BJP के कैंपों पर एक्शन को लेकर पंजाब पुलिस ने कहा- 'कमीशन के तौर पर लिया जा रहा पैसा... '
Punjab Police के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों ने यह भी शिकायत की है कि उन्होंने अपने बैंक खाते के नंबर उन लोगों को दे दिए थे, जिन्होंने उनसे संपर्क किया था और बाद में उनके बैंक खाते खाली कर दिए गए. हालांकि, पुलिस ने यह जानकारी नहीं दी कि ये शिकायतें किसने की हैं, कितनी FIR दर्ज की गई हैं.

पंजाब में इन दिनों एक राजनीतिक विवाद छिड़ा हुआ है. BJP ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) पर उसके कैंपों को जबरन बंद करने का आरोप लगाया है. वहीं, AAP का आरोप है कि BJP कार्यकर्ता डेटा चोरी कर रहे हैं और लोगों की व्यक्तिगत जानकारी ‘अवैध’ रूप से इकट्ठा कर रहे हैं.
इन सबके बीच, पंजाब पुलिस ने दावा किया कि पिछले 24 घंटों में उन्हें शिकायतें मिली हैं कि कुछ लोग, लोगों का प्राइवेट डेटा इकट्ठा कर रहे हैं और सरकारी काम करवाने के लिए उनसे ‘कमीशन के तौर पर’ पैसे वसूल रहे हैं. पुलिस का कहना है कि ये लोग एक खास राजनीतिक दल से जुड़े होने का दावा करते हैं. हालांकि, पुलिस ने यह जानकारी नहीं दी कि ये शिकायतें किसने की हैं, कितनी FIR दर्ज की गई हैं और कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब पुलिस ने बताया कि कुछ नागरिकों ने यह भी शिकायत की है कि उन्होंने अपने बैंक खाता नंबर उन लोगों को दे दिए थे, जिन्होंने उनसे संपर्क किया था और बाद में उनके बैंक खाते खाली कर दिए गए. पुलिस ने यह दावा ऐसे समय में किया है, जब पुलिस ने तीसरे दिन भी BJP कैंपों को निशाना बनाया और BJP नेता सुनील जाखड़ समेत उनके कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में लिया.
बताते चलें कि पंजाब BJP, 'BJP दे सेवादार, आ गए तुहाड़े द्वार' कार्यक्रम के तहत 39 कैंप चला रही है. BJP का दावा है कि उन्होंने यह अभियान केंद्र सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए शुरू किया है. दूसरी तरफ, सत्तारूढ़ AAP ने डेटा चोरी की चिंता जताई है और BJP कार्यकर्ताओं पर आधार संख्या समेत लोगों की व्यक्तिगत जानकारी को ‘अवैध’ रूप से इकट्ठा करने का आरोप लगाया है.
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हालांकि, पुलिस उस कानून के बारे में भी ब्यौरा देने में विफल रही. जिसके तहत गुरुवार, 21 अगस्त को पंजाब भर में कई BJP नेताओं को नजरबंद किया गया और हिरासत में लिया गया. फाजिल्का के SSP गुरमीर सिंह ने एक बयान में कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और नागरिकों के प्राइवेट डेटा की सुरक्षा के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी. उन्होंने कहा कि सरकार ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 को लागू करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत बिना सहमति के प्राइवेट डेटा इकट्ठा करना एक गंभीर अपराध है.
पंजाब पुलिस ने कहा कि ऐसी सभी शिकायतों की जांच की जा रही है. उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसे असामाजिक तत्वों से दूर रहें और अपना निजी डेटा किसी के साथ साझा न करें. क्योंकि इसका दुरुपयोग हो सकता है.
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