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Rail Budget 2025: रेलवे के बजट में कुछ भी नया नहीं, पैसों के आवंटन में भी कोई बदलाव नहीं

Railway Budget 2025: बजट में रेलवे को लेकर कोई नई घोषणा की बजाय पहले की घोषणाओं को पूरा करने पर जोर दिया गया है.

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Rail Announcements in Budget
वित्त मंत्री ने संसद में अपना 8वां बजट पेश किया. (तस्वीर: इंडिया टुडे/PTI)
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रवि सुमन
1 फ़रवरी 2025 (Published: 03:42 PM IST) कॉमेंट्स
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट (Union Budget 2025) पेश किया. इस बजट का एक हिस्सा रेलवे के लिए भी था. हालांकि, रेलवे क्षेत्र के लिए कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई. वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए भारतीय रेलवे को 2.52 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. इससे पहले वाले बजट में भी यही आंकड़ा था. रेलवे क्षेत्र को लेकर सुरक्षा और ट्रेनों को बिजली से जोड़ने की प्रक्रिया को तेज करने पर जोर दिया गया है.

पेंशन फंड के लिए 66 हजार करोड़, नई लाइनें बिछाने के लिए 32,235 करोड़ रुपये और लाइनों के दोहरीकरण में 32,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. साथ ही गॉज लाइन को बदलने के लिए 4,550 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है.

रेलवे के सिग्नल और टेलीकॉम सिस्टम पर 6,800 करोड़ रुपये और बिजली वाले लाइनों के लिए 6,150 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. रेलवे कर्मचारियों के कल्याण के लिए 833 करोड़ रुपये और उनकी ट्रेनिंग के लिए 301 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है. साथ ही रेलवे के सेफ्टी फंड को 45 हजार करोड़ रुपये का बजट मिला है.

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कवच सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा

रेल हादसों को कम करने के लिए कवच सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा. इसके 4.0 वर्जन को रेलवे रूटों पर लगाने का काम तेजी से किया जाएगा. इस वर्जन को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (RDSO) से अनुमति मिल गई है. दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता रूटों पर भी कवच सिस्टम लगाए जाएंगे.

बजट में रेलवे को लेकर कोई नई घोषणा की बजाय पहले की घोषणाओं को पूरा करने पर जोर दिया गया है. 

आम बजट से अलग पेश होता था रेलवे बजट

साल 2017 तक आम बजट और रेलवे बजट अलग-अलग पेश होता था. आम बजट पेश होने के एक दिन पहले रेल बजट को पेश किया जाता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परंपरा को बदला. उनकी सरकार ने दोनों बजटों को एक साथ मिला दिया. 2017 से रेलवे बजट, आम बजट के ही साथ पेश होने लगे. सबसे पहले तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐसा किया. नीति आयोग ने सरकार को ऐसा करने की सलाह दी थी.

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