स्कूल में क्लास की छत का प्लास्टर टूट कर छात्रा के सिर पर गिरा, टांके लगाने पड़े, VIDEO देखिए
Bhopal से लेकर सतना और शिवपुरी के दूरदराज के गांवों तक, कई स्कूल जर्जर हालत में हैं, छतें टपक रही हैं और वहां बिजली भी नहीं है. कई स्कूलों में तो शौचालय भी नहीं है और कुछ स्कूलों में तो भवन भी नहीं हैं.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एक सरकारी स्कूल की छत का प्लास्टर गिरने से एक बच्ची बुरी तरह घायल हो गई है. उसके सिर में टांके लगाए गए हैं. मामला भोपाल के बरखेड़ा पठानी के शासकीय पीएमश्री महारानी लक्ष्मीबाई कन्या स्कूल का है. स्कूल की प्राचार्य ने जिला शिक्षा अधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखा है.
18 जुलाई को जिस क्लास में ये घटना हुई है, वहां CCTV कैमरा लगा है. पूरी घटना उस कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है. इसमें देखा जा सकता है कि एक शिक्षिका क्लास में पढ़ा रही हैं. तभी अचानक सबसे आगे की बेंच के ऊपर छत का प्लास्टर गिरता है. बेंच पर दो लड़कियां थीं. प्लास्टर उनमें से एक लड़की के ऊपर गिरता है और उसका एक टुकड़ा उड़कर दूसरी लड़की की तरफ भी जाता है.
बाल-बाल बचीं शिक्षिकाजिस जगह पर छत का टुकड़ा गिरा, शिक्षिका भी उसके बिल्कुल पास में खड़ी थीं. इस घटना में वो बाल-बाल बचीं. बाकी बच्चे भी घबरा गए और अफरातफरी में वहां से बाहर निकलने लगे. वीडियो देखें-
सिर में लगे टांकेजिस बच्ची के ऊपर प्लास्टर गिरा था, वो बुरी तरह घायल हो गई. उसके सिर में टांके लगाए गए और फिर उसे घर भेज दिया गया. स्कूल की प्राचार्य ने घटना के संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को एक पत्र लिखा है. उन्होंने लिखा,
छत के प्लास्टर का छोटा सा टुकड़ा गिरने से एक छात्रा घायल हो गई, जिसके बाद उसका उपचार करवा कर उसे घर भेज दिया गया है. ऐसे ही और कमरों में भी बारिश के कारण छत गीली हो गई है. छात्राओं की संख्या ज्यादा होने के कारण बहुत परेशानी आ रही है. कुछ कक्षों की छतों की मरम्मत का काम करवाया जा रहा है.
जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार ने कहा है कि स्कूल प्रबंधन को ऐसी कक्षाओं में क्लास ना लगाने के आदेश दिए गए हैं.
ये भी पढ़ें: स्कूल वैन में ड्राइवर ने 4 साल की मासूम के साथ किया यौन उत्पीड़न, स्कूल पर भी FIR
मध्य प्रदेश में स्कूलों की जर्जर हालतसाल 2021 की UNESCO की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश में स्कूलों की बहुत बुरी स्थिति है. 2021 में यहां 21,077 स्कूल ऐसे थे जिसमें केवल एक शिक्षक थे. केंद्र सरकार के अनुसार, तीन साल बाद ये संख्या घटकर 12,210 हो गई. एक शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या भले ही घटी हो लेकिन अब भी राज्य में स्कूली शिक्षा की स्थिति ठीक नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भोपाल से लेकर सतना और शिवपुरी के दूरदराज के गांवों तक, कई स्कूल जर्जर हालत में हैं, छतें टपक रही हैं और वहां बिजली भी नहीं है. कई स्कूलों में तो शौचालय भी नहीं है और कुछ स्कूलों में तो भवन भी नहीं हैं.
वीडियो: मध्य प्रदेश का वीडियो वायरल, चपरासी से ही चेक करवा दी आंसर शीट