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गाय पर हर दिन 40 और कुपोषित बच्चों पर 8 रुपये खर्च करती है मध्य प्रदेश सरकार

Madhya Pradesh में कुपोषण एक गंभीर और लगातार बढ़ती समस्या है. श्योपुर, धार, खरगोन, बड़वानी, छिंदवाड़ा और बालाघाट जैसे आदिवासी बहुल जिलों में हालात बेहद चिंताजनक हैं. अब ये मामला वहां कि विधानसभा में उठा है.

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Madhya Pradesh Malnutrition
कुपोषण से पीड़ित 12 महीने का कार्तिक. 6 माह के जुड़वा बच्चे गौरव और सौरव. (तस्वीर: इंडिया टुडे)
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रवीश पाल सिंह
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7 अगस्त 2025 (Published: 02:00 PM IST)
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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कुपोषण को लेकर स्थिति ठीक नहीं है. राज्य की विधानसभा में सरकार ने जो आंकड़े पेश किए हैं, उस पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने कुपोषित बच्चों के लिए दी जा रही राशि को लेकर सवाल उठाए हैं. दरअसल, सरकार का कहना है कि राज्य में प्रत्येक कुपोषित बच्चे के पोषण पर 8 रुपये और अतिकुपोषित बच्चों के लिए 12 रुपये प्रतिदिन खर्च किए जाते हैं. विपक्ष का कहना है कि इतने कम पैसों में कुपोषण की लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती. उन्होंने और अधिक फंड की मांग की है.

विक्रांत भूरिया के सवाल पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने जवाब दिया. इसके बाद कांग्रेस विधायक ने फिर से सवाल किया. उन्होंने पूछा कि जब दूध की कीमत 70 रुपये लीटर तक है, तो इतने कम पैसों में बच्चों को पोषण कैसे मिलेगा. उन्होंने कहा कि अधिकारी एक बैठक करते हैं, तो हजारों रुपए का नाश्ता और ड्राई-फ्रूट खा जाते हैं, लेकिन जिन कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को सबसे ज्यादा पोषण की जरूरत है, उनके लिए महज 8 रुपये और 12 रुपये रोज दिए जा रहे हैं.

दरअसल, मध्य प्रदेश में कुपोषण एक गंभीर और लगातार बढ़ती समस्या है. श्योपुर, धार, खरगोन, बड़वानी, छिंदवाड़ा और बालाघाट जैसे आदिवासी बहुल जिलों में हालात बेहद चिंताजनक हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक कई जिलों में हर चार में से एक बच्चा गंभीर रूप से कुपोषित है.

  • राज्य में 1.36 लाख बच्चे कुपोषण के शिकार हैं.
  • 29,830 बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं.
  • 1.06 लाख बच्चे मध्यम रूप से कुपोषित हैं .
  • कुपोषण की राष्ट्रीय औसत दर: 5.40 प्रतिशत.
  • मध्यप्रदेश की दर: 7.79 प्रतिशत (राष्ट्रीय औसत से अधिक).
  • आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से दिया जा रहा पूरक पोषण आहार: कुपोषित बच्चों के लिए- 8 रुपये प्रतिदिन. गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए- 12 रुपये प्रतिदिन.

महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री निर्मला भूरिया ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों के पोषण पर मिलने वाली राशि बेहद कम है. इसलिए केंद्र सरकार से ज्यादा राशि की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि कई अन्य राज्य भी हैं जिन्होनें केंद्र सरकार से पोषण आहार भत्ता बढ़ाने की मांग की है. 

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एक गाय पर प्रतिदिन 40 रुपये खर्च करती है MP सरकार

NDTV की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसी साल मार्च महीने में मध्य प्रदेश सरकार ने गौशालाओं में प्रत्येक गाय पर खर्च होने वाली राशि को 20 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 40 रुपये प्रतिदिन कर दिया था. इस रिपोर्ट में ये निष्कर्ष भी निकाला गया है कि एक गाय का पेट भरने के लिए प्रतिदिन 40 रुपये की राशि कम है.

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