राजस्थान में होंगे 'वन स्टेट वन इलेक्शन', भजनलाल सरकार ने उठाया बड़ा कदम
राजस्थान में वन स्टेट वन इलेक्शन की तैयारियां चल रही हैं. नगर निकाय और ग्राम पंचायतों के लिए परिसीमन का काम पूरा कर लिया गया है. रिपोर्ट को सरकार की मंजूरी भी मिल गई है.
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‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर फैसला अभी भले न हो पाया हो लेकिन राजस्थान की सरकार ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ के लिए कमर कस चुकी है. यानी प्रदेश में नगर निकाय और ग्राम पंचायत चुनाव एक साथ हो सकते हैं. इंडिया टुडे से जुड़े शरत कुमार की रिपोर्ट के अनुसार, 22 अगस्त को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस दिशा में एक कदम और बढ़ा दिया है. नगर निगम और ग्राम पंचायत के परिसीमन की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. राज्य सरकार की ओर से कहा गया है कि सीएम के इस फैसले से राजस्थान अब 'वन स्टेट वन इलेक्शन' की ओर तेजी से अग्रसर हो सकेगा.
बता दें कि इससे पहले राज्य में पंचायत और शहरी निकाय चुनावों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकार को 6 महीने का समय दिया था. इस अवधि के भीतर चुनाव कराने के निर्देश थे, जिसके बाद भजनलाल सरकार ने नगर निकायों में परिसीमन के लिए शहरी विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा की अध्यक्षता में और ग्रामीण इलाकों में परिसीमन के लिए पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार के सामने पेश कर दी, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया है.

दरअसल, राज्य में कई ग्राम पंचायतों और नगर निकायों के कार्यकाल खत्म हो चुके हैं. वहां पर प्रशासनिक अधिकारियों के भरोसे काम चल रहा है क्योंकि प्रदेश सरकार ने वन स्टेट वन इलेक्शन का एलान कर दिया था और चुनाव रोक दिए गए थे. फिर कुछ लोगों ने इसके खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका डाल दी थी कि ये संविधान का खुला उल्लंघन है. कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी पंचायत और नगर निकायों में चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं. याचिका पर फैसला देते हुए हाई कोर्ट ने सरकार से साफतौर पर कहा कि 6 महीने के भीतर उन सभी पंचायतों और निकायों में चुनाव कराए जाएं, जहां कार्यकाल खत्म हो गया है.
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