'अंकल ने बोला था तेरे पापा मर गए', फिर मम्मी नीला ड्रम लाई.... मासूम ने सुनाई पिता की हत्या की कहानी
पत्नी सुनीता ने प्रेमी जितेंद्र के साथ मिलकर पति की हत्या की और उसके शव को नीले ड्रम में भर दिया. उपर से नमक भी डाला ताकि लाश जल्दी गल जाए.

राजस्थान क हंसराज हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है. पता चला है कि मास्टरमाइंड मृतक हंसराज की अपनी पत्नी सुनीता थी. उसने अपने प्रेमी जितेंद्र के साथ मिलकर हंसराज की हत्या की और शव को नीले ड्रम में छुपा दिया. हत्या के बाद दोनों आरोपी फरार हो गए थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया है.
हत्या की योजना और घटना का तरीकापुलिस के मुताबिक, सुनीता और जितेंद्र ने यह हत्या पहले से शातिराना योजना के तहत अंजाम दी. करीब 10 दिन पहले ही सुनीता ने मकान मालकिन से नीला ड्रम मंगवाया था. 16 अगस्त की देर रात, दोनों ने हंसराज को मौत के घाट उतारा. शव को ड्रम में रखने के बाद उसमें नमक डाला गया ताकि शरीर जल्दी गल सके. इसके ऊपर कपड़े और एक बड़ा पत्थर रखकर दोनों फरार हो गए.
पुलिस ने बताया कि सुनीता और जितेंद्र के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था. हत्या के समय सुनीता आठ महीने की गर्भवती थी.
शव मिलने के बाद की घटनाएं17 अगस्त को शाम को खैरथल जिले के किशनगढ़बास स्थित आदर्श नगर कॉलोनी में रहने वाले जितेंद्र के घर की छत पर बने नीले ड्रम में हंसराज का शव मिला. हंसराज यूपी के शाहजहांपुर जिले का निवासी था और दिल्ली-राजस्थान में मजदूरी करता था.
शव मिलने के बाद ही सुनीता, उसके तीन बच्चे और मकान मालिक जितेंद्र फरार हो गए. खैरथल पुलिस ने अलवर पुलिस की मदद से रामगढ़ क्षेत्र के अलावड़ा में सभी को हिरासत में लिया. तीनों बच्चों को बाल संप्रेषण गृह भेजा गया, जबकि सुनीता और जितेंद्र से पूछताछ की जा रही है.
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जांच और पुलिस की बातेंजब हंसराज का शव मिला, उसके बाद से ही उसकी पत्नी सुनीता और मकान मालिक जितेंद्र गायब थे. पुलिस को इस पर शक हुआ तो जांच की सुई भी इसी दिशा में घूमी. मकान मालिक जितेंद्र तिजारा स्थित एक ईंट भट्टे पर मुनीम का काम करता था. उसी भट्टे पर हंसराज भी मजदूरी का काम करता था. शव मिलने के बाद से ही सुनीता और जितेंद्र फरार चल रहे थे. मामले की जांच के दौरान खैरथल पुलिस ने अलवर पुलिस की मदद से रामगढ़ क्षेत्र के अलावडा में एक ईंट भट्ठे से सुनीता, उसके तीन बच्चों और जितेंद्र को हिरासत में ले लिया. तीनों बच्चों को बाल संप्रेषण गृह भेजा गया है जबकि सुनीता व प्रेमी जितेंद्र से पुलिस पूछताछ कर रही है. इस मामले पर जानकारी देते हुए खैरथल पुलिस के एसपी मनीष चौधरी ने बताया
जांच में उठे सवालसुनीता ने अपने प्रेमी जितेंद्र के साथ मिलकर 16 अगस्त की देर रात हंसराज को मौत के घाट उतारा और उसके बाद हंसराज के शव को नीले ड्रम में रखकर फरार हो गए. दोनों ने बड़े ही शातिर तरीके से इस पूरी घटना को अंजाम दिया. दोनों ने पहले से ही हंसराज को मारने की योजना तैयार कर ली थी क्योंकि लगभग 10 दिन पहले ही सुनीता ने अपने मकान मालकिन से नीला ड्रम मांगा था. हंसराज के शव को ड्रम में रखने के बाद उन्होंने उसमें नमक डाला जिससे उसका शरीर जल्दी गल सके. उसके बाद शरीर पर कपड़े रखे और एक बड़ा पत्थर रख दिया.
खैरथल पुलिस के एसपी मनीष चौधरी ने बताया कि पूछताछ के दौरान कई अहम सवाल उठाए जा रहे हैं. मिसाल के तौरपर,
- हंसराज की हत्या किस हथियार से की गई?
- ड्रम में नमक कहां से लाया गया?
- हत्या की योजना कितने दिन पहले तैयार की गई थी?
- इस काम में और कौन शामिल था?
पुलिस ने बताया कि सुनीता और जितेंद्र के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग चल रहा था और दोनों के बीच संबंध थे. पुलिस ने कहा कि दोनों से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के दौरान सभी सवालों के जवाब तलाशे जा रहे हैं जैसे कि इन्होंने किस हथियार से हंसराज की हत्या की? नमक कहां से लेकर आए? कितने दिन पहले इन लोगों ने हत्या की योजना पर तैयार की? इस काम में और कौन-कौन लोग शामिल थे? इसके अलावा कई ऐसे सवाल हैं जो अभी तक पुलिस के सामने पहेली बने हुए हैं. उन सभी के जवाब पुलिस तलाश रही है.
यूपी के मेरठ हत्याकांड की यादयह मामला मार्च 2025 में यूपी के मेरठ में हुए नीले ड्रम हत्याकांड की याद दिलाता है. मेरठ में भी पति की हत्या पत्नी और प्रेमी ने मिलकर की थी और शव नीले ड्रम में छिपा दिया गया था.
8 साल के बच्चे ने सुनाई आपबीतीपुलिस ने इस मामले की जांच के दौरान हंसराज और सुनीता के 8 साल के बेटे से भी पूछताछ की. मासूम बच्चे ने जो बताया वो सुनकर पुलिस भी सिहर गई. बच्चे ने कहा
पापा हंसराज मां सुनीता और अंकल जितेंद्र ने एक साथ शराब पी थी. मां ने दो पैक लिए थे. जबकि अंकल और पापा ने ज्यादा शराब पी थी. उसके बाद पापा उसकी मां को मारने लगे. इस पर अंकल ने उनको बचाया. फिर मम्मी ने हम तीनों बच्चों को सोने के लिए भेज दिया. रात के समय जब मेरी नींद खुली तो देखा कि उसके पापा बेड पर पड़े हुए हैं. फिर सुबह जब उठा तो देखा कि पापा बेड पर ही पड़े हुए हैं और मम्मी और अंकल वहां पर खड़े हुए हैं. कुछ देर में अंकल और मम्मी ने नीला ड्रम जिसमें पानी भरा हुआ था, उसको खाली किया और उसमें पापा को डाल दिया और उसमें नमक डालकर ड्रम को छुपा दिया.
बच्चे ने आगे बताया कि उसके बाद उसके जितेंद्र और उसकी मां उनको लेकर एक ईंट के भट्टे पर पहुंची. बेटे ने बताया कि उस भट्टे पर काम करने वाले कुछ लोग उसके अंकल के जानने वाले थे इसलिए वो लोग वहां गए थे. लेकिन पुलिस पुलिस को इसकी जानकारी मिल गई और पुलिस वहां पहुंच गई और उनको पकड़ लिया. बच्चे ने बताया कि उसके पापा उसकी मम्मी के साथ मारपीट करते थे और बीड़ी पीकर बीड़ी से उसकी मां को जलाते थे.
उसने कहा कि एक बार 15 अगस्त को उसके पिता ने गुस्से में उसके ऊपर भी ब्लेड से हमला किया था. बच्चे ने आगे बताया कि उसके मकान मालिक अंकल जितेंद्र आए दिन उसके घर आते थे और उसकी मां के साथ रहते थे. वो उनको प्यार करते थे और टॉफी चीज लाकर देते थे. उसके अंकल ने उसका एडमिशन स्कूल में करवाया था. लेकिन इसकी जानकारी मिलते ही उसके पिता ने उसकी मां के साथ मारपीट की थी.
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