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प्रसिद्ध मंदिर के समारोह में BJP प्रदेश प्रमुख का स्वागत, कांग्रेस के दलित अध्यक्ष को रोक दिया

कांग्रेस नेता को मंदिर का झंडा भी नहीं दिया गया, जो एक प्रतीकात्मक सम्मान की तरह होता है.

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Tamil Nadu Congress chief stopped from taking part in Kancheepuram temple ritual
अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले सेल्वापेरुन्थागई ने कहा कि अधिकारियों को अधिकारियों की तरह ही व्यवहार करना चाहिए. (फोटो- X)
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प्रशांत सिंह
7 जुलाई 2025 (Updated: 7 जुलाई 2025, 11:27 PM IST) कॉमेंट्स
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तमिलनाडु के वल्लकोट्टई मुरुगन मंदिर के कुंभाभिषेकम में कांग्रेस के स्टेट प्रेसिडेंट (Tamil Nadu Congress chief ) के सेल्वापेरुन्थागई को शामिल होने से रोके जाने का मामला सामने आया है. कांचीपुरम में स्थित मंदिर में 17 साल बाद आयोजित इस समारोह में उन्हें रोके जाने के बाद विवाद हो गया है. इसी समारोह में बीजेपी नेता तमिलिसाई सौंदरराजन को एंट्री की अनुमति दी गई, लेकिन कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख को रोक दिया गया.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी नेता सौंदरराजन को मंदिर में 'कुदामुझुकु' (कलश पर पवित्र जल डालने की रस्म) के लिए मेन टावर तक ले जाया गया था. वहीं, के सेल्वापेरुन्थागई को शुरू में रोक दिया गया. इसके बाद उनके समर्थकों ने इसको लेकर आपत्ति जताई. बाद में उन्हें भी मेन टावर तक जाने की अनुमति दी गई. लेकिन इसके बाद कथित तौर पर हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (HR&CE) के अधिकारियों ने उन्हें अनुष्ठान में भाग लेने से रोक दिया. रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस नेता को मंदिर का झंडा भी नहीं दिया गया, जो एक प्रतीकात्मक सम्मान की तरह होता है.

सेल्वापेरुन्थगई ने अपने साथ हुए इस व्यवहार पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा,

"कुदामुझुकु उत्सव अच्छा रहा और मेरी बधाई. लाखों लोग थिरुचेंदूर मंदिर गए और मैं मंत्री की देखरेख में वहां गया. लेकिन अधिकारियों की उदासीनता साफ दिख रही थी. हमें नहीं पता कि कौन किसको नियंत्रित कर रहा है."

उन्होंने आगे कहा कि मंदिर में सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से संभाला गया. लेकिन इस घटना ने गहरे व्यवस्थागत मुद्दों को उजागर किया है. सेल्वापेरुन्थगई बोले,  

"ये 2000 साल पुराना मुद्दा है और इसे रातोरात सुलझाया नहीं जा सकता. अधिकारियों ने इसे अंजाम दिया और हम लोगों के साथ खड़े होकर देखते रहे. मैं ऐसा कुछ नहीं कहना चाहता जिससे मुख्यमंत्री या मंत्री पीके शेखरबाबू की छवि खराब हो."

अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले सेल्वापेरुन्थागई ने कहा कि उन्हें भगवान के दर्शन की अनुमति नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अधिकारियों की तरह ही व्यवहार करना चाहिए. साथ ही ये भी कहा कि उन्हें ये नहीं पता कि अधिकारियों ने उन्हें क्यों रोका और अंदर जाने की अनुमति क्यों नहीं दी.

वीडियो: कोर्ट में आज: तमिलनाडु के गवर्नर पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया है?

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