भारत कनाडा में बढ़ते तनाव के बीच एक और खालिस्तानी आतंकी की हत्या
लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह के गुर्गे सुखविंदर सिंह उर्फ सुक्खा दुनुके की हत्या की जिम्मेदारी ली है.
सुखविंदर सिंह उर्फ सुक्खा दुनुके नाम के गैंगस्टर की हत्या कर दी गई. 20 सितंबर को उसे सिर में गोली मारी गई. एक या दो नहीं, 9 गोलियां. मर्डर जिस समय हुआ, उस समय कनाडा की घड़ियों में सुबह साढ़े 9 बजे का समय हो रहा था.
सुक्खा साल 2017 में पंजाब से कनाडा भाग गया था. जाली पासपोर्ट बनवाकर. पंजाब में उस पर 18 केस दर्ज थे. कुछेक मामलों में वो छूट चुका था, अधिकतर में जांच चल रही थी. कत्ल के वक्त सुक्खा कनाडा के विनिपैग़ शहर के हैजल्टन ड्राइव रोड़ पर बने कार्नर हाउस के फ्लैट नंबर 203 में मौजूद था. ये उसका घर था. हमलावरों ने उसे उसके घर में घुसकर मारा.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुक्खा खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला का राइट हैंड माना जाता था. ये डल्ला जून में मारे गए हरदीप निज्जर का दोस्त है. सुक्खा NIA की वॉटेंड लिस्ट में शामिल था. सुक्खा पर आरोप था कि वो कनाडा में बैठकर भारत में अपने गुर्गों के जरिए रंगदारी उगाही का काम भी करता था. हथियारों की स्मगलिंग भी करता था.
जब उसकी हत्या हुई, तो हत्या के ज़िम्मेदारों को ढूंढने की कवायद चली. पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के मर्डर के आरोपी लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ये जिम्मेदारी ले ली. गैंग की ओर से एक सोशल मीडिया पोस्ट लगाई गई. जिसमें कहा गया था कि सुक्खा का हाथ गुरलाल बराड़, विक्की मिददुखेड़ा और संदीप नंगल अंबिया के मर्डर में था. इसलिए ये बदला लिया गया. इसमें कहा गया था कि "ये ड्रग एडिक्टेड नशेड़ी और सिर्फ अपने नशे को पूरा करने के लिए, पैसों के लिए उसने बहुत घर उजाड़े थे...पर अब इसके किए हुए पापों की सजा उसे मिल गई है."
लेकिन इस हत्या के पहले से ही भारत और कनाडा के बीच तनाव चल रहा है. इस चैप्टर में एक नया अपडेट है वीज़ा सर्विस बंद करने का. भारत ने आधिकारिक तौर पर कनाडा के लोगों को वीज़ा की सेवा देना बंद कर दिया है. हालांकि ये बैन अस्थायी है और कुछ-कुछ समय पर भारत सरकार स्थितियों को रिव्यू करेगी. बैन की सूचना मिली एक एक्स पोस्ट से. कनाडा में वीजा सर्विसेज देने वाली कंपनी BLS International Services ने एक्स पर मैसेज पोस्ट किया. इसके मुताबिक ऑपरेशन कारणों से 21 सितंबर, 2023 से इंडियन वीजा सर्विसेज को अगले आदेश तक सस्पेंड कर दिया गया है. कंपनी के मुताबिक उसे भारतीय मिशन से यह नोटिस मिला है. यानी कनाडा का कोई व्यक्ति पहली बार इंडिया आना चाहेगा, उन्हे वीज़ा नहीं मिल सकेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 21 सितंबर को पत्रकारों से बात करते समय स्थिति को साफ किया. कहा कि सुरक्षा कारणों से इस सर्विस को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है. साथ ही विदेश मंत्रालय ने ये भी साफ़ कर दिया कि कनाडाई मूल का व्यक्ति यदि किसी दूसरे देश से वीज़ा प्राप्त करके भारत आना चाहेगा, तो भी ऐसा नहीं हो सकेगा. विदेश मंत्रालय ने कनाडा सरकार की कमी पर भी सवाल उठाए, कि सरकार सुरक्षा नहीं दे पा रही, धमकियां मिल रही हैं, इसलिए वीज़ा सर्विस को कुछ समय के लिए बंद किया जा रहा है. ध्यान रहे कि भारत ने इसके पहले किसी भी मौके पर किसी देश का वीज़ा देना कैन्सल नहीं किया है. पाकिस्तान का भी नहीं. बस जब कोरोना फैला था, तब उस समय महामारी से बचाव वास्ते कुछ समय तक वीज़ा पर प्रतिबंध लगाया गया था.
बागची के बयान के मुताबिक भारत सरकार ने कनाडा की सरकार को उनके देश में हो रही आतंकी गतिविधियों के बारे में अवगत कराया था. लेकिन कनाडा सरकार ने निज्जर पर कोई भी सूचना नहीं दी. न ही निज्जर के मर्डर के बाद ही कोई जानकारी साझा की. और निज्जर की हत्या के बाद कनाडा सरकार ने को कार्रवाई की, जो बयान दिए, वो सबकुछ पूर्वाग्रह से भरा हुआ है. इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने ये सूचना दी कि सरकार भारत की सीमा में मौजूद कनाडा के डिप्लोमैट की संख्या में कमी करने पर विचार कर रही है. आज के विदेश मंत्रालय के बयानों की लिस्ट-
- कनाडाई मूल के व्यक्तियों के लिए वीज़ा सर्विस बंद की जा रही है
- भारत में मौजूद कनाडा के उच्चाधिकारियों की संख्या कम की जाएगी
- कनाडा की सरकार ने निज्जर पर कोई जानकारी साझा नहीं की
- कनाडा सरकार ने अपनी धरती पर पनप रहे आतंकवाद की रोकथाम के लिए कुछ नहीं किया
- कनाडा में पनप रहे आतंकवाद की फंडिंग पाकिस्तान की ओर से की जा रही है
बता दें कि निज्जर के मर्डर का आरोप लगाकर कनाडा ने भारत के राजनयिक को देश छोड़ने का आदेश दिया था. भारत ने भी यही कार्रवाई की. कनाडा के इंडिया डेस्क के इंटेलीजेन्स चीफ और दूतावास के कई स्टाफ को यहां से निकाल दिया था.
इसके अलावा भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA भी एक्टिव मोड में है. खालिस्तान समर्थकों और उनके द्वारा की जा रही हिंसाओं की बात करें तो NIA ने 20 और 21 सितंबर दोनों ही दिन कई नाम जारी किए हैं. इनमें कुछ नाम आप पहले से जानते हैं, कुछ नाम नए हो सकते हैं.
पहले 20 सितंबर की बात. इस दिन NIA ने 43 कुख्यात अपराधियों की फोटो जारी की. इसके साथ ही अपील की कि इन गैंगस्टर्स की प्रॉपर्टी, व्यापार समेत कोई भी डिटेल्स अगर किसी व्यक्ति के पास है, तो वो NIA के साथ शेयर करे. 43 लोगों के नाम-काम बताएंगे तो लंबा वक्त लगेगा. इसलिए आपको कुछ प्रमुख नाम बताते है, जिनका नाम इंडिया और कनाडा में हो रही हिंसक घटनाओं में बार-बार लिया जा रहा है.
लॉरेन्स बिश्नोई
अनमोल बिश्नोई (जो लॉरेन्स बिश्नोई का भाई है)
गोलडी बराड़
अर्शदीप गिल
जसदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया
लखबीर सिंह उर्फ लंडा
जो आतंकी भारत में हैं, जेल में हैं, उनकी खबर तो है. लेकिन जो भारत से बाहर हैं, बारहा उनके पाकिस्तान या कनाडा में होने की खबरें आती हैं.
बता दें कि इस लिस्ट में एक बड़ी संख्या उन लोगों की है, जिनका पंजाब-हरियाणा-राजस्थान के इलाकों में हुए गैंगवार में नाम आता है. ये बात भी साफ तौर पर कहनी चाहिए कि ये नामोल्लेख और उनके अपराध कनाडा तक जाते हैं.
इसके बाद आती है आज की तारीख. यानी 21 सितंबर. इस दिन NIA ने अमरीका के सन फ्रांसिको में भारतीय कॉनसुलेट में हुए हमले में शामिल कुछ खालिस्तान समर्थकों की फोटो जारी कर दी. NIA ने लोगों से कहा है कि अगर इनकी पहचान है, नाम-पता मालूम है तो हमें भी बताएं. आरोप है कि मार्च 2023 में खालिस्तान समर्थक सन फ्रांसिको के भारतीय कॉनसुलेट में घुस गये थे. तोड़फोड़ की. खालिस्तान का झंडा भी लगा दिया था. और दीवारों पर 'से फ्री अमृतपाल' लिख दिया था.
अब यहां पर दो सवाल उठते हैं. पहला सवाल कि भारत और कनाडा के बीच ये जो तनाव लगातार बढ़ रहा है, उसमें अगला अध्याय क्या हो सकता है? और दूसरा सवाल ये कि कनाडा में बसे भारतीय छात्र और भारतीय मूल के लोगों के पास क्या ऑप्शन हैं? क्योंकि विदेश मंत्रालय के ही आंकड़ों के मुताबिक, अमरीका के बाद सबसे अधिक संख्या में भारतीय छात्र रहते हैं कनाडा में. आंकड़ों के मुताबिक ये संख्या 1 लाख 86 हजार के आसपास जाकर टिकती है. ऐसे में सवाल उठता है कि वहां मौजूद भारतीय मूल के लोगों के लिए दिक्कत बढ़ने वाली है? क्योंकि विदेश मंत्रालय ने कनाडा के लोगों को नया वीज़ा देना बंद कर दिया है. इसको लेकर कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने प्रधानमंत्री से बात की. उन्होंने कहा कि उनकी बात कनाडा में मौजूद भारतीय छात्रों से हुई, और इन छात्रों का सबसे बड़ा हिस्सा पंजाब से ताल्लुक रखता है. रवनीत सिंह बिट्टू ने ये भी कहा कि मेरे दादा का जिसने कत्ल किया था, उसका राइट हैंड था निज्जर.
साथ ही ये बात भी तथ्य है कि भारत से बड़ी जनसंख्या का कनाडा आना जाना लगा रहता है. इस जनसंख्या का कहना है कि अगर दोनों देशों के बीच वीज़ा क्राइसिस एक बड़ी खाई में तब्दील होती है, तो स्थिति और गंभीर हो जाएगी. दोनों देशों के बीच स्थिति गंभीर है, तनाव की कमी के साथ ये आशा भी जताई जानी चाहिए कि कोई भी देश भारत के गुनहगारों का सेफ हार्बर न बने, और आतंकियों की वजह से दो देशों के संबंध न खराब हों. निर्दोष बचे रहे, गुनहगारों को उचित न्याय डिलिवर किया जाए.