The Lallantop
Advertisement

क्या जानवरों को नशा करने के मामले में 'नामजद' किया जा सकता है?

क्या जानवर भी नशा करते हैं? कभी झूमते हाथियों के वीडियो आते हैं, तो कभी चिड़िया पेड़ से उल्टी लटकी दिखती है. जानते हैं जानवरों के नशा करने के कुछ किस्से, फिर बात करते हैं इसके साइंस की.

Advertisement
 Animal intoxication cases
जहरीले नशों के मामलों में डॉलफिन को भी नामजद किया जाता है. (AI से बनाई गई सांकेतिक तस्वीर)
10 अप्रैल 2024
Updated: 10 अप्रैल 2024 23:44 IST
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

हाल ही में खबर आई कि धनबाद पुलिस ने एक मामले में कोर्ट को बताया कि चूहे 19 किलो गांजा और भांग खा गए (rats ate ganja). जुलाई 2023 में चूहों पर 22 किलो गांजा हजम करने के आरोप लगे थे. और उत्तर प्रदेश में तो मूषकों पर 500 किलो गांजा (मैरुआना) खा जाने का आरोप लगाया गया था. मन में सवाल उठता है कि क्या जानवर भी नशा करते हैं? कभी झूमते हाथियों के वीडियो आते हैं, तो कभी चिड़िया पेड़ से उल्टी लटकी दिखती है. जानते हैं जानवरों के नशा करने के कुछ किस्से, फिर बात करते हैं इसके साइंस की.

पेड़ से लटकी चिड़िया, क्या इसे ही ‘हैंगओवर’ कहते हैं?

कुछ सालों पहले एक वीडियो खूब वायरल हुआ था. वीडियो में कबूतर की एक प्रजाति नशा करके उल्टी लटकी नजर आती है. बताया जाता है कि ये फर्मेंटेड (fermented) या सड़े फल खाकर ‘झूम’ रहे थे. फर्मेंटेशन वही प्रक्रिया है जिससे शराब बनाई जाती है. नेचर में भी फलों के सड़ने पर कभी-कभी उनमें अल्कोहल बन जाता है. न्यूजीलैंड की केरुरू (Kererū) चिड़िया ऐसे रस के नशे में देखी जाती हैं. 

हाथी और मूज के 'छलकते प्याले'

साल 2007 सात में एक खबर आई. मेघालय में कुछ हाथियों ने चावल की बियर पी कर बवाल काट दिया था. खंभे-वंभे भी उखाड़ फेंके थे. ऐसे ही अफ्रीकी देशों में भी हाथियों के फर्मेंटेड मरूला फल से नशा करने की बात कही जाती है.

अकेले हाथियों के नशे की बातें ही नहीं कही जाती. इसमें मूज भी शामिल हैं. मूज बारहसिंगा जैसा दिखने वाला एक जनवर होता है. मूज फर्मेंटेड सेब खाकर झूमते दिखते हैं.  

‘दिलजली’ फ्रूट फ्लाई

फिल्मों में तो दिल टूटने पर बोतल का सहारा लेते कई दीवाने देखे होंगे. लेकिन इस काम में हम इंसान ही खास नहीं हैं. इस बारे में एक रिसर्च की गई. देखना था कि क्या फ्रूट फ्लाई (fruit fly) साथी फ्रूट फ्लाई के साथ प्रजनन न कर पाने के बाद नशे का सहारा लेती हैं? 

नतीजों में पाया गया कि जो फ्रूट फ्लाई अपने साथी के साथ प्रजनन नहीं कर पाए, उन्होंने अल्कोहल वाले सड़े फलों के नशे का ज्यादा सहारा लिया. शायद वो भी रियाज़ ख़ैराबादी के इस शेर को याद करते होंगे. 

भर भर के जाम बज़्म में छलकाए जाते हैं

हम उन में हैं जो दूर से तरसाए जाते हैं

फ्रूट फ्लाई फलों को खाने वाले जीव हैं. इनपर आनुवांशिकी के शोध भी किए जाते हैं. 
नशे में उड़ान भरना (ड्रंक एंड फ्लाई)

हालांकि हर जानवर की नशे के प्रति रेजिस्टेंस अलग-अलग हो सकती है. जिसको कुछ लोग घर-मोहल्ले में ‘कैपेसिटी’ का नाम देते हैं. किसी की एक ग्लास, किसी की एक बोतल. बहरहाल शराब का सेवन सेहत के लिए हानिकारक है. शराब पीकर गाड़ी चलाना तो जुर्म भी है. ये हादसों को दावत देता है. लेकिन हम इंसानों तक ही. 

कुछ चमगादड़ तो नशीले फल खाकर बाकायदा उड़ान भर सकते हैं. इन पर बाकी जानवरों जैसा असर नहीं होता. मतलब समझा जा सकता है कि अल्कोहल के नशे का हर जानवर पर अलग असर हो सकता है.

‘मदहोश’ बिल्लियां

बिल्लियों पर इल्जाम लगाए जाते हैं कि ये खास तरह के नशे करती हैं. जो एक तरह के पौधे से होता है. इसका नाम है ‘कैटनिप’ (Neptera cafaria). लोग बताते हैं कि बिल्लियां इसके ‘नशे’ में मदहोश हो जाती हैं. हालांकि सभी बिल्लियों पर इसका एक सा असर नहीं होता. कुछ इसके भरपूर मजे लेती नजर आती हैं. तो कुछ को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता.

जहरीले नशे

अफ्रीका में एक बंदर जैसा दिखने वाला जानवर है, लीमर. कहा जाता है कि ये जहरीले मिलीपीड या कनखजूरे से नशा करते हैं. वैसे ये मिलीपीड इन लीमर के लिए भी बराबर जहरीले होते हैं. एक गलत कदम और ‘टें’ बोलने का खतरा! 

लेकिन फिर भी ये इन कनखजूरों से खेलते नजर आते हैं. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये इनका इस्तेमाल कीड़ों को भगाने के लिए करते हैं. वहीं कुछ कहते हैं कि ये साफ-सफाई रखने से ज्यादा उलझा, ‘नार्कोटिक्स’ का मामला है.

मशरूम के नशे

रेंडियर हिरन की तरह दिखने वाला जानवर है. कुछ चरवाहों का कहना है कि ये नशीले मशरूम का लुफ्त भी उठाते हैं. मशरूम जो ‘साइकेडेलिक’ होते हैं. माने इनको खा कर भ्रम जैसा नशा होता है. कहें तो मृगमरीचिका बिना रेगिस्तान के दिख सकती होगी.
ये भी पढ़ें: शेरों तक से भिड़ने वाले इस एक फीट के जानवर में इतनी हिम्मत आती कहां से है?

जानवर जानबूझकर नशे करते हैं?

अब बड़ा सवाल क्या जानवर भी हम इंसानों जैसे नशे की लत में पड़ते हैं? इसे लेकर अभी तक कोई बहुत पुख्ता रिसर्च नहीं किया गया है. हां, नशे का असर जानवरों पर भी होता है. लेकिन ‘खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं’ वाले नशे जानवरों में न के बराबर ही देखने को मिलते हैं. हालांकि लैब में हुए कुछ रिसर्च में देखा गया है कि जानवरों को भी इंसानी नशों, जैसे कोकेन वगैरह की लत हो सकती है.

प्रकृति में जानवरों के नशे के ज्यादातर मामले किस्सों या कुछ वीडियो के हवाले से हैं. किसी प्रजाति का किसी नशे की लत में होना या खाना पीना छोड़कर नशा करना कम ही देखने को मिलता है.

हां, खाने-पीने की फर्मेंटेड चीजों में अल्कोहल की वजह से नशा हो जाने के मामले जरूर देखने मिलते हैं. लेकिन ये नशा जानबूझकर किया जाता है, इस पर अभी और रिसर्च की जरूरत है. वहीं हाथियों के अल्कोहल वाले फल खाने पर भी अभी एक्सपर्ट्स असहमत हैं. उनका मानना है कि हाथी जो फल खाते हैं उनसे केवल 3 पर्सेंट अल्कोहल बन पाता है जो इन विशाल जानवरों को नशे में लाने के लिए पर्याप्त नहीं है. और हाथी ताजे फलों की बजाय सड़े नशीले फल खाना पसंद करते हैं, इस पर भी कोई ठोस रिसर्च नहीं है. 

ये भी पढ़ें: जुगनू को बोतल में भरते समय कभी सोचा था कि उसकी रोशनी के पीछे गजब विज्ञान है!

वहीं बिल्लियों के अलग तरह के नशे पर अभी एक्सपर्ट्स एक मत नहीं हैं. कुछ कहते हैं कि जिसे हम नशा समझते हैं वो कुछ और हो सकता है. जैसे बिल्लियां जब ‘कैटनिप के कश’ लगाती हैं, तो उन्हें किसी दूसरी बिल्ली के होने की झूठी गंध जैसा कुछ अनुभव मिलता है. ऐसा भी कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है. 

बता दें बिल्लियों की जिन हरकतों को लोग नशा समझते हैं, उस पर भी अभी साइंटिस्ट्स एक मत नहीं हैं. उनका मानना है कि ये उनका खेलने का व्यवहार हो सकता है, जो किसी दूसरी बिल्ली के पास होने पर होता है. इसके अलावा नेचर में ये सबूत नहीं मिलते कि बिल्लियां कैटनिप के पौधों के पास ज्यादा रहती हों और इसकी आदी हों. 

अमेरिका में गायों द्वारा लोकोवीड (locoweed) नाम की घास का नशा करने की बात भी कही जाती है. कहा जाता है कि इस घास से होने वाले तमाम नुकसानों के बावजूद गायें इसे खाती हैं. हो सकता है उन्हें इसकी लत हो. इसे समझने के लिए एक रिसर्च किया गया. गायों के एक बाड़े में कुछ नई गायों को लेकर आया गया.  ये देखने के लिए कि क्या पुरानी गायों को लोकोवीड की लत है और ये नई गायों से ज्यादा लोकोवीड खाती हैं. लेकिन नतीजों में मामला ऐसा नहीं था. पाया गया कि नई गायें भी उतनी ही लोकोवीड खा रही थीं. अनुमान लगाया गया कि गायें लोकोवीड नशे की वजह से नहीं बल्कि खाने की दूसरी चीजों की कमी की वजह से इसे खाती हैं.

जानवरों के नशे के ज्यादातर मामले एनेक्डोटल ही मिलते हैं. मतलब मैंने कहा तुमने सुना टाइप. कोई पूरी प्रजाति ही ‘पार्टी एनिमल्स’ की हो, ये अभी नहीं कहा जा सकता. बाकी चूहों ने 500 किलो मैरुआना (Marijuana) के साथ क्या किया, इस पर उनकी तरफ से कोई बयान अभी नहीं आया है.

वीडियो: गांजे के लीगल हो जाने से किस बात का डर है?

thumbnail

Advertisement

election-iconचुनाव यात्रा
और देखे

Advertisement

Advertisement

Advertisement