हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी के जिन दो भाइयों का जिक्र है, वो करते क्या हैं और क्या आरोप लगे हैं?
अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को 'भारत पर हमला' बताया है.
फॉरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट (Hindenburg Report) में उद्योगपति गौतम अडानी के भाइयों पर कई आरोप लगाए हैं. विनोद अडानी (Vinod Adani) और राजेश अडानी (Rajesh Adani) पर हिंडनबर्ग ने कई शेल कंपनियां, यानी फर्जी कंपनी चलाने के आरोप लगाए हैं. विनोद अडानी, गौतम अडानी के बड़े भाई है. वहीं राजेश अडानी छोटे भाई.
विनोद अडानी और राजेश अडानी कौन-कौन से बिजनेस के मालिक हैं? दोनों पर क्या-क्या आरोप लगे हैं, सब विस्तार से बताते हैं.
विनोद अडानीहिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक,
“अडानी ग्रुप रिपोर्ट में पूछे गए सवालों के जवाब देने में फेल हुई है. ग्रुप ने विनोद अडानी से जुड़ीं ऑफशोर शेल कंपनियों के फंड के बारे में कोई भी जानकारी साझा नहीं की है.”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुबई में रहने वाले विनोद अडानी सबसे अमीर NRI भी माने जाते हैं. हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है कि गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी कई ऑफशोर शेल कंपनियों को मैनेज करते हैं. वहीं, इससे पहले विनोद अडानी का नाम पनामा पेपर (Panama Papers, 2016) और पंडोरा पेपर (Pandora Papers, 2021) जैसे बड़े मामलों में भी सामने आया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विनोद अडानी भारत के छठवें सबसे अमीर शख्स हैं. विनोद की पूंजी कुल 1.69 लाख करोड़ रुपये है. इससे पहले विनोद ने साल 1976 में मुंबई में अपना टेक्स्टाइल बिजनेस शुरू किया था. इसके बाद वो इस बिजनेस को सिंगापुर ले गए थे. विनोद के इस बिजनेस को गौतम अडानी ने साल 1994 में मिडिल ईस्ट में फैलाया था.
राजेश अडानी
गौतम अडानी के छोटे भाई राजेश अडानी पर भी रिपोर्ट में आरोप लगाए गए हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि डायरेक्टोरेट ऑफ रिवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने हीरे के आयात-निर्यात में गड़बड़ी के सिलसिले में राजेश अडानी पर कई आरोप लगाए थे. इसके लिए DRI ने राजेश को साल 1999 और 2010 में गिरफ्तार भी किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, राजेश अडानी इस वक्त अडानी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर काम कर रहे हैं.
रिपोर्ट में लगाए गए आरोप कुछ इस तरह से हैं-
# हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इन ऑफशोर शेल कंपनियों में से 38 मॉरीशस में हैं. इसके अलावा UAE, साइप्रस, सिंगापुर और कई कैरिबियन द्वीपों में भी ऐसी कंपनियां मौजूद हैं.
# रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर इन शेल कंपनियों को स्टॉक पार्किंग और स्टॉक की हेराफेरी में इस्तेमाल किए जाने के आरोप लगे हैं. वहीं ये भी आरोप है कि इन कंपनियों द्वारा अडानी के अकाउंट में भी हेराफेरी की जाती है.
# यही नहीं, रिपोर्ट में अडानी ग्रुप और विनोद अडानी से जुड़ी कंपनियों के बीच हुई लेने-देने पर भी सवाल खड़े किए गए हैं.
# रिपोर्ट में ये भी आरोप लगाए गए हैं कि विनोद अडानी से जुड़ीं ऑफशोर कंपनियों में अडानी ग्रुप कंपनियों में लाखों-करोड़ों के स्टॉक मौजूद हैं.
# हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में ये भी आरोप लगाए गए हैं कि अडानी ग्रुप ने नियामक संस्थाओं को बयान जारी कर कहा कि विनोद अडानी किसी भी रूप से अडानी ग्रुप से नहीं जुड़े हैं.
# रिपोर्ट में इस बात पर भी सवाल खड़ा किया गया है कि क्या अडानी समूह विनोद अडानी के साथ अपने लेन-देन के बारे में सरकार के सामने स्पष्टवादी था?
# हिंडनबर्ग ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अडानी ग्रुप ने विनोद अडानी से अपने संबंध को लेकर सरकारी अधिकारियों को खुले रूप से गुमराह किया है.
# रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी ग्रुप ने पिछले 12 साल में PMC प्रोजेक्ट नाम की एक कंपनी को 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा दिए हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि इस कंपनी का मालिक विनोद अडानी के बेटे का करीबी है.
रिपोर्ट जारी होने के बाद से हिंडनबर्ग और अडानी ग्रुप के बीच बहस जारी है. अडानी समूह ने रिपोर्ट को 'झूठा' और 'भारत पर हमले' के तौर पर बताया था. इसपर हिंडनबर्ग ने अपना बयान जारी किया है. हिंडनबर्ग की ओर से कहा गया है कि अडानी ग्रुप ‘राष्ट्रवाद के नाम पर अपने फ्रॉड को छिपा रहा है’.
हिंडनबर्ग ने एक और बयान जारी करते हुए कहा,
# समीर वोरा पर भी आरोप“अडानी ग्रुप ने 413 पन्नों के बयान में केवल 30 पन्नों में उसकी 24 जनवरी की रिपोर्ट से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है.”
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में गौतम अडानी के भाइयों के अलावा कई करीबियों पर भी आरोप लगाए गए हैं. इसमें से एक नाम है समीर वोरा. समीर, अडानी के अस्ट्रेलिया बिजनेस के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं.
समीर वोरा गौतम अडानी की बहन के पति हैं. रिपोर्ट में समीर पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि वोरा भी हीरे के आयात-निर्यात की गड़बड़ी में राजेश अडानी के साथ शामिल थे. डायरेक्टोरेट ऑफ रिवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने समीर वोरा पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने नियामक संस्थाओं को गलत बयान जारी किया था और गुमराह किया था.
# हिंडनबर्ग रिपोर्टअडानी ग्रुप की समस्याओं की शुरुआत हिंडनबर्ग की 24 जनवरी को जारी हुई एक रिपोर्ट से शुरू हुई थी. 106 पन्नों की इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर टैक्स हैवन के ‘अनुचित’ इस्तेमाल और भारी-भरकम कर्ज को लेकर कई सवाल खड़े किए गए थे.
इस पर जवाब देते हुए अडानी ग्रुप की ओर से कहा था कि ये रिपोर्ट केवल किसी एक कंपनी पर हमला नहीं है बल्कि भारत, भारतीय संस्थानों की स्वतंत्रता, अखंडता, गुणवत्ता और भारत के विकास की कहानी पर सोचा समझा हमला है. सभी आरोप झूठे हैं. ग्रुप ने आगे कहा था कि ये बेहद चिंता की बात है कि बिना किसी विश्वसनीयता या नैतिकता के हजारों मील दूर बैठी एक यूनिट के बयानों से हमारे निवेशकों पर गंभीर असर पड़ा है. रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड भारत में इक्विटी शेयर्स का अब तक का सबसे बड़ा IPO का काम शुरू करने वाला है.
वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: अडानी पर शेयर भाव में हेराफेरी, वित्तीय गड़बड़ी का इल्ज़ाम, हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में कितना दम?