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52 होटलों पर प्लास्टिक शीट से बन रही थी इडली, इस राज्य की सरकार ने सुना दिया बड़ा आदेश

कर्नाटक के स्वास्थ मंत्री ने बताया कि प्लास्टिक एक कार्सिनोजेन्स मटेरियल है. इससे कैंसर होने का खतरा होता है. इडली को भाप से पकाने के दौरान गर्मी के कारण, कार्सिनोजेन्स के इडली में मिलने का खतरा होता है. जिससे सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है.

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Karnataka Bans Plastic Sheets in Idli
इडली बनाने में प्लास्टिक सीट के इस्तेमाल पर बैन (तस्वीर : इंडिया टुडे )
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सगाय राज
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27 फ़रवरी 2025 (Updated: 27 फ़रवरी 2025, 12:03 AM IST) कॉमेंट्स
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कर्नाटक सरकार ने इडली बनाने में प्लास्टिक शीट के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है. कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने गुरुवार, 27 फरवरी के दिन इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हमें जांच में ऐसे 52 होटल मिले, जहां प्लास्टिक शीट का इस्तेमाल होता है. खबर के मुताबिक ऐसी चार जगहों पर कार्रवाई की जा चुकी है. इससे पहले भी कर्नाटक सरकार ने ऐसे कदम उठाए थे. इसमें आर्टिफिशियल फूड कलर को बैन किया गया था.

इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, हाल में कर्नाटक के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने राज्य के 251 होटलों से सैंपल इकट्ठा किये थे. इनमें 52 होटलों में प्लास्टिक के इस्तेमाल की बात समाने आई है. स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू ने इन पर बात की. उन्होंने बताया,

"पहले इडली बनाने के लिए कपड़े का इस्तेमाल किया जाता था. लेकिन हमें सूचना मिली कि कुछ जगहों पर कपड़ों की बजाय प्लास्टिक शीट का उपयोग हो रहा इसलिए हमारी टीम ने इसकी जांच की."

स्वास्थ मंत्री ने बताया कि प्लास्टिक एक कार्सिनोजेन्स मटेरियल है. इससे कैंसर होने का खतरा होता है. इडली को भाप से पकाने के दौरान गर्मी के कारण, कार्सिनोजेन्स के इडली में मिलने का खतरा होता है. जिससे सेहत पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अब तक ऐसे चार प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और जुर्माना लगाया गया है.

इसे भी पढ़ें -मसालों के नाम पर फूड कलर तो नहीं खा रहे आप? जानें इसके क्या नुकसान हो सकते हैं

कर्नाटक सरकार खान-पान को लेकर सख्त

बीते साल मार्च के महीने में कर्नाटक सरकार ने गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी में यूज किए जाने वाले आर्टिफिशियल कलर पर बैन लगा दिया था. उस समय स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू ने इसके सैंपल की जानकारी दी थी. जिसमें गोभी मंचूरियन के 171 सैंपल में से 107 सैंपल में आर्टिफिशियल कलर मिले थे. जबकि कॉटन कैंडी के 25 सैंपल में से 15 सैंपल में आर्टिफिशियल कलर पाए गए थे.  सरकार का कहना था कि इन आर्टिफिशियल रंगों में कैंसरकारी केमिकल होते हैं. जो कि शरीर के लिए हानिकारक हैं. इस खबर को पढ़ने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

वीडियो: हजारीबाग हिंसा को लेकर किस पर आरोप लगा रहे हैं हेमंत सोरेन सरकार के मंत्री

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