पेपर लीक केस में अशोक गहलोत की सुरक्षा में तैनात पुलिस कॉन्स्टेबल अरेस्ट, पेपर कैसे मिला? पता लगा
Rajasthan के पूर्व मुख्यमंत्री Ashok Gehlot की सुरक्षा में शामिल इस हेड कांस्टेबल पर आरोप है कि उन्होंने लीक क्वेश्चन पेपर अपने बेटे को दिया. उनका बेटा लिखित परीक्षा पास कर गया. आरोपी के पकड़े जाने के बाद अशोक गहलोत ने भी इस मामले में बयान दिया है.

राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की सुरक्षा में तैनात एक हेड कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार किया है. ये गिरफ्तारी 2021 की सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में हुई है. अब तक इस केस में 120 से ज्यादा लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जिनमें 54 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर भी शामिल हैं.
गिरफ्तार हेड कॉन्स्टेबल राजकुमार यादव, अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते उनके पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) थे. दिसंबर 2023 में सरकार बदलने के बाद भी वो उनकी सिक्योरिटी टीम में रहे. आरोप है कि यादव ने गैरकानूनी तरीके से किसी से क्वेश्चन पेपर लिया और उसे अपने बेटे भरत यादव को दे दिया.
भरत यादव ने लिखित परीक्षा पास कर ली, लेकिन फिजिकल टेस्ट में फेल हो गया. SOG ने 8 अगस्त को उसे भी गिरफ्तार कर लिया. 9 अगस्त को पिता-पुत्र दोनों दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें 12 अगस्त तक के लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया गया.
राजकुमार यादव कांग्रेस सरकार में मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय के भी PSO रह चुके हैं. आरोप है कि उन्होंने ये लीक पेपर, मालवीय के उस समय के निजी सचिव कुंदन कुमार पंड्या से लिया था. कथित तौर पर पंड्या को ये पेपर राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन के एक सदस्य से मिला था. SOG ने पंड्या को 5 जून को गिरफ्तार किया था.
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अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया सामने आईपुलिस अधिकारी और उनके बेटे की गिरफ्तारी पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है,
मीडिया के माध्यम से जानकारी में आया है कि मेरी सुरक्षा में तैनात जयपुर पुलिस लाइन के एक हेड कॉन्स्टेबल और उनके बेटे को SOG ने पकड़ा है.
किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो, तो कानून अपना काम करे. मुझे आशा है कि SOG बिना किसी दबाव के इस मामले की जांच कर एक तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचेगी.
राजस्थान में सब-इंस्पेक्टर और प्लाटून कमांडर के 859 रिक्त पदों को भरने के लिए, सितंबर 2021 में ये परीक्षा हुई थी. बाद में इसको लेकर पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोप लगे. राज्य सरकार ने SOG की ओर से चल रही जांच का हवाला देते हुए, इसे रद्द नहीं करने का फैसला किया है.
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