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ना ड्यूटी, ना रिपोर्ट- फिर भी कांस्टेबल ने 12 साल तक उड़ाई सैलरी! पता है कैसे?

Madhya Pradesh: कांस्टेबल कभी ड्यूटी पर नहीं आया. फिर भी उसके नाम पर सैलरी पहुचंती रही. 12 साल बीत गए, लेकिन पुलिस विभाग के किसी अधिकारी ने इस चूक को नहीं पकड़ा. फिर एक दिन ऐसे खुला मामला.

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Madhya Pradesh policeman earned 28 lakh rupees in 12 years without doing any duty
कांस्टेबल 2011 में मध्यप्रदेश पुलिस में भर्ती हुआ था (सांकेतिक फोटो: आजतक)
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अमृतांशी जोशी
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7 जुलाई 2025 (Published: 11:27 AM IST) कॉमेंट्स
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मध्यप्रदेश में पुलिस विभाग की लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक पुलिस कांस्टेबल ने 12 साल तक ड्यूटी किए बिना ही 28 लाख रुपये की सैलरी ले ली. महीने दर महीने और साल दर साल सैलरी पाने के बाद एक दिन मामला खुल गया. मगर कैसे?

मामला क्या है?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरा मामला मध्यप्रदेश के विदिशा जिले का है. जिस कांस्टेबल की बात हो रही है. वो 2011 में मध्यप्रदेश पुलिस में भर्ती हुआ था. उसे भोपाल पुलिस लाइन में तैनात किया गया. फिर जॉइन करने के बाद उसे सागर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में पुलिस ट्रेनिंग के लिए भेजा गया. लेकिन वहां किसी को भी रिपोर्ट करने के बजाय, वह चुपचाप विदिशा अपने घर लौट आया. न ही उसने अपने किसी सीनियर को सूचित किया और न ही छुट्टी के लिए अर्जी दी. बल्कि, कांस्टेबल ने अपना सर्विस रिकॉर्ड भी स्पीड पोस्ट के जरिए भोपाल पुलिस लाइन को वापस भेज दिया.

ये दस्तावेज बिना किसी जांच या वेरिफिकेशन के मंजूर भी कर लिए गए. उधर ट्रेनिंग सेंटर में भी किसी ने उसकी गैरहाजिरी पर ध्यान नहीं दिया और भोपाल पुलिस लाइन में भी किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया. कई महीने और फिर कई साल बीत गए. कांस्टेबल कभी ड्यूटी पर नहीं आया. फिर भी, उसके नाम पर सैलरी पहुंचती रही. 12 साल बीत गए, लेकिन पुलिस विभाग के किसी अधिकारी ने इस चूक को नहीं पकड़ा. समय बीतता गया. कांस्टेबल ने भी 28 लाख से ज्यादा रुपये सैलरी के तौर पर ले लिए, वो भी बिना किसी पुलिस स्टेशन में कदम रखे.

ऐसे खुला मामला

फिर आया 2023. पुलिस विभाग ने 2011 बैच की वेतन ग्रेड समीक्षा शुरू की. तब ये घोटाला सामने आया. जांच के दौरान, अधिकारियों ने कांस्टेबल के पिछले रिकॉर्ड का पता लगाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला. अधिकारियों को ये बात पची नहीं कि कोई शख्स 12 सालों तक ड्यूटी पर रहा हो और उसे एक भी केस न सौंपा गया हो. इस मामले की जांच सौंपी गई ACP अंकिता खटेरकर को, जो भोपाल के टीटी नगर इलाके में तैनात हैं.

जब कांस्टेबल को पूछताछ के लिए बुलाया गया तो उसने दावा किया कि वह मानसिक रूप से परेशान है. इस सिलसिले में उसने कुछ दस्तावेज भी पेश किए. जिसमें कहा गया कि उसकी स्थिति के कारण वह इतने सालों तक ड्यूटी पर नहीं आ सका. 

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28 लाख की होगी वसूली

ACP अंकिता खटेरकर ने बताया कि कांस्टेबल को अपने बैच के बाकी सदस्यों के साथ ट्रेनिंग के लिए भेजा जाना था. लेकिन उसने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए अलग से और अकेले जाने की इजाजत मांगी. उधर बाकियों ने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली और वापस लौट आए. लेकिन कांस्टेबल ने कभी रिपोर्ट नहीं किया. चूंकि वह अकेला गया था, इसलिए उसका कोई वापसी रिकॉर्ड भी नहीं रखा गया.

ACP ने बताया कि कांस्टेबल फिलहाल भोपाल पुलिस लाइन में तैनात है और उस पर नजर रखी जा रही है. अब तक कांस्टेबल ने पुलिस विभाग को 1.5 लाख रुपए लौटा दिए हैं और बची हुई बाकी रकम वह भविष्य में मिलने वाली सैलरी से काटकर चुकाने को तैयार है.

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