क्लियोपैट्रा: जिसके जीवन से खूबसूरत उसकी मौत थी
जिस सुंदरी के देह की लालसा हर शासक में थी, वो एक विषधर के चुंबन से मरी. इससे सुंदर क्या होगा?
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एक चित्रकार की कल्पना - क्लियोपैट्रा की सर्प-संसर्ग के साथ मौत.

मृत्युओं और आत्मघातों से भरे इतिहास, मिथकों और दंतकथाओं में जो एक मौत मुझे सर्वाधिक आकृष्ट करती है, वह है मिस्र की अंतिम फैरो सम्राज्ञी क्लियोपैट्रा की मौत.जूलियस सीज़र की मौत के 14 शाल बाद और मार्क एंटनी के आत्मघात के ताज़ातरीन ज़ख़्म के बाद जब क्लियोपैट्रा ने जाना कि ऑक्टेवियस (रोमन साम्राज्य का संस्थापक, जिसे बाद में "ऑगस्टस" के नाम से जाना गया) की फ़ौजें अलेक्सैंड्रिया में प्रवेश कर चुकी हैं और सर्वनाश समीप है तो उसने ओक्टेवियस के नाम एक संदेश भिजवाया, "मैं मार्क एंटनी के साथ ही अपनी आखिरी नींद सोना चाहती हूं." संदेश मिलते ही ऑक्टेवियस के सैनिक दौड़े लेकिन तब तक देरी हो चुकी थी.30 अगस्त, 30 ईसवी पूर्व. क्लियोपैट्रा ने दूध से स्नान किया, सोने के आभूषण पहने, एक एस्प सांप (इजिप्शियन कोबरा) को उसकी पेटिका से निकाला और उसके साथ खेलते हुए उसे अपनी निर्वसन देह (बाएं वक्ष) पर अपने विषदंत गड़ाने दिए. जब तक रोमन सैनिक पहुंचे, तब तक क्लियोपैट्रा की मौत हो चुकी थी. उसकी अनुचारिका कैर्मियोन से पूछा जाता है कि क्या यह साम्राज्ञी ने स्वयं किया, जिस पर वह जवाब देती है, "बिल्कुल, और उन्होंने यह बहुत अच्छे-से किया." यह कहकर कैर्मियोन गिर पड़ती है. उसने और उसकी साथी एइरास ने भी विषपान कर लिया था.जिस अनिंद्य सुंदरी की देह की लालसा अनेक शासकों में रही, उसे अंतत: एक विषधर ने मौत का चुम्बन दिया. सौंदर्य और नश्वरता का यह मिथक मुझे मथता रहता है.[पता नहीं, कितना सच है, कितनी किंवदंती. यूनानी भूगोलविद स्त्राबो ने क्लियोपैट्रा की मृत देह और फर्श पर रेंगते एस्प सांप को देखा था. स्त्राबो के वर्णन के आधार पर रोमन महाकवि प्लूटार्क ने अपनी पुस्तक "लाइफ़ ऑफ़ एंटनी" में इस किस्से को दर्ज किया, और फिर बाद में शेक्सपीयर ने अपने नाटक "एंटनी एंड क्लियोपैट्रा" में भी इसी मिथक को आधार बनाया. "Here, on her breast, there is a vent of blood", ये शेक्सपीयर के स्मरणीय शब्द हैं. वर्जिल, होरेस, प्रोपर्शियस, इन सभी रोमन कवियों के वर्णन में क्लियोपैट्रा की मौत के इसी मिथक को बारम्बार किंचित बदलावों के साथ दोहराया गया है]*** शेक्सपियर के नाटक एंटनी एंड क्लियोपैट्रा में क्लियोपैट्रा के ये आखिरी शब्द थे:(सांप से)अपने दांत गड़ा कर मुझे मेरी जान से जुदा कर दो. गुस्से से भर जाओ, और मुझे काट लो. अगर तुम बोल सकते, तो मैं तुम्हारे मुंह से सुनना चाहती. कि वो (ऑक्टावियस) सीजर कितना बड़ा बेवकूफ है जिसे मैंने हरा दिया है. ***