The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Uttarakhand Tourism Project 3 firms Bid All Controlled By Ramdev Aide Balkrishna

3 कंपनियों ने टेंडर के लिए लगाई बोली, अब पता लगा सभी में रामदेव के करीबी बालकृष्ण की हिस्सेदारी

एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि जिस कंपनी को टेंडर मिला, उसमें भी बालकृष्ण की हिस्सेदारी थी, जो टेंडर मिलने के बाद और बढ़ गई. यह भी दावा किया गया कि जिस कंपनी को टेंडर मिला उस कंपनी में बोली लगाने वाली अन्य दो कंपनियों ने भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई.

Advertisement
Uttarakhand Tourism Project 3 firms Bid All Controlled By Ramdev Aide Balkrishna
टेंडर के लिए अप्लाई करने वाली तीनों कंपनियों में है बालकृष्ण की हिस्सेदारी. (फाइल फोटो- PTI)
pic
रिदम कुमार
12 सितंबर 2025 (Updated: 12 सितंबर 2025, 10:18 AM IST)
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तराखंड सरकार के टूरिज्म बोर्ड ने कुछ साल पहले मसूरी के पास जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट में एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक टेंडर जारी किया था. टेंडर हासिल करने के लिए तीन कंपनियों ने बोली लगाई. एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये तीनों कंपनियां बाबा रामदेव के पुराने और विश्वस्त सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के नियंत्रण में हैं.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी ऐश्वर्या राज और धीरज मिश्रा की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार के टूरिज्म बोर्ड ने दिसंबर 2022 में यह टेंडर जारी किया था. इसके तहत 142 एकड़ जमीन, पार्किंग, रास्ते, हेलीपैड, वुडन हट्स, कैफे, दो म्यूजियम और एक ऑब्जर्वेटरी शामिल थी. ये सब सरकार ने पहले से बनवाया हुआ था, बस कंपनियों को इनका रखरखाव करना था. इसके लिए कंपनी को सरकार को सिर्फ 1 करोड़ रुपये सालाना देने थे. 

टेंडर के लिए तीन कंपनियों ने बोली लगाई. इन तीन कंपनियों के नाम प्रकृति ऑर्गेनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, भारुवा एग्री साइंस प्राइवेट लिमिटेड और राजस एयरोस्पोर्ट्स एंड एडवेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड है. कंपनी के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि प्रकृति ऑर्गेनिक्स और भारुवा एग्री साइंस इन दोनों कंपनियों में रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की 99% से ज्यादा की हिस्सेदारी है.

इसके बाद 1 फरवरी 2023 को टेंडर के लिए बोली लगी. राजस एयरोस्पोर्ट्स ने 1 करोड़ रुपये की बोली लगाई. जबकि भरुवा एग्री साइंस ने 65 लाख और प्रकृति ऑर्गेनिक्स ने 51 लाख रुपये की बोली लगाई. साफ है कि सबसे ऊंची बोली राजस की थी. दावा किया गया कि चूंकि बाकी दोनों कंपनियां भी बालकृष्ण की ही थीं इसलिए बोली के दौरान जो प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए थी वह नहीं हुई. 

जिस कंपनी को टेंडर मिला, उसमें भी बालकृष्ण की हिस्सेदारी थी. टेंडर मिलने से पहले बालकृष्ण की इसमें 25.01% हिस्सेदारी थी. लेकिन टेंडर मिलने के बाद उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 69.43% हो गई. यह भी दावा किया गया कि राजस एयरोस्पोर्ट्स एंड एडवेंचर्स को टेंडर मिलने के बाद बोली लगाने वाली बाकी दो कंपनियों ने भी राजस में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई. 

इसके अलावा, चार कंपनियों - भारुवा एग्रो सॉल्यूशन, भारुवा सॉल्यूशंस, फिट इंडिया ऑर्गेनिक और पतंजलि रिवोल्यूशन, जो सभी बालकृष्ण के स्वामित्व में हैं, ने मिलकर राजस एयरोस्पोर्ट्स एंड एडवेंचर्स में 33.25% हिस्सेदारी हासिल की. दावा किया गया कि यह टेंडर नियमों का उल्लंघन है क्योंकि बोली लगाने वाली कंपनियों को यह लिखित रूप में देना होता है कि वे आपस में सांठगांठ करके टेंडर नहीं भर रही हैं.

अब टूरिज्म डिपार्टमेंट क्या बोला?

अखबार ने इस बारे में जब टूरिज्म डिपार्टमेंट से पूछा तो एडवेंचर टूरिज्म विंग के डिप्टी डायरेक्टर अमित लोहानी ने बताया कि यह एक ओपन टेंडर ओपन था. इसमें कोई भी बोली लगा सकता था. अगर किसी की हिस्सेदारी दो-तीन कंपनियों में है तो यह कोई असामान्य बात नहीं है. वहीं, टेंडर जारी होने के समय उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) के CEO कर्नल अश्विनी पुंडीर का कहना है कि यह मिलीभगत नहीं है, क्योंकि ये कंपनियां कानूनी रूप से अलग हैं. हम कंपनियों और उनके बैकग्राउंड के आधार पर भेदभाव नहीं करते. सिर्फ ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी को टेंडर जारी किया जाता है. 

कंपनी क्या बोली?

टेंडर में मिलीभगत के बारे में पूछे जाने पर राजस एयरोस्पोर्ट्स के प्रवक्ता ने अखबार को बताया कि कंपनी ने पिछले कुछ सालों में अलग-अलग निवेशकों से कैपिटल जुटाई है. कंपनी के सभी फैसले मैनेजमेंट टीम लेती है. टेंडर पूरी तरह पारदर्शी प्रक्रिया के तहत मिला था. उन्होंने कहा कि किसी निवेशक को कंपनी में निवेश करने को मिलीभगत मानना ​​तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है.

उत्तराखंड सरकार की राजस को दिए जाने वाला यह कोई पहला प्रोजेक्ट नहीं है. हाल ही में उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) ने राजस एयरोस्पोर्ट्स को एक और प्रोजेक्ट दिया. इसके तहत कंपनी को जोलीग्रांट से मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट तक हेली शटल सर्विस देनी थी.

वीडियो: रामदेव और बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर फटकारा, कहा 'कारवाई के लिए तैयार रहिए'

Advertisement