4 साल पहले बना बिजली विभाग का ऑफिस ढहने की कगार पर, कर्मचारी हेलमेट पहनकर करते हैं काम
आपने लोगों को हेलमेट लगाकर बाइक चलाते हुए देखा होगा, लेकिन क्या कभी किसी ऑफिस में काम करने वाले को देखा है. रीवा में एक ऐसा ही ऑफिस है जहां ड्यूटी करने वाले कर्मचारी हेलमेट लगाकर काम करते हैं. इसकी वजह ऑफिस की जर्जर बिल्डिंग है.

‘प्राण जाए पर काम न जाए.’ रीवा की एक सरकारी बिल्डिंग में लोगों को काम करते देखेंगे तो आपके मुंह से भी यही निकलेगा. यहां हेलमेट लगाकर काम हो रहा है. आप सोच रहे होंगे ये नियम कब से आया कि मोटर साइकिल के अलावा कंप्यूटर चलाते समय भी आपको हेलमेट लगाना होगा?
तो जान लीजिए कि ये कोई नियम नहीं है. न शौक है और न काम को लेकर कर्मचारियों की विशेष लगन. ये बस जान बचाने की व्यवस्था है. वजह है ऑफिस की जर्जर सरकारी बिल्डिंग. इसकी हालत ऐसी खराब है कि मकान के अंदर काम करने वाले लोग हर पल, हर पल सहमे रहते हैं कि जाने कब छत उनके सिर पर गिर पड़े. ये डर ऐसे ही नहीं है. कुछ दिन पहले ऐसा हादसा हुआ भी है.
रीवा की जर्जर सरकारी बिल्डिंगहम बात कर रहे हैं, मध्य प्रदेश के रीवा शहर के नेहरू नगर में स्थित मध्य प्रदेश पूर्व विद्युत वितरण केंद्र लिमिटेड के फ्यूज कॉल सेंटर की. यहां के कर्मचारियों को हेलमेट पहनकर कंप्यूटर पर काम करते देख लोग हैरान रह गए. पूछने पर उन्होंने बताया कि ऑफिस की बिल्डिंग जर्जर है. छत का प्लास्टर जगह-जगह से टूटा है. बारिश में पानी टपकना तो आम बात है लेकिन अब प्लास्टर भी टूट कर गिरने लगा है.
बीते दिनों कंप्यूटर पर काम कर रहे आश्रित मिश्र के ऊपर अचानक प्लास्टर टूट कर गिर गया. इससे उनके पैर में गंभीर चोट आई. आश्रित के पास ही बैठने वाले एक अन्य कर्मचारी कुछ देर पहले ही उठकर बाहर चले गए थे. अगर वह कुर्सी पर बैठे होते उनका सिर फट जाता. इस घटना के बाद सभी कर्मचारी सहमे हुए हैं और जब भी ऑफिस में काम के लिए बैठते है तो हेलमेट लगा लेते हैं. आश्रित मिश्रा ने बताया,
कितनी पुरानी है बिल्डिंग?जान का डर है, इसलिए हेलमेट लगाकर काम करना पड़ता है. पूरा दिन हेलमेट लगाने से सिर में दर्द हो जाता है, लेकिन मजबूरी है कि अगर कुछ हुआ तो इसका जवाबदेह कोई नहीं होगा.
आपको लग रहा होगा कि सरकारी बिल्डिंग है. बहुत पुरानी होगी. जर्जर हो गई होगी. नया बनवाने के लिए फाइलें अटक रही होंगी इसलिए जीर्णोद्धार नहीं हो पा रहा होगा. तो ये भी जान लीजिए कि महज चार साल पहले ही ये बिल्डिंग बनी है. ऑफिस के प्रभारी जेई अनिल सिंह ने बताया,
ऑफिस को बने सिर्फ 4 साल हुए हैं. लेकिन ये कम टाइम में ही ये जर्जर हो गई. बिल्डिंग की क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा गया.
उन्होंने बताया कि ऑफिस की बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर हो चुकी है. दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें हैं और छत से पानी टपकने की समस्या बनी रहती है. भवन के जर्जर हाल के चलते कर्मचारियों को हर समय हादसे का डर सताता रहता है. मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से कई बार की गई है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. ऐसे में अपनी सुरक्षा के लिए कर्मचारी अब हेलमेट पहनकर काम करने को मजबूर हैं.
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