राजस्थान में 123 शिक्षकों पर केस, गहलोत सरकार में धोखे से नौकरी पाने का आरोप
Rajasthan REET Scam: राजस्थान की शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) 2018 से 2019 के दौरान ये कथित गड़बड़ियां हुई हैं. आरोप है कि इन शिक्षकों ने डमी कैंडिडेट बैठाकर और गलत तरीके से नौकरियां पाई हैं.

राजस्थान में पिछले पांच साल की शिक्षक भर्ती की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. शिक्षा विभाग ने स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) को 123 शिक्षकों की लिस्ट सौंपी है, जिनपर आरोप है कि उन्होंने 2018 और 2019 की राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) में गड़बड़ी कर नौकरी हासिल की. इसके बाद SOG ने सभी 123 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है.
इंडिया टुडे से जुड़े शरत कुमार की रिपोर्ट के मुुताबिक, अधिकारियों का आरोप है कि इन शिक्षकों ने डमी कैंडिडेट बैठाकर, फर्जी दस्तावेज, संदिग्ध फोटो और हस्ताक्षर के जरिए नौकरियां पाई हैं. गौर करने वाली बात ये है कि इन 123 शिक्षकों में 95 फीसदी से ज्यादा एक ही जिले जालौर के हैं, जिसे ‘पेपरलीक माफियाओं का गढ़’ माना जाता है.
इन शिक्षकों के खिलाफ IPC की धाराओं- 419 (किसी और का रूप धारण कर धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 467 (कीमती सिक्योरिटी की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के मकसद से जालसाजी) 471 (जाली दस्तावेज़ का इस्तेमाल करना), 120B (आपराधिक साजिश) के तहत FIR दर्ज की गई है. इसके अलावा राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) अधिनियम, 2022 की संबंधित धाराओं के तहत भी केस दर्ज किया गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कांग्रेस सरकार में 2018 और फिर 2021 में REET परीक्षाएं आयोजित की गईं. 2021 की परीक्षा में बड़े पैमाने पर पेपर लीक के आरोप लगे, जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया. 2022 में एक नई परीक्षा आयोजित की गई, जो अब भी जांच के दायरे में है.
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स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) के एडिशनल DG वी के सिंह ने आजतक को बताया,
हमने राजस्थान के सभी विभागों से कहा था कि राजस्थान में जिस तरह से बड़े स्तर पर पेपर लीक हुए, उसे देखते हुए बीते पांच सालों में जिन लोगों की नौकरी लगी है, उनकी विभागीय जांच की जाए. इसी सिलसिले में शिक्षा विभाग ने हमें इन संदिग्ध टीचर्स की लिस्ट सौंपी है. हमने इनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली है और एक-एक करके सभी के बारे में जांच की जाएगी.
बीते दिनों, SOG ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सुरक्षा में तैनात एक हेड कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार किया. ये गिरफ्तारी 2021 की सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में हुई. गिरफ्तार हेड कॉन्स्टेबल राजकुमार यादव, अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते उनके पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) थे. दिसंबर 2023 में सरकार बदलने के बाद भी वो उनकी सिक्योरिटी टीम में रहे. आरोप है कि यादव ने गैरकानूनी तरीके से किसी से क्वेश्चन पेपर लिया और उसे अपने बेटे भरत यादव को दे दिया.
वीडियो: राजस्थान SI भर्ती पेपर लीक में क्या गड़बड़ी सामने आई?