एयरफोर्स को अगले महीने मिलेंगे दो तेजस Mk1A फाइटर जेट, अमेरिकन कंपनी ने भेजा इंजन
Tejas Mk1a फाइटर जेट्स Indian Air Force के पुराने Mig-21 और Jaguar जैसे विमानों की जगह लेगा. इस फाइटर जेट में अमेरिकन कंपनी GE Aerospace का F-404 इंजन लगता है. लेकिन अमेरिकन कंपनी ने लगातार इसकी डिलीवरी देने में देरी की.

तेजस Mk1A विमानों के लिए अमेरिका से आने वाले इंजन का इंतजार अब खत्म होने वाला है. अमेरिकन कंपनी GE Aerospace ने आखिरकार तेजस में लगने वाला एक इंजन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को डिलीवर कर दिया है. अगले महीने यानी अक्टूबर 2025 से पहले एक और इंजन डिलीवर कर दिया जाएगा. इंजन रिसीव होते ही HAL एयरफोर्स को दो तेजस Mk1A डिलीवर कर देगी.
फरवरी 2021 में रक्षा मंत्रालय ने इंडियन एयरफोर्स के लिए तेजस Mk1 फाइटर जेट्स की डील की थी. 48 हजार करोड़ की इस डील के तहत HAL की ओर से कुल 83 जेट्स एयरफोर्स को सौंपे जाने थे. लेकिन इन 83 जेट्स की डिलीवरी में लगातार देरी होती गई.

वजह, इस फाइटर जेट में अमेरिकन कंपनी GE Aerospace का F-404 इंजन लगता है. लेकिन अमेरिकन कंपनी ने लगातार इसकी डिलीवरी देने में देरी की. लिहाजा HAL समय पर इंडियन एयरफोर्स को ये विमान नहीं सौंप पाई है. इन विमानों को पुराने हो रहे मिग-21 और जगुआर की जगह लेनी है. लेकिन लगातार देरी के कारण ये संभव नहीं हो पा रहा. लेकिन बीते कुछ समय से अमेरिकन कंपनी ने अपनी सप्लाई चेन की दिक्कतों को दुरुस्त किया है. इसलिए उम्मीद है कि आने वाले एक साल में GE Aerospace तेजस के इंजन HAL को डिलीवर कर देगी. इस मौके पर जानकारी देते हुए HAL के एक अधिकारी ने बताया
HAL को मिला 97 और LCA Mk1A का ऑर्डरHAL को LCA Mk1A के लिए तीसरा GE404 इंजन मिल गया है. सितंबर के अंत तक एक और इंजन की डिलीवरी की जानी है. इंजन डिलीवरी की चेन में सुधार से LCA Mk1A विमानों की समय से डिलीवरी हो सकेगी.
अगस्त 2025 में सरकार ने लगभग 67 हजार करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस फाइटर जेट्स के एक और अतिरिक्त बैच की खरीद को हरी झंडी दी थी. सिंगल इंजन वाला Mk-1A, भारतीय वायुसेना के मिग-21 लड़ाकू विमानों की जगह लेगा. भारतीय वायुसेना के फाइटर स्क्वाड्रनों की संख्या आधिकारिक तौर पर स्वीकृत 42 से घटकर 31 रह गई है. ऐसे में नंबर गेम बनाए रखने के लिए तेजस का अतिरिक्त ऑर्डर HAL को मिला है. तेजस एक सिंगल इंजन वाला मल्टीरोल यानी एक साथ कई तरह के मिशंस करने में सक्षम है.
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इंजन डिलीवरी में देरी के लिए लगा था जुर्मानातेजस के इंजन की डिलीवरी काफी समय से सवालों के घेरे में रही है. डिलीवरी की ये रफ्तार एयरफोर्स की क्षमता को प्रभावित कर रही थी. इसके पीछे अलग-अलग कारण बताए गए. जैसे 4 नवंबर 2024 को फाइनेंशियल टाइम्स में एक रिपोर्ट छपी. इस रिपोर्ट में बताया गया कि भारत ने अमेरिकी कंपनी GE Aerospace पर तेजस के इंजन की डिलीवरी में हो रही देरी के लिए जुर्माना लगाया है. GE Aerospace को ये F 404-IN20 इंजन 2 साल पहले ही भारत की Hindustan Aeronautics Limited को भेजने थे. इस मामले पर GE Aerospace ने भी अपना पक्ष रखा. GE Aerospace ने इंजन डिलीवरी में हुई देरी का कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया पर विशेषज्ञ कहते हैं कि कोविड महामारी के बाद से सप्लाई चेन में जो दिक्कत आई, ये उसी का नतीजा है. अब GE Aerospace ने इंजन को डिलीवर करना शुरू किया है. अगर हर महीने 2-3 इंजन भी डिलीवर किए जाते हैं तो एक साल के भीतर HAL 2 स्क्वाड्रन खड़ी कर सकता है.
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