गड्ढों ने दिया ऐसा दर्द, बंदे ने बेंगलुरु नगर पालिका से 50 लाख का मुआवजा मांग लिया
50 Lakh Compensation From Nagar Palika: नगर पालिका से 15 दिनों के भीतर 50 लाख रुपये का मुआवज़ा देने को कहा है. लीगल नोटिस में शख़्स ने कहा कि खराब सड़कों पर ट्रैवल करने की वजह से उसे न सिर्फ शारीरिक परेशानी बल्कि मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है. और तो और शख़्स ने वकील के नोटिस की फीस के तौर पर 10,000 रुपये भी मांगे हैं.

सुबह काम पर जाते वक्त दिमाग में छत्तीस (36) टेंशन रहती है. इतनी टेंशन के बीच हताशा और गुस्सा तब और बढ़ जाता है जब सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हों. इसका कुछ न कर पाने की चिढ़ अलग होती है. जी भरकर सिर्फ सरकार और प्रशासन को कोसते हुए मंज़िल की ओर बढ़ जाते हैं. लेकिन बेंगलुरु का एक शख़्स हम-आप जैसा नहीं है. उसने बेंगलुरु की ख़राब सड़कों के लिए प्रशासन से 50 लाख रुपये का मुआवज़ा (50 Lakh Compensation For Damaged Roads) मांगा है. उसका कहना है कि टूटी हुई सड़कों की वजह से उसे फिज़िकल और इमोशनल परेशानी हुई.
इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक, शख़्स का नाम दिव्य किरन है. वह बेंगलुरु के रिचमंड टाउन का रहने वाला है. उसने वकील के ज़रिए ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) को लीगल नोटिस भेजा है. BBMP से 15 दिनों के भीतर 50 लाख रुपये का मुआवज़ा देने को कहा है. इतना ही नहीं वकील के नोटिस की फीस के तौर पर 10,000 रुपये भी नगर पालिका से ही मांगे हैं.

नोटिस में उन्होंने अपना दर्द बयां किया है. उनका कहना है कि वह एक रेगुलर टैक्स-पेइंग सिटिजन हैं. लेकिन नगर पालिका अपना अपना काम करने में पूरी तरह से फेल हो चुकी है. बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर तक को मेंटेन नहीं किया जा रहा. इसकी वजह से उसे न सिर्फ शारीरिक परेशानी बल्कि मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है.

लीगल नोटिस में उन्होंने दावा किया कि गड्ढों से भरी टूटी-फूटी सड़कों से गुज़रते वक्त उसे काफी झटके लगे. इसकी वजह से उनकी गर्दन और पीठ में काफी चोट आई. उन्हें पांच बार हड्डी के डॉक्टर (ऑर्थोपेडिक) और चार बार इमरजेंसी में अस्पताल जाना पड़ा. तेज़ दर्द की वजह से इंजेक्शन तक लेने पड़े. पेनकिलर और अन्य दवाएं अब भी खा रहे हैं. दर्द की वजह से वह अब ऑटो या टू-व्हीलर से ट्रैवल कर सकने की स्थिति में नहीं है.

नोटिस में कहा गया कि परेशानी सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं थी. उन्हें नींद न आने, चिंता और मानसिक परेशानी भी हुई. इसकी वजह से पर्सनल और ऑफिशियल काम दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है. BBMP की लापरवाही की वजह से आर्थिक बोझ भी झेलना पड़ रहा है.

NDTV से बात करते हुए किरण ने कहा,
बेंगलुरु की सड़कें गंदगी से भरी हैं. सबसे छोटा गड्ढा भी बहुत परेशानी का कारण बन सकता है. पहले कई बार अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई. लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ. मैं क्यों परेशान होऊं? कम से कम राज्य हमें अच्छी सड़कें तो मुहैया करा ही सकता है.
उनका कहना है कि यह बहुत दुखद है कि शहर में अच्छे बुनियादी ढांचे की कोई परवाह नहीं है. इसीलिए उन्होंने अधिकारियों को नोटिस भेजा है. अगर ज़रूरत पड़ी तो वह जनहित याचिका (PIL) भी दायर करेंगे. फिलहाल इस मामले पर नगर पालिका की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है.
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