केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस वीडियो में मोदी सरकार के दोनों मंत्री राकेश टिकैत से बातचीत कर रहे हैं. वीडियो किसानों और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत के दिन का है. 30 दिसंबर 2020 को सरकार और किसानों के बीच बातचीत हुई थी. सोशल मीडिया पर कुछ लोग दोनों मंत्रियों की भाषा की आलोचना कर रहे हैं.
क्या है वीडियो में?
वीडियो में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के अलावा अन्य किसान हैं. राकेश टिकैत कुछ कहते हैं, इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कहते हैं,
एक काम करो. मैं तुमको जेनविन किसान संगठनों से मुलाकात करा देता हूं, फिर रास्ता निकालते हैं.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोल ही रहे होते हैं इस बीच रेल मंत्री पीयूष गोयल आते हैं. और कहते हैं,
वैसे तो फिर आप लोगों के भी 40 संगठनों की सूचियां हैं हमारे पास, ज्यादा मुंह मत खुलवाओ यार.
मोदी सरकार के केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से किसान नेता राकेश टिकैत बात चीत के प्रमुख अंश !
पीयूष गोयल जी अब अपना मुँह खोल ही दीजिए 🙏@RakeshTikaitBKU pic.twitter.com/JbYASDvP5H
— प्रदीप आजमी भारतीय (@pradipyew) January 1, 2021
दिल्ली में नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों का प्रदर्शन एक महीने से अधिक समय से चल रहा है. 30 दिसंबर 2020 को किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत हुई. ऐसी खबरें आईं कि सरकार और किसान नेताओं के बीच दो मुद्दों पर सहमति बन गई है. लेकिन किसान आंदोलन के 37वें दिन स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि हमारी 50 प्रतिशत मांगें मानने का दावा गलत है. हमारी दो सबसे महत्वपूर्ण मांगें अभी तक नहीं मानी गई हैं. पहली तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग और दूसरी MSP पर कानूनी गारंटी की मांग.
उन्होंने कहा,
किसानों का ये आंदोलन अब निर्णायक दौर में है, 30 तारीख की वार्ता के बारे में मैं इतना ही कहूंगा कि अभी तो पूंछ निकली है, हाथी निकलना बाकी है. MSP को क़ानूनी अधिकार मिलने और तीनों कृषि क़ानूनों को खारिज करने पर सरकार टस से मस नहीं हुई है.
किसान नेताओं का कहना है कि 4 तारीख को वार्ता है. अगर परिणाम संतोषजनक नहीं निकलते हैं तो 6 तारीख को KMP राजमार्ग पर मार्च किया जाएगा. 6 तारीख से 20 तारीख तक, 2 हफ्ते, पूरे देश में देश जागृति अभियान चलाया जाएगा.
नेता नगरी: किसानों की दो मांगे मानने के बाद मोदी सरकार की आगे की रणनीति क्या होगी?