेंट’ के लिए एकदम सही उम्र है. क्योंकि भारत में ही साल 2012 के पहले यह उम्र 16 साल थी. और उससे भी पहले 14 साल.

दरअसल, पुराने जमाने में यह उम्र धार्मिक-सामाजिक परंपराओं के आधार पर तय होती थी. बाल विवाह के समय में जब लड़कियों की शादी बचपन में कर दी जाती थी तो कंसेंट के लिए कोई निर्धारित उम्र नहीं होती थी. कानूनी लड़ाई के बाद जब इसे 12 साल तय किया गया तब भी कई तरह के सवाल उठे थे. डॉक्टरों का कहना था कि सेक्स के लिए उम्र नहीं शारीरिक परिपक्वता मायने रखती है. जरूरी नहीं है कि हर लड़की 12 साल की उम्र में शारीरिक संबंध बनाने के लिए परिपक्व हो. लेकिन तब ये कहा गया कि पहले कंसेंट की उम्र तय करने की शुरुआत तो हो.

परंपरावादी लोगों ने इसे यौन संबंधों की उम्र निर्धारित करने को संस्कृति में अनुचित दखल माना और इसका विरोध किया.

कंसेंट एज के लिए लड़कियों में मासिक धर्म को भी एक मानक बनाने की कोशिश की गई. आमतौर पर 12 से 13 साल की उम्र के बीच लड़कियों का मासिक धर्म शुरू होता है. ऐेसे में शुरुआती दौर में यह उम्र 10 साल से बढ़ाकर 12 साल कर दी गई. 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में डॉक्टर बॉयल चंदर सेन और सर्जन मेजर बीएल गुप्ता के हवाले से बताया गया कि भारत में 61 फीसदी लड़कियां 12 साल की उम्र के बाद ही शारीरिक रूप से परिपक्व होती हैं. उन्होंने शादी और यौन संबंधों के लिए ‘सही’ उम्र 16 साल बताई.

ये सब बहसें चलती रहीं और साल 1925 में इस कानून में फिर बदलाव किए गए. इसमें सेक्स के लिए सही उम्र को 14 साल कर दिया गया, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं था. 15 साल बाद 1940 में यह 14 साल से बढ़कर 16 साल कर दिया गया.

साल 2012 में केंद्र सरकार ने बच्चों के खिलाफ यौन अपराध को लेकर जब पॉक्सो एक्ट लागू किया तो इसमें शारीरिक संबंध की उम्र को 16 साल से बढ़ाकर 18 साल कर दिया गया. तब से यही चल रहा है. 

अब फिर मांग की जा रही है कि इसे 18 साल से 16 साल कर दिया जाए. तर्क क्या है?

निपुण सक्सेना बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट में इसी को लेकर बहस चल रही है. एमिकस क्यूरी यानी कोर्ट की मदद कर रहीं वकील इंदिरा जयसिंह एज ऑफ कंसेंट कम करने के पीछे तर्क देती हैं कि सेक्स के लिए उम्र 16 से बढ़ाकर 18 साल करने का कोई तार्किक कारण नहीं है और न ही कोई आंकड़े ही हैं जो इसे सही ठहरा सकें. कानून में संशोधन कर इसे 18 साल करने से पहले 70 से ज्यादा सालों तक यह 16 साल ही रही थी. 

जयसिंह का कहना है कि आजकल किशोर जल्दी युवा हो रहे हैं और वो अपनी पसंद के रोमांटिक और यौन संबंध बनाने में सक्षम होते हैं. जयसिंह ने 2017 और 2021 के बीच 16 से 18 साल की उम्र के नाबालिगों से जुड़े POCSO के तहत मुकदमों में 180 फीसदी की वृद्धि का भी हवाला दिया. उन्होंने आगाह किया कि सहमति से यौन संबंधों को अपराध घोषित करने से युवा जोड़े छिपकर शादी करने या कानूनी परेशानी में पड़ने के लिए मजबूर होते हैं जबकि सही रास्ता शिक्षा और खुले संवाद का होना चाहिए.

इसका हल बताते हुए उन्होंने कहा कि अदालत को 'क्लोज-इन-एज' नियम को मान्यता देनी चाहिए. यानी अगर दोनों किशोर 16 से 18 साल के हैं और आपसी सहमति से संबंध बना रहे हैं, तो उसे अपराध नहीं माना जाए. वकील ने अंतरराष्ट्रीय मानकों का हवाला देते हुए कहा कि किसी व्यक्ति की ‘कानूनी सहमति’ (Legal Consent) देने की क्षमता केवल उम्र पर आधारित नहीं होनी चाहिए.

दुनिया भर में ‘Age of Consent’ क्या हैं?

दुनिया भर में 'Age of Consent' अलग-अलग है. अधिकतर देशों में यह उम्र कम से कम 14 साल तय की गई है लेकिन कुछ जगहों पर यह और भी कम है. जैसे- सूडान, कोमोरोस और नाइजर में लड़कियों के लिए 'एज ऑफ कंसेंट' 13 साल है. यह दुनिया में यौन संबंधों के लिए सबसे कम उम्र है.इसके अलावा, 

- बांग्लादेश, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, इक्वाडोर और चीन में 14 साल.

- फ्रांस, पोलैंड, चेक गणराज्य, स्वीडन, ग्रीस, डेनमार्क और आइसलैंड में 15 साल.

- ब्रिटेन, स्पेन, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, कनाडा, साउथ अफ्रीका, नामीबिया, घाना और जापान में 16 साल.

- आयरलैंड में 17 साल.

- भारत, पाकिस्तान, वियतनाम, तुर्की, केन्या, जिम्बाब्वे और वेटिकन सिटी में 18 साल.

इसके अलावा, कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में ऐसा नियम है कि शादी से पहले सेक्स करना गैरकानूनी है. चाहे उम्र कुछ भी हो. इन देशों में लीबिया, अफगानिस्तान और सऊदी अरब शामिल हैं.

अमेरिका में संघीय कानून के मुताबिक, एज ऑफ कंसेंट 18 साल है लेकिन यहां हर राज्य अपना नियम खुद बनाता है. ऐसे में यहां के 31 राज्यों में यह 16 साल, 8 राज्यों में 17 साल और 11 राज्यों में 18 साल है.

वीडियो: यौन उत्पीड़न के आरोपी और BJP MP के बेटे को हरियाणा सरकार ने बनाया लॉ ऑफिसर

Advertisement