रूस ने यूक्रेन पर दागे 800 से ज्यादा ड्रोन, पहली बार कैबिनेट बिल्डिंग को बनाया निशाना
रूस ने यूक्रेन पर 805 ड्रोन और 13 मिसाइलें से हमला किया. इस हमले में एक बच्चे समेत दो लोगों की मौत हो गई. वहीं 15 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
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रूस ने बीती रात यूक्रेन की राजधानी कीव पर 800 से ज्यादा ड्रोन और हथियारों से हमला किया. रूस के द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा हमला बताया जा रहा है. रूस ने इसके साथ ही 13 मिसाइलें भी दागीं. इससे पेचेस्की में कैबिनेट बिल्डिंग में आग लग गई. रूस के इस हमले में एक बच्चे समेत दो लोगों की मौत हो गई. वहीं 15 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
यूक्रेन की एयरफोर्स के प्रवक्ता यूरी इहनात ने बताया कि यह रूस का सबसे बड़ा ड्रोन हमला था. वायुसेना ने दावा किया कि 747 ड्रोन और 4 मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया गया, उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया. इसके अलावा यूक्रेन में 37 जगहों पर 9 मिसाइल और 56 ड्रोन हमले हुए. मार गिराए गए ड्रोन और मिसाइलों का मलबा 8 अलग-अलग जगहों पर गिरा.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक हमले में राजधानी कीव में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. यूक्रेन के कैबिनेट भवन की छत और ऊपरी मंजिलें क्षतिग्रस्त हुईं. इमारत से धुएं का गुबार उठते दिखाई दिया. दमकल गाड़ियां और एम्बुलेंस मौके पर पहुंचीं. जबकि पुलिस ने इमारत में आने-जाने से रोक दिया.

हमले के बाद यूक्रेन के प्रधानमंत्री यूलिया स्विरीडेंको ने कहा,
“पहली बार सरकारी इमारत को दुश्मन के हमले में नुकसान पहुंचा है. हम इमारतों को फिर से बना लेंगे. जो जानें गई हैं उन्हें वापस नहीं ला सकते. दुनिया को अब सिर्फ शब्दों से नहीं. बल्कि कार्रवाई से जवाब देना चाहिए. खास तौर पर रूसी तेल और गैस के खिलाफ प्रतिबंधों को और मजबूत करना होगा.”
मेयर विटाली क्लिट्स्को ने बताया ड्रोन का मलबा कीव के स्वियातोशिन्स्की जिले की नौ मंजिला और डार्नित्स्की जिले की चार मंजिला आवासीय अपार्टमेंट पर गिरा. यह हमला दो हफ्ते में कीव पर किया गया दूसरा बड़ा ड्रोन और मिसाइल हमला है. यूरोपीय नेताओं ने हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन पर युद्ध समाप्त करने के लिए दबाव डाला था.
रूसी पाइपलाइन पर जवाबी हमलाआजतक की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन ने भी रूस की ऑयल पाइपलाइन को निशाना बनाया है. यूक्रेन की ड्रोन फोर्स के कमांडर रॉबर्ट ब्रोवडी ने कहा
"रूस के ब्रायंस्क एरिया में द्रुजबा ऑयल पाइपलाइन पर हमला किया गया है. जिसमें भारी नुकसान हुआ है. द्रुजबा पाइपलाइन पर अटैक से हंगरी और स्लोवाकिया को मिलने वाली रूसी तेल की सप्लाई प्रभावित हुई है. ये दोनों देश 2022 के हमले के बाद अन्य यूरोपीय देशों की तरफ से रिश्ते खत्म करने के बावजूद रूस से अपनी ऊर्जा जरूरतें पूरी कर रहे हैं."
यूक्रेन की तरफ से आगे कहा कि हमले का मकसद रूस के युद्ध प्रयासों को कमजोर करना था. इस पर फिलहाल मॉस्को की ओर से कोई तत्काल बयान नहीं आया.
इसके अलावा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने हाल ही में कहा कि वह शांति समझौते पर बातचीत के लिए पुतिन से मिलने को तैयार हैं. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प से रूस पर और सख्त प्रतिबंध लगाने की अपील भी की है.
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