ज्यादा टैक्स रिफंड का वादा कर 500 करोड़ का खेल कर दिया, 10 हजार फर्जी ITR पता चले
Income Tax Return Refund की जांच में होम लोन ब्याज और मूलधन की अदायगी से लेकर मेडिकल खर्च, इंश्योरेंस प्रीमियम, एजुकेशन लोन, होम रेंट अलाउंस (HRA) तक के बढ़ा-चढ़ाकर या मनगढ़ंत क्लेम का एक पैटर्न सामने आया.

महाराष्ट्र के पुणे में कुछ प्रोफेशनल्स के ग्रुप ने ऐसा कांड किया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को कई टैक्सपेयर्स का ठौर-ठिकाना ढूंढना पड़ रहा है. आरोप है कि इन लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की खामियों का फायदा उठाते हुए 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला कर डाला. बताया जा रहा है कि पिछले 5 सालों में इन प्रोफेशनल्स ने 10,000 से ज्यादा फर्जी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किए हैं. अब आईटी डिपार्टमेंट की शाखा डायरेक्टरेट ऑफ इनकम टैक्स (इन्वेस्टिगेशन) इसकी जांच कर रही है.
जिन लोगों के रिटर्न फाइल किए गए, उनमें ज्यादातर बड़ी प्राइवेट और मल्टीनेशनल कंपनी से सैलरी पाने वाले कर्मचारी हैं. इंडिया टुडे से जुड़े ओंकार वाबले की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि ये प्रोफेशनल्स 'रिफंड स्पेशलिस्ट' बनकर ग्राहकों को ज्यादा टैक्स रिफंड का झांसा देते थे.
रिटर्न की जांच में होम लोन ब्याज और मूलधन की अदायगी से लेकर मेडिकल खर्च, इंश्योरेंस प्रीमियम, एजुकेशन लोन, होम रेंट अलाउंस (HRA) तक के बढ़ा-चढ़ाकर या मनगढ़ंत क्लेम का एक पैटर्न सामने आया. ज्यादातर मामलों में क्लेम साबित करने के लिए सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स भी नहीं लगाए गए थे.
अधिकारियों का अनुमान है कि यह घोटाला 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का है. एक सीनियर इनकम टैक्स अधिकारी ने कहा,
“ये कोई छिटपुट मामले नहीं थे, बल्कि एक अच्छी तरह से संगठित गिरोह था, जो पुरानी रिटर्न दाखिल करने के सिस्टम की खामियों का फायदा उठा रहा था.”
ये खामियां, जिनके कारण बिना सत्यापन के कटौतियां हो जाती थीं, अब मौजूदा रिटर्न दाखिल करने के ढांचे में सुधार कर दी गई हैं. इन खामियों की वजह से बिना वेरिफिकेशन के डिडक्शन हो जाते थे, लेकिन मौजूदा फाइल रिटर्न के सिस्टम में इन्हें ठीक कर लिया गया है.
विभाग ने इसमें शामिल प्रोफेशनल्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. अब उन टैक्सपेयर्स की भी पहचान की जा रही है जिनके नाम पर फर्जी दावे कर फायदा उठाया गया. अधिकारी ने आगे कहा,
“टैक्सपेयर्स बिचौलियों को दोषी ठहराकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते. उनके नाम पर किए गए किसी भी धोखाधड़ी वाले रिफंड पर जुर्माना और मुकदमा चलाया जाएगा.”
अधिकारियों ने बताया कि यह मामला हाल के सालों में पकड़े गए सबसे बड़े रिफंड संबंधी धोखाधड़ी के मामलों में से एक है. विभाग ने पहले भी PAN, TDS क्रेडिट और फर्जी ट्रस्टों से जुड़ी हेराफेरी का पर्दाफाश किया है. लेकिन पुणे का मामला बड़े पैमाने पर और संगठित धोखाधड़ी की वजह से अलग है.
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