सड़क के गड्ढे में गिरी बेटी, पिता उसी के पानी में लेट गया, कहा- 'BJP विधायक, नेता कोई नहीं सुनता'
Uttar Pradesh के Kanpur में सड़क पर पानी में लेटे शख्स का आरोप है कि यह इलाका विधानसभा स्पीकर और BJP विधायक सतीश महाना के विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर के तहत आता है. इसके बावजूद यह रोड ठीक नहीं हो रहा है.

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक पिता ने अपनी बेटी के गिरने के बाद सड़कों की खस्ता हालत पर गुस्सा जताने के लिए अनोखा तरीका अपनाया. जब अधिकारियों और नेताओं से कोई सुनवाई नहीं हुई, तो उसने रोड पर गड्ढे में भरे पानी में लेट कर अपनी आवाज उठाई. इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
इंडिया टुडे से जुड़े सिमर चावला की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना कानपुर के आनंद साउथ सिटी जाने वाले रास्ते की है. बताया जा रहा है कि यह सड़क महीनों से खस्ताहाल है और अधिकारियों की ओर से कोई सुधार नहीं हुआ है. सड़क पर पानी भरा हुआ है और गड्ढे की वजह से ना केवल स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि स्कूली बच्चों के लिए भी बड़ा खतरा बन गया है.
सड़क की खराब हालत से परेशान शीलू दुबे नामक शख्स ने जब देखा कि उसकी बेटी स्कूल जाते समय फिसलकर गिर गई, तो उन्होंने यह फैसला लिया कि वो पानी में लेट कर इस मुद्दे को उठाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि कई महीनों से सड़क नहीं बन रही. वायरल वीडियो में शीलू 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हैं, और कहते हैं,
"कई महीनों से सड़क नहीं बन रही. कई अधिकारियों से बोल चुके हैं. यहां के पार्षद से बोल चुके है. यहां के मंत्री से बोल चुके है. यहां के विधायक से बोल चुके हैं. कोई नहीं सुन रहा है. क्या करें छोटे-छोटे बच्चे जाते हैं पढ़ने. हमारे बच्चे भी जाते हैं. सब बच्चे जाते हैं. कई स्कूल हैं. यहां तक कि जितने भाजपा के नेता और विधायक यहां रहते हैं, कोई नहीं सुनता है. तो क्या करें, धरने पर बैठना पड़ेगा... यहां का वार्ड 82 है, जरौली. ये महाराजपुर विधानसभा के अंतर्गत सतीश महाना के अंतर्गत आता है. तब भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है."
शीलू का कहना है कि जब तक सड़क को ठीक नहीं किया जाता, तब तक वो यहीं धरना देंगे. उन्होंने आजतक को बताया,
“दस दिन पहले हमारी बेटी इस रोड पर गिर गई थी स्कूल जाने के दौरान. जब ये देखा कि बेटी गिर गई तो हमने यहां अपने सोशल मीडिया से वीडियो डाला. वीडियो डाला तो उसके बाद देखा कि कोई कार्रवाई नहीं हुई. कई बार हम यहां के नेताओं और अधिकारियों से बोल चुके हैं. उसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई. थक-हारकर मुझे कल वहां पर धरना देना पड़ा. क्या करें? एक बाप क्या कर सकता है? जब अधिकारी और विधायक और सांसद ना सुनेंगे तो बाप क्या कर सकता है कि रोड में पानी पर लेट ही सकता है. (बेटी को) चोट नहीं लगी, पानी में गिरकर उसकी ड्रेस वगैरह सब गंदी हो गई थी.”
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार है. शीलू का दावा है कि यह इलाका विधानसभा स्पीकर और भाजपा विधायक सतीश महाना के विधानसभा क्षेत्र महाराजपुर के तहत आता है, इसके बावजूद यह रोड ठीक नहीं हो रहा है.
उन्होंने प्रशासन पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा,
"स्मार्ट सिटी नहीं है, बिना सिटी हो गया है. आप देख ही रहे हैं कि यहां पर लोग निकल नहीं पा रहे हैं. ये स्थिति है. बिल्कुल खराब रोड है. जर्जर रोड है. जबकि सैकड़ों स्कूल हैं यहां पर. पार्षद यहां भाजपा का है. विधायक भी भाजपा का, मंत्री भी. सबकुछ भाजपा का है. नेता यहां से बराबर निकलते रहते है. जबकि ये रोड लिंक रोड है और घाटमपुर से लेकर गजनेर तक मिलता है. अगर निर्माण नहीं हुआ तो तीन दिन के अंदर यहां पर मैं प्रदर्शन करूंगा और फिर सरकार को, यहां के डीएम को जवाब देना पड़ेगा."
शीलू दुबे ने अधिकारियों, विधायक और मंत्रियों से इस रोड को ठीक कराने की अपील करते हुए कहा,
मिट्टी डलवा रहे हैं, रोड और खराब हो रहा है. कल के दिन बच्चे जब स्कूल जाएंगे तो कैसे जाएंगे? ये प्रशासन जवाब देगा इस चीज का. बहुत स्थिति खराब हो गई है इस रोड की. मैं प्रशासन से आग्रह करता हूं, यहां के विधायक-मंत्रियों से आग्रह करता हूं कि तीन दिन के अंदर ये रोड बनाया जाए और जब तक ये रोड ना बनाया जाए यहां के स्कूल भी बंद रहें... प्रशासन से निवेदन है कि यहां पर पूरी सफाई करके यहां पर बढ़िया तरीके से रोड बनाई जाए, ताकि लोग निकल सकें."
इस बीच, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस वीडियो पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा,
"उत्तर प्रदेश में भाजपा की पिछली सरकार ने 'गड्ढा मुक्ति' के नाम पर अरबों का जो फंड निकाला था, वो भाजपाइयों की जेब के गड्ढे तो भर गया लेकिन सड़के बद से बदतर हो गईं. भाजपा जाए तो सड़क बन जाए."

दरअसल, पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान चलाया था. इस पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने यह बयान दिया है. अब देखना होगा कि इस वीडियो के बाद प्रशासन क्या कदम उठाता है और क्या इस विरोध प्रदर्शन का कुछ असर होता है या नहीं.
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